बीजिंग : चीन ने सोमवार को पाकिस्तान के इस आरोप पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि उसके यहां (पाकिस्तान में) कुछ आतंकवादी हमलों के पीछे भारत का हाथ है. हालांकि उसने 60 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने का जिम्मा पाकिस्तान पर डाला.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर क्षेत्रीय देशों से आतंकवाद का मुकाबला करने एवं सामूहिक सुरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए आपस में सहयोग करने का आह्वान करता है.'
झाओ ने कहा कि चीन के झिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाली सीपीईसी, बेल्ट एंड रोड पहल की 'अहम अग्रिम परियोजना' है.
वह पाकिस्तान के इस दावे के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि उसके यहां कुछ आतंकवादी हमलों के पीछे भारत है और उनमें सीपीईसी परियोजनाओं में बाधा भी डालना शामिल है.
भारत ने रविवार को पाकिस्तान के इस आरोप पर तीखा पलटवार किया और कहा कि 'सबूतों' के तथाकथित दावे महज कल्पना की उड़ान है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान के 'जानबूझकर किए जा रहे इस तरह के प्रयासों' पर कोई भरोसा नहीं करेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसकी चालों से वाकिफ है और इस्लामाबाद के आतंकवाद को प्रायोजित करने के सबूतों को उसके खुद के नेतृत्व ने कबूल किया है.
श्रीवास्तव ने इन आरोपों पर मीडिया के सवालों के जवाब में कहा, 'यह भारत-विरोधी दुष्प्रचार की एक और व्यर्थ कवायद है. भारत के खिलाफ सबूत होने के तथाकथित दावों की कोई प्रामाणिकता नहीं है और ये मनगढ़ंत तथा कल्पित हैं.'
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'यह (सीपीईसी) चीन और पाकिस्तान के साझे विकास के लिए अहम है, यह क्षेत्रीय संपर्क एवं साझी समृद्धि के लिए भी लाभदायक है.'
पाकिस्तान ने सीपीईसी परियोजनाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेना के 9000 और अर्धसैनिक बलों के 6000 जवानों का एक विशेष सुरक्षा संभाग बनाया है.
भारत ने सीपीईसी को लेकर चीन से विरोध दर्ज करा चुका है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बनाया जा रहा है.
नियंत्रण रेखा पर भारत द्वारा भारी गोलाबारी के पाकिस्तान के आरोप पर झाओ ने पाकिस्तान एवं भारत से संयम बरतने, बातचीत के जरिए मतभेद दूर करने और क्षेत्रीय शांति, स्थायित्व एवं विकास के लिए मिलकर काम करने की अपील की.
उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के प्रमुख देश हैं . उनका शांतिपूर्ण सहअस्तित्व क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता और विकास के लिए बहुत महत्व रखता है.'
उन्होंने कहा, 'कश्मीर के मुद्दे पर हमारी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत है . यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास द्वारा छोड़ा गया मसला है. इसका संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित तरीके से समाधान किया जाना चाहिए. इसका शांतिपूर्ण तरीके से उचित समाधान होना चाहिए.'