ETV Bharat / international

अमीरात को तालिबान की अफगान में वापसी कबूल नहीं : अब्दुल्लाह

author img

By

Published : Oct 17, 2020, 6:37 PM IST

तालिबान की वापसी को लेकर अफगानिस्तान के उच्च परिषद के राष्ट्रीय सुलह प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि अमीराती तालिबान की वापसी कबूल नहीं करेंगे.

taliban
taliban

काबुल : अफगानिस्तान के उच्च परिषद के राष्ट्रीय सुलह प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि अमीराती तालिबान की वापसी किसी भी हालात में कबूल नहीं है, क्योंकि इससे देश में युद्ध की स्थिति बनी रहेगी.

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को कंधार पुलिस के पूर्व प्रमुख जनरल अब्दुल रजीक की मौत की दूसरी बरसी के मौके पर अब्दुल्लाह ने अपनी बात रखी. इस दौरान कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और राजनेता भी मौजूद रहे थे, जिनमें पहले उपराष्ट्रपति अमरुतुल्लाह सालेह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब और जमीयत-ए-इस्लामी प्रमुख सलाउद्दीन रब्बानी शामिल थे.

अब्दुल्ला ने इस दौरान अफगानों के बीच एकता की जरूरत पर बल दिया और कहा कि हिंसा से देश को शांति नहीं मिलेगी.

उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय बलों के हटाए जाने के बाद अगर लोगों में तालिबान पर फिर से राज किए जाने का विचार है, तो ऐसा अफगानिस्तान के लोगों के लिए कभी भी स्वीकार्य नहीं होगा.

हेलमंड प्रांत सहित हाल ही में हुई हिंसा की घटनाओं में वृद्धि की निंदा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हिंसा में इजाफा कर और आम आदमियों संग धार्मिक विद्वानों, राजनेताओं और पत्रकारों को निशाना बनाकर लोगों के मनोबल को कम कर शांति की अनुभूति नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि देश में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अफगान सरकार के प्रयासों का समर्थन अन्य देशों द्वारा किया जा रहा है और इस बात की भी चर्चा है कि देश ने संघर्ष विराम पर अपने रूख की घोषणा पहले ही कर दी है.

पढ़ें :- तालिबान और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बलों की वापसी में रुचि

अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आखिर तक तालिबान शांति के लिए किसी तर्क को स्वीकार करने के रास्ते नहीं आता है, तो अफगान खुद देश की गरिमा और संप्रभुता की रक्षा करेंगे.

एक महीने पहले दोहा में शांति वार्ता की शुरुआत के साथ हिंसा कम होने की उम्मीद थी, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इसमें अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है. तालिबान ने एक हफ्ते पहले ही हेलमंड के कई हिस्सों पर हमला किया, जिससे हजारों परिवार विस्थापित हो गए.

काबुल : अफगानिस्तान के उच्च परिषद के राष्ट्रीय सुलह प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि अमीराती तालिबान की वापसी किसी भी हालात में कबूल नहीं है, क्योंकि इससे देश में युद्ध की स्थिति बनी रहेगी.

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को कंधार पुलिस के पूर्व प्रमुख जनरल अब्दुल रजीक की मौत की दूसरी बरसी के मौके पर अब्दुल्लाह ने अपनी बात रखी. इस दौरान कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और राजनेता भी मौजूद रहे थे, जिनमें पहले उपराष्ट्रपति अमरुतुल्लाह सालेह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब और जमीयत-ए-इस्लामी प्रमुख सलाउद्दीन रब्बानी शामिल थे.

अब्दुल्ला ने इस दौरान अफगानों के बीच एकता की जरूरत पर बल दिया और कहा कि हिंसा से देश को शांति नहीं मिलेगी.

उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय बलों के हटाए जाने के बाद अगर लोगों में तालिबान पर फिर से राज किए जाने का विचार है, तो ऐसा अफगानिस्तान के लोगों के लिए कभी भी स्वीकार्य नहीं होगा.

हेलमंड प्रांत सहित हाल ही में हुई हिंसा की घटनाओं में वृद्धि की निंदा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हिंसा में इजाफा कर और आम आदमियों संग धार्मिक विद्वानों, राजनेताओं और पत्रकारों को निशाना बनाकर लोगों के मनोबल को कम कर शांति की अनुभूति नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि देश में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अफगान सरकार के प्रयासों का समर्थन अन्य देशों द्वारा किया जा रहा है और इस बात की भी चर्चा है कि देश ने संघर्ष विराम पर अपने रूख की घोषणा पहले ही कर दी है.

पढ़ें :- तालिबान और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बलों की वापसी में रुचि

अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आखिर तक तालिबान शांति के लिए किसी तर्क को स्वीकार करने के रास्ते नहीं आता है, तो अफगान खुद देश की गरिमा और संप्रभुता की रक्षा करेंगे.

एक महीने पहले दोहा में शांति वार्ता की शुरुआत के साथ हिंसा कम होने की उम्मीद थी, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इसमें अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है. तालिबान ने एक हफ्ते पहले ही हेलमंड के कई हिस्सों पर हमला किया, जिससे हजारों परिवार विस्थापित हो गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.