इस्लामाबाद: भारत के साथ रिश्तों में तनाव के बावजूद पाकिस्तान सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारा परियोजना पूरा करने को प्रतिबद्ध है. ये कार्य बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती तक पूरा किया जाना है. इस बात की जानकारी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की एक वरिष्ठ सहायक ने दी.
बता दें, करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित डेरा साहिब को गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिये वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा मुहैया कराएगा. करतारपुर साहिब की यात्रा के लिये सिख श्रद्धालुओं को सिर्फ परमिट लेना होगा. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की स्थापना बाबा गुरु नानक ने 1522 में की थी.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान ने विभिन्न ट्वीटों में कहा कि करतारपुर सिखों के लिये पवित्र स्थल है और अंतर धार्मिक सौहार्द का सटीक उदाहरण है. उन्होंने उन खबरों को खारिज कर दिया कि पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंधों में नए सिरे से तनाव की वजह से गलियारे पर काम रोक दिया है.
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उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव के बावजूद दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिये उनके देश के दरवाजे खुले हैं. रेडियो पाकिस्तान के अनुसार उन्होंने कहा कि बढ़ते अतिवाद और असहिष्णुता की दुनिया में करतारपुर गलियारा सम्मान और सहिष्णुता के संदेश को फैलाता है.
अवान ने कहा कि पाकिस्तान के ध्वज में सफेद रंग अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करता है और यह सरकार को उतना ही पसंद है, जितना हरा रंग. उन्होंने कहा कि इस गलियारे का तय कार्यक्रम के अनुसार इस साल नवंबर में उद्घाटन किया जाएगा.
भारत के गत पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट देने के मद्देनजर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने इसके बाद नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा घटा दिया है.
(भाषा इनपुट)