बीजिंग : चीन में घातक कोरोना वायरस का कहर इस कदर बढ़ता जा रहा है कि इससे 25 और लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिसके साथ ही इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है. करीब 6,000 लोगों के इसकी चपेट में आने की भी पुष्टि की गई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायरस संक्रमण अगले 10 दिन में चरम पर पहुंच जाएगा जिसके परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में लोगों की मौत होगी.
चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि वायरस संक्रमण के 5,974 मामलों की पुष्टि हो गई और वायरस की वजह से होने वाले निमोनिया के 31 नए मामले मंगलवार तक सामने आए थे.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार अभी तक कुल 132 लोग इस वायरस के कारण मारे गए हैं.
उसने कहा कि मंगलवार तक हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के कारण 125 लोगों की मौत हो गई और 3,554 मामलों की पुष्टि हुई थी.
एजेंसी ने बताया कि कोरोना वायरस से पीड़ितों लोगों में से 1,239 की हालत गंभीर है और चीन में इसके 9,239 संभावित मामले सामने आए हैं.
कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं. इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.
तिब्बत को छोड़कर चीन के सभी प्रांतों से कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए इसे फैलने से रोकना एक बड़ी चुनौती बन गई है.
चीन के अलावा, थाइलैंड में सात मामले, जापान में तीन, दक्षिण कोरिया में तीन, अमेरिका में तीन, वियतनाम में दो, सिंगापुर में चार, मलेशिया में तीन, नेपाल में एक, फ्रांस में तीन, ऑस्ट्रेलिया में चार और श्रीलंका में कोरोना वायरस का एक मामला सामने आया है.
बीजिंग में जिस 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है उसके संक्रमित होने के बारे में 22 जनवरी को पता चला था. वह आठ से 15 जनवरी के बीच वुहान शहर में था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को यह स्वीकार किया कि चीन में इस घातक विषाणु के वैश्विक जोखिम का आकलन करने में उससे गलती हुई. उसने कहा कि जोखिम मध्यम श्रेणी में नहीं बल्कि उच्च श्रेणी में है.