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उइगर आबादी पर अंकुश के लिए सख्त उपाय लागू कर रहा है चीन - uighur population

दोहरा मापदंड अपनाते हुए चीन एक तरफ उइगर आबादी पर अंकुश के लिए जनसंख्या नियंत्रण के सख्त उपाय लागू कर रहा है. दूसरी तरफ चीन हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

china strict on controlling uighur population
चीन के दोहरे मापदंड
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Published : Jun 29, 2020, 3:46 PM IST

बीजिंगः चीन की सरकार देश में उइगर मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के अपने अभियान के तहत उइगर एवं अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्म दर को घटाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठा रही है. इसके उलट वह देश के हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

सरकारी आंकड़ों, राज्य के दस्तावेजों तथा निरोध केंद्र में पूर्व में रखे गए 30 लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और निरोध केंद्र के पूर्व प्रबंधक के साक्षात्कारों पर आधारित एक पड़ताल के मुताबिक जबरन गर्भनिरोध अब पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हो चुका है.

शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से 'जनसांख्यिकीय नरसंरहार' करार दे रहे हैं.

साक्षात्कार और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है. उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने तथा लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है.

देशभर में जहां आईयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई है वहीं शिनजियांग में यह तेजी से बढ़ रहे हैं.

जनसंख्या नियंत्रण के इन उपायों पर जोर बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लेकर दिया जाता है. निरोध केंद्र में भेजे जाने को धमकी के साथ ही जन्म दर पर काबू करने में विफल रहने पर दी जाने वाली सजा का इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है.

एजेंसी ने जांच में पाया कि ज्यादा बच्चे होना निरोध केंद्रों में लोगों को भेजे जाने का बड़ा कारण है जहां तीन या उससे ज्यादा बच्चों के मां-बाप को उनके परिवार से तब तक अलग रखा जाता है जब तक कि वह बड़ा जुर्माना नहीं भर देते.

पुलिस छिपे हुए बच्चों की तलाश के लिए घरों पर छापे मारती है. डरे हुए मां-बाप को चेतावनी देती है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की वजह से जुर्माना नहीं देने पर उन्हें निरोध केंद्रों में भेज दिया जाएगा.

सरकार कई मांओं को दूसरे या तीसरे बच्चे के जन्म के बाद आईयूडी लगवाने का आदेश देती है.

पढ़ें-उइगर मुसलमानों पर अत्याचार रोकने के लिए ट्रंप ने साइन किया बिल

बीजिंगः चीन की सरकार देश में उइगर मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के अपने अभियान के तहत उइगर एवं अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्म दर को घटाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठा रही है. इसके उलट वह देश के हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

सरकारी आंकड़ों, राज्य के दस्तावेजों तथा निरोध केंद्र में पूर्व में रखे गए 30 लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और निरोध केंद्र के पूर्व प्रबंधक के साक्षात्कारों पर आधारित एक पड़ताल के मुताबिक जबरन गर्भनिरोध अब पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हो चुका है.

शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ एक तरह से 'जनसांख्यिकीय नरसंरहार' करार दे रहे हैं.

साक्षात्कार और आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है. उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने तथा लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है.

देशभर में जहां आईयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई है वहीं शिनजियांग में यह तेजी से बढ़ रहे हैं.

जनसंख्या नियंत्रण के इन उपायों पर जोर बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लेकर दिया जाता है. निरोध केंद्र में भेजे जाने को धमकी के साथ ही जन्म दर पर काबू करने में विफल रहने पर दी जाने वाली सजा का इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है.

एजेंसी ने जांच में पाया कि ज्यादा बच्चे होना निरोध केंद्रों में लोगों को भेजे जाने का बड़ा कारण है जहां तीन या उससे ज्यादा बच्चों के मां-बाप को उनके परिवार से तब तक अलग रखा जाता है जब तक कि वह बड़ा जुर्माना नहीं भर देते.

पुलिस छिपे हुए बच्चों की तलाश के लिए घरों पर छापे मारती है. डरे हुए मां-बाप को चेतावनी देती है कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की वजह से जुर्माना नहीं देने पर उन्हें निरोध केंद्रों में भेज दिया जाएगा.

सरकार कई मांओं को दूसरे या तीसरे बच्चे के जन्म के बाद आईयूडी लगवाने का आदेश देती है.

पढ़ें-उइगर मुसलमानों पर अत्याचार रोकने के लिए ट्रंप ने साइन किया बिल

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