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नेपाल : ओली सरकार की देश के नए मानचित्र में संशोधन की पहल

नेपाल में पदारूढ़ ओली सरकार ने देश के नए मानचित्र को संशोधित करने की पहल की है. नेपाल के सदन पटल पर रखे गए दस्तावेज में देश के नए राजनीतिक मानचित्र और संविधान संशोधन का प्रस्ताव शामिल है. इससे पहले भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने हाल ही में देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया था, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों पर दावा किया गया था. भारत ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और कहा था कि 'कृत्रिम रूप से क्षेत्र के विस्तार' को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

new political map of nepal
भारत नेपाल सीमा विवाद
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Published : May 31, 2020, 8:39 AM IST

Updated : May 31, 2020, 7:22 PM IST

काठमांडू : प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने नेपाल के नए मानचित्र को संशोधित करने की पहल की है. नेपाल के सदन पटल पर रखे गए दस्तावेज में देश के नए राजनीतिक मानचित्र और संविधान संशोधन का प्रस्ताव शामिल है. इससे पहले सरकार ने विगत 22 मई को संसद में बिल पेश किया था. बिल में नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक (emblem) में नेपाल के राजनीतिक मानचित्र को अद्यतन करने और संविधान की अनुसूची 3 में संशोधन करने की मांग की गई थी.

इससे पहले संसद में प्रस्तुत नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र से संबंधित विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने चर्चा की. भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने हाल ही में देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया.

शनिवार को नेपाल की सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए देश के नए राजनीतिक मानचित्र से संबंधित विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने चर्चा की. इस चर्चा में इसके पक्ष में मत देने का फैसला किया गया है. इस संबंध में सानेपा में पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह फैसला किया गया.

'काठमांडू पोस्ट' ने सीडब्ल्यूसी सदस्य मिन बिश्वकर्मा के हवाले से कहा है कि इस विधेयक को जब मतदान के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, पार्टी इसका समर्थन करेगी. नेपाली कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में रखा गया प्रस्ताव उस संविधान संशोधन विधेयक से संबंधित है, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 9 (दो) से संबंधित तीसरी अनुसूची में शामिल राजनीतिक मानचित्र में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है.

बता दें कि कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री शिवमाया तुम्बाहांगफे को बुधवार को विधेयक को संसद में प्रस्तुत करना था. हालांकि, विधेयक को नेपाली कांग्रेस के अनुरोध पर सदन की कार्यवाही की सूची से हटा दिया गया था क्योंकि पार्टी को सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस पर निर्णय लेना था. नेपाली संविधान में संशोधन करने के लिए संसद में दो तिहाई मतों का होना आवश्यक है.

पढ़ें- लिपुलेख सीमा तक पहुंचा ईटीवी भारत, जानें- भारत-नेपाल विवाद की पूरी कहानी

गौरतलब है कि भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने हाल ही में देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया था, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों पर दावा किया गया था. भारत ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और कहा था कि 'कृत्रिम रूप से क्षेत्र के विस्तार' को स्वीकार नहीं किया जाएगा. भारत ने नेपाल से कहा था कि इस प्रकार 'मानचित्र के द्वारा अनुचित दावा' न किया जाए.

काठमांडू : प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने नेपाल के नए मानचित्र को संशोधित करने की पहल की है. नेपाल के सदन पटल पर रखे गए दस्तावेज में देश के नए राजनीतिक मानचित्र और संविधान संशोधन का प्रस्ताव शामिल है. इससे पहले सरकार ने विगत 22 मई को संसद में बिल पेश किया था. बिल में नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक (emblem) में नेपाल के राजनीतिक मानचित्र को अद्यतन करने और संविधान की अनुसूची 3 में संशोधन करने की मांग की गई थी.

इससे पहले संसद में प्रस्तुत नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र से संबंधित विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने चर्चा की. भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने हाल ही में देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया.

शनिवार को नेपाल की सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए देश के नए राजनीतिक मानचित्र से संबंधित विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने चर्चा की. इस चर्चा में इसके पक्ष में मत देने का फैसला किया गया है. इस संबंध में सानेपा में पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह फैसला किया गया.

'काठमांडू पोस्ट' ने सीडब्ल्यूसी सदस्य मिन बिश्वकर्मा के हवाले से कहा है कि इस विधेयक को जब मतदान के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, पार्टी इसका समर्थन करेगी. नेपाली कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में रखा गया प्रस्ताव उस संविधान संशोधन विधेयक से संबंधित है, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 9 (दो) से संबंधित तीसरी अनुसूची में शामिल राजनीतिक मानचित्र में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है.

बता दें कि कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री शिवमाया तुम्बाहांगफे को बुधवार को विधेयक को संसद में प्रस्तुत करना था. हालांकि, विधेयक को नेपाली कांग्रेस के अनुरोध पर सदन की कार्यवाही की सूची से हटा दिया गया था क्योंकि पार्टी को सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस पर निर्णय लेना था. नेपाली संविधान में संशोधन करने के लिए संसद में दो तिहाई मतों का होना आवश्यक है.

पढ़ें- लिपुलेख सीमा तक पहुंचा ईटीवी भारत, जानें- भारत-नेपाल विवाद की पूरी कहानी

गौरतलब है कि भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने हाल ही में देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक मानचित्र जारी किया था, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों पर दावा किया गया था. भारत ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और कहा था कि 'कृत्रिम रूप से क्षेत्र के विस्तार' को स्वीकार नहीं किया जाएगा. भारत ने नेपाल से कहा था कि इस प्रकार 'मानचित्र के द्वारा अनुचित दावा' न किया जाए.

Last Updated : May 31, 2020, 7:22 PM IST
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