इस्लामाबाद : उत्तरी पाकिस्तान में गिलगित और बाल्टिस्तान के लोगों ने कड़ी सुरक्षा के बीच तीसरे विधानसभा चुनावों में हिस्सा लिया. इस दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये लोग मास्क लगाए और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते दिखे. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत के 24 में से 8 क्षेत्रों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी आगे चल रही है. वहीं, भारत ने गिलगित और बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के फैसले को लेकर पाकिस्तान की निंदा की है. भारत ने निंदा करते हुए कहा कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिये की गई किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है.
पीटीआई चल रही आगे
सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) गिलगित और बाल्टिस्तान में विधानसभा की 23 सीटों पर हुए मतदान के शुरुआती चरणों में आगे चल रही है. वहीं, एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अनाधिकृत परिणामों के हवाले से बताया कि पीटीआई यहां 7 सीटो के साथ आगे चल रही है. निर्दलीय उम्मीदवारों ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई है. चुनाव अधिकारियों ने बताया कि चार महिलाएं समेत कुल 330 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ चुनाव
गिलगित और बाल्टिस्तान में चुनाव सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. इस दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. बता दें, वोटों की गिनती शुरू हो गई है और पूरे परिणाम कल तक आने की संभावना है. इससे पहले मतदान अधिकारियों ने कहा था कि मतदान केंद्रों के अंदर मौजूद मतदाताओं को मतदान का समय समाप्त होने के बावजूद वोट डालने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 24 सीटों पर चुनाव होना था लेकिन एक सीट पर मतदान स्थगित होने के चलते अब 23 सीटों पर चुनाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन सीटों पर चार महिलाओं समेत कुल 330 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
चुनाव में लगाया धांधली का आरोप
'डॉन' अखबार ने खबर दी है कि चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के महासचिव नैयर बुखारी ने सत्तारूढ़ पीटीआई के उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने की मांग की है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि चुनाव के दौरान विकास परियोजनाओं की घोषणा करना स्पष्ट रूप से धांधली का संकेत है. खबर में बताया गया कि विदेश मंत्री और पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने चुनावों में धांधली के आरोपों से इंकार किया है.
भारत ने जताया विरोध
गिलगित और बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की पाकिस्तान की योजना का भारत ने विरोध किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सितंबर में एक डिजिटल प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि सैन्य कब्जे वाले तथाकथित 'गिलगित-बाल्टिस्तान' में स्थिति को बदलने के लिये पाकिस्तान द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह शुरू से ही अमान्य है. श्रीवास्तव ने कहा था कि हमारी स्थिति स्पष्ट व सतत है. जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के तहत आने वाला समस्त क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग रहा है और है तथा आगे भी रहेगा.
त्रिकोणीय होगा गिलगित और बाल्टिस्तान में चुनाव
राजनीतिक सुधारों के 2010 में लागू होने के बाद विधानसभा का यह तीसरा चुनाव है. कुल 1141 मतदान केंद्रों में से 577 को संवेदनशील व 297 को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है. गिलगित-बाल्टिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान से 15 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया है. हालांकि सैन्य कर्मियों की तैनाती नहीं हुई है. विशेषज्ञों ने यहां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच कड़े त्रिकोणीय मुकाबले का अनुमान लगाया है.
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इन पार्टियों ने उतारे कैंडीडेट
परंपरागत रूप से केंद्र में सत्ताधारी दल गिलगित और बाल्टिस्तान में चुनाव जीतता है. पीपीपी ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि पीएमएल-एन ने 21 प्रत्याशी खड़े किये हैं. पीटीआई ने दो सीटों पर स्थानीय दलों के साथ तालमेल किया है और शेष सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. क्षेत्र में शिया मुसलमानों की खासी आबादी है.
एक नवंबर को इमरान खान ने की थी घोषणा
एक नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति को बदलने के अपने फैसले पर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ चल रहे विरोध के बावजूद गिलगित और बाल्टिस्तान को अस्थायी-प्रांतीय दर्जा देने की घोषणा की थी. वहीं, गिलगित-बाल्टिस्तान में रहने वालों ने सड़कों पर उतरकर कहा कि वे अपने क्षेत्र में पाकिस्तान की भागीदारी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने मांग की है कि सत्तारूढ़ पीटीआई के उम्मीदवारों को चुनाव में धांधली के आरोप में अयोग्य घोषित किया जाए.