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'ऑस्ट्रेलिया में चीनी छात्रों को चीन सरकार ने धमकाया' - ऑस्ट्रेलिया में चीनी छात्राें की सुरक्षा का मामला

चीन सरकार और उसके समर्थकों ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे लोकतंत्र समर्थक चीनी छात्रों काे डराया धमकाया लेकिन इस सब के बीच आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय इन छात्रों की अकादमिक स्वतंत्रता का संरक्षण करने में नाकाम रहें. अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (International NGO Human Rights Watch) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है.

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Published : Jun 29, 2021, 10:57 PM IST

सिडनी : अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (International NGO Human Rights Watch) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भयादोहन द्वारा पैदा किया गया डर हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है. भयादोहन में सहपाठियों द्वारा छात्रों की गतिविधियों की शिकायत चीनी अधिकारियों से किया जाना भी शामिल है.

छात्राें की स्थिति काे बताया दुखद
ह्यूमन राइट्स वाच के लिए आस्ट्रेलिया के शोधार्थी एवं रिपोर्ट की लेखक सोफी मैकनेल ने कहा कि ये छात्र कितने अकेले हैं और घर से इतनी दूर रहते हुए किस कदर जोखिम में हैं तथा विश्वविद्यालय से सुरक्षा मिलने का अभाव, वास्तव में ये सब दुखद है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बीजिंग से जवाबी कार्रवाई का सामना करने को लेकर सशंकित हैं, इसलिए इन मुद्दों पर खुल कर चर्चा करने के बजाय वे चुप्पी साधे हुए हैं.

ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने आस्ट्रेलिया (Australia) में ट्विटर पर लोकतंत्र समर्थक संदेश पोस्ट करने वाले एक छात्र को जेल में डालने की धमकी दी और एक अन्य का पासपोर्ट जब्त कर लिया, जिसने आस्ट्रेलिया में सहपाठियों के समक्ष लोकतंत्र के लिए समर्थन प्रकट किया था.
इसे भी पढ़ें : रूस ने छापों के जरिए खोजी पत्रकारों को निशाना बनाया
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष निर्यात में शामिल है, जिसने 2019 में देश में 30 अरब डॉलर का योगदान दिया.
(पीटीआई-भाषा)

सिडनी : अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (International NGO Human Rights Watch) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भयादोहन द्वारा पैदा किया गया डर हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है. भयादोहन में सहपाठियों द्वारा छात्रों की गतिविधियों की शिकायत चीनी अधिकारियों से किया जाना भी शामिल है.

छात्राें की स्थिति काे बताया दुखद
ह्यूमन राइट्स वाच के लिए आस्ट्रेलिया के शोधार्थी एवं रिपोर्ट की लेखक सोफी मैकनेल ने कहा कि ये छात्र कितने अकेले हैं और घर से इतनी दूर रहते हुए किस कदर जोखिम में हैं तथा विश्वविद्यालय से सुरक्षा मिलने का अभाव, वास्तव में ये सब दुखद है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बीजिंग से जवाबी कार्रवाई का सामना करने को लेकर सशंकित हैं, इसलिए इन मुद्दों पर खुल कर चर्चा करने के बजाय वे चुप्पी साधे हुए हैं.

ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने आस्ट्रेलिया (Australia) में ट्विटर पर लोकतंत्र समर्थक संदेश पोस्ट करने वाले एक छात्र को जेल में डालने की धमकी दी और एक अन्य का पासपोर्ट जब्त कर लिया, जिसने आस्ट्रेलिया में सहपाठियों के समक्ष लोकतंत्र के लिए समर्थन प्रकट किया था.
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उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष निर्यात में शामिल है, जिसने 2019 में देश में 30 अरब डॉलर का योगदान दिया.
(पीटीआई-भाषा)

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