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चीन ने 75 साल के लिए लीज पर लिया ये द्वीप, दबाव में अमेरिका - china tulagi island

चीन ने सोलोमन द्वीप का एक हिस्सा 75 सालों के लिए लीज पर लिया है. उनके इस कदम से इस क्षेत्र में उसे रणनीतिक बढ़त मिलने की संभावना है. ऐसे में अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि चीन को यहां पर कोई बढ़त मिले. इसलिए अमेरिका ने चीन के इस कदम की आलोचना की है. दरअसल, सोलोमन द्वीप कभी ताइवान का मित्र हुआ करता था. आइए जानते हैं, क्या है इसका महत्व.

तुलगी द्वीप
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Published : Oct 17, 2019, 2:12 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 2:26 PM IST

बीजिंग : चीन ने सोलोमन के एक विशालकाय द्वीप तुलगी को 75 सालों के लिए लीज पर लिया है. इस डील के बाद सोलोमन और चीन के बीच कई सालों के बाद एक बार फिर कूटनीतिक रिश्तों की शुरुआत हो गई है. दरअसल, इससे पहले सोलोमन, ताइवान का प्रमुख सहयोगी था. अमेरिका ने चीन के इस कदम की आलोचना की है.

बता दें, सोलोमन ने चीन के साथ कुछ दिन पहले ही अपने कूटनीतिक रिश्ते शुरू किए हैं. लंबे समय से ताइवान का प्रमुख सहयोगी रहे सोलोमन ने अब चीन के साथ दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन और सोलोमन प्रांतीय सरकार के बीच यह गोपनीय समझौता पिछले महीने हुआ है. चीन ने तुलगी द्वीप और उसके आसपास के इलाकों के विकास कार्यों के अधिकार खरीद लिए हैं.

बीजिंग की एक कंपनी ने तुलगी द्वीप और उसके आसपास पूरे क्षेत्र को विकसित करने का ठेका लिया है. इस कंपनी का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने काफी करीबी संबंध हैं.

तुलागी द्वीप को अहम रणनीतिक क्षेत्र माना जाता है. दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसका महत्व बढ़ गया था. उस समय यह द्वीप ब्रिटिश कब्जे में था. अब यह क्षेत्र चीन के कब्जे में है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन द्वारा तुलगी द्वीप लेने के बाद से अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तुलगी द्वीप के लोग भी इस खबर से अचंभित हो गए हैं. अमेरिकी मीडिया का कहना है कि इससे रणनीतिक रूप से चीन को इस इलाके में बढ़त मिल सकती है.

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बता दें, चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है.

बीजिंग : चीन ने सोलोमन के एक विशालकाय द्वीप तुलगी को 75 सालों के लिए लीज पर लिया है. इस डील के बाद सोलोमन और चीन के बीच कई सालों के बाद एक बार फिर कूटनीतिक रिश्तों की शुरुआत हो गई है. दरअसल, इससे पहले सोलोमन, ताइवान का प्रमुख सहयोगी था. अमेरिका ने चीन के इस कदम की आलोचना की है.

बता दें, सोलोमन ने चीन के साथ कुछ दिन पहले ही अपने कूटनीतिक रिश्ते शुरू किए हैं. लंबे समय से ताइवान का प्रमुख सहयोगी रहे सोलोमन ने अब चीन के साथ दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन और सोलोमन प्रांतीय सरकार के बीच यह गोपनीय समझौता पिछले महीने हुआ है. चीन ने तुलगी द्वीप और उसके आसपास के इलाकों के विकास कार्यों के अधिकार खरीद लिए हैं.

बीजिंग की एक कंपनी ने तुलगी द्वीप और उसके आसपास पूरे क्षेत्र को विकसित करने का ठेका लिया है. इस कंपनी का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने काफी करीबी संबंध हैं.

तुलागी द्वीप को अहम रणनीतिक क्षेत्र माना जाता है. दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसका महत्व बढ़ गया था. उस समय यह द्वीप ब्रिटिश कब्जे में था. अब यह क्षेत्र चीन के कब्जे में है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन द्वारा तुलगी द्वीप लेने के बाद से अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तुलगी द्वीप के लोग भी इस खबर से अचंभित हो गए हैं. अमेरिकी मीडिया का कहना है कि इससे रणनीतिक रूप से चीन को इस इलाके में बढ़त मिल सकती है.

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बता दें, चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है.

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Last Updated : Oct 17, 2019, 2:26 PM IST
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