ETV Bharat / international

चीन में अगले माह होगा डॉ. कोटनीस की प्रतिमा का अनावरण - Kotnis was residents of Solapur Maharashtra

डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे और 1938 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन के लोगों की मदद करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भेजे गए पांच-सदस्यीय चिकित्सकों के दल में शामिल थे. कोटनीस 1942 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में शामिल हो गए थे और उसी वर्ष उनका निधन हो गया था. तब वह 32 वर्ष के थे.

सिद्ध भारतीय चिकित्सक डॉ द्वारकानाथ कोटनीस
सिद्ध भारतीय चिकित्सक डॉ द्वारकानाथ कोटनीस
author img

By

Published : Aug 28, 2020, 7:49 PM IST

बीजिंगः प्रसिद्ध भारतीय चिकित्सक डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस की कांस्य की प्रतिमा का उत्तरी चीन में एक चिकित्सा स्कूल के बाहर अगले माह अनावरण किया जाएगा.

चीन का यह कदम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान और चीन के संस्थापक माओत्से तुंग की अगुआई में हुई चीनी क्रांति के दौरान पीड़ितों की सेवा करने में डॉ. कोटनीस के योगदान के प्रति आभार प्रकट करने वाला है. चीन की सरकारी मीडिया में यह जानकारी दी गई.

कोटनीस महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे और 1938 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन के लोगों की मदद करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भेजे गए पांच-सदस्यीय चिकित्सकों के दल में शामिल थे. कोटनीस 1942 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में शामिल हो गए थे और उसी वर्ष उनका निधन हो गया था. तब वह 32 वर्ष के थे.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, कोटनीस की कांस्य की प्रतिमा का सितंबर में शिजिआझुआंग के मेडिकल स्कूल में औपचारिक रूप से अनावरण किया जाएगा. उन्हें चीन में 'के दिहुआ' के नाम से जाना जाता है.

गौरतलब है कि चीनी क्रांति के मुश्किल दिनों में कोटनीस की चिकित्सा सेवा की चीनी नेता माओत्से तुंग ने काफी सराहना की थी. उनकी सेवाओं को याद करते हुए देश के अनेक शहरों में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है.

यह भी पढ़ें - भारत-चीन के बीच तनाव कम करना चाहता है अमेरिका : रक्षा सचिव

शिजिआझुआंग के दिहुआ मेडिकल साइंस सेकेंडरी स्पेशलाइज़्ड स्कूल के अधिकारी लियू वेनझु के अनुसार, 1992 में स्कूल की स्थापना के बाद से 45,000 से अधिक मेडिकल पेशेवरों ने यहां से स्नातक किया है. उन्होंने कहा कि सभी नए छात्रों और कर्मचारियों को कोटनीस की प्रतिमा के सामने शपथ लेनी चाहिए कि वे उनकी ही तरह काम करेंगे.

बीजिंगः प्रसिद्ध भारतीय चिकित्सक डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस की कांस्य की प्रतिमा का उत्तरी चीन में एक चिकित्सा स्कूल के बाहर अगले माह अनावरण किया जाएगा.

चीन का यह कदम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान और चीन के संस्थापक माओत्से तुंग की अगुआई में हुई चीनी क्रांति के दौरान पीड़ितों की सेवा करने में डॉ. कोटनीस के योगदान के प्रति आभार प्रकट करने वाला है. चीन की सरकारी मीडिया में यह जानकारी दी गई.

कोटनीस महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे और 1938 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन के लोगों की मदद करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भेजे गए पांच-सदस्यीय चिकित्सकों के दल में शामिल थे. कोटनीस 1942 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में शामिल हो गए थे और उसी वर्ष उनका निधन हो गया था. तब वह 32 वर्ष के थे.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, कोटनीस की कांस्य की प्रतिमा का सितंबर में शिजिआझुआंग के मेडिकल स्कूल में औपचारिक रूप से अनावरण किया जाएगा. उन्हें चीन में 'के दिहुआ' के नाम से जाना जाता है.

गौरतलब है कि चीनी क्रांति के मुश्किल दिनों में कोटनीस की चिकित्सा सेवा की चीनी नेता माओत्से तुंग ने काफी सराहना की थी. उनकी सेवाओं को याद करते हुए देश के अनेक शहरों में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है.

यह भी पढ़ें - भारत-चीन के बीच तनाव कम करना चाहता है अमेरिका : रक्षा सचिव

शिजिआझुआंग के दिहुआ मेडिकल साइंस सेकेंडरी स्पेशलाइज़्ड स्कूल के अधिकारी लियू वेनझु के अनुसार, 1992 में स्कूल की स्थापना के बाद से 45,000 से अधिक मेडिकल पेशेवरों ने यहां से स्नातक किया है. उन्होंने कहा कि सभी नए छात्रों और कर्मचारियों को कोटनीस की प्रतिमा के सामने शपथ लेनी चाहिए कि वे उनकी ही तरह काम करेंगे.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.