बीजिंगः चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशहान पाकिस्तान पहुंच चुके हैं, इस दौरान वे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान व अन्य शीर्ष नेताओं के साथ कुछ अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 26 से 28 मई तक होने वाली वांग की यात्रा दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान प्रदान की कड़ी में हो रही है.
बता दें, इमरान खान की चीन यात्रा व अप्रैल के महीने में बीजिंग में बीआरएफ में उनकी भागीदारी से इस आदान प्रदान में काफी हद तक प्रगति हुई है.
अपनी यात्रा के दौरान वांग आरिफ अल्वी से भी मुलाकात करेंगे, वहीं वे पीएम इमरान खान के साथ अलग से मुलाकात करेंगे.
एफओ ने कहा कि चीन व पाक कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर भी हस्ताक्षर करेंगे, व बड़े क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे.
एफओ के मुताबिक, चीनी उपराष्ट्रपति की यह यात्रा पाक व चीन के बीच समय के परीक्षणों को रेखांकित करती है.
उन्होंने कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को मजबूत करेगा और दोनों देशों के बीच विविध क्षेत्रों में बढ़ते बहुआयामी सहयोग को गति देगा.
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, वांग सीपीईसी के विकास सहित कई मुद्दों पर पाकिस्तान के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे.
लू कांग ने कहा, चीन और पाकिस्तान एक दूसरे के सहयोगी हैं, हम पक्के मित्र हैं, हम एक दूसरे के मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर मजबूती से एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं, वहीं चीन की कूटनीति में हमेशा से पाकिस्तान की प्राथमिकता रही है. अब हमारा सहयोग और लगातार हो रहा उच्च स्तरीय लेन देन तेजी से बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, दोनों देश साथ मिलकर अपने सहयोग को गहरा कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मंचों में निकट समन्वय का संचालन कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान की बीजिंग यात्रा के लिए हाल ही में दूसरे बीआरएफ में भाग लेने के लिए भेजा।
वहीं अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मंचों का संचालन साथ कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि पीएम इमरान खान को बीजिंग यात्रा के दौरान हाल ही में दूसरे बीआरएफ में भाग लेने के लिए भेजा गया था.
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'हम मानते हैं कि वांग की यात्रा हमारे उच्च-स्तरीय लेन देन, दोस्ती और आपसी विश्वास को और गहरा करेगी और हमारे सीपीईसी विकास और बोर्ड में सहयोग को आगे बढ़ाएगी और हमारे दो देशों के लिए नए युग में साझा भविष्य के निकट समुदाय में नई प्रेरणा का संचार करेगी'. और दो देशों के बीच इस नए युग में साझा भविष्य के लिए एक नई प्रेरणा बनेगी.
भारत बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का विरोध कर रहा है, जिसका कारण चाइना पाकिस्तान इकनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के माध्यम से जारी करना है.
आपको बता दें, सीपीईसी बीआरआई की एक प्रमुख परियोजना है, जो बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ता है.
पाकिस्तान का दौरा करने के बाद, चीनी उपराष्ट्रपति जर्मनी और नीदरलैंड भी जाएंगे.
70 वर्षीय़ वांग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्य हैं. साथ ही वे चीन की संसद, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस और सेंट्रल फॉरेन अफेयर्स कमीशन, सीपीसी के प्रमुख विदेशी मामलों के सदस्य भी हैं.