गुजरांवाला: पाकिस्तान से अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की लड़कियों की तस्करी चीन में की जा रही है. वहां उनकी शादी करा दी जाती है. पाकिस्तान चीनी पुरुषों के लिए एक नया विवाह बाजार बन गया है.
चीनी और पाकिस्तानी दलाल लड़कियों की तलाश में रहते हैं और गिरजाघरों के बाहर मंडराते रहते हैं. कुछ मामलों में देखा गया है कि पादरियों को लड़की के गरीब माता-पिता को लुभाने के लिए पैसा मिलता है.
वे माता-पिता को उनकी बेटी के बदले पैसे देने का वादा करते हैं. माता-पिता को कई हजार डॉलर मिलते हैं और उन्हें बताया जाता है कि उनका दामाद अमीर है. उसने ईसाई मज़हब अपना लिया है.
हालांकि, ये सब झूठ होता है. परिवारों को ऐसा कर के बरगलाया जाता है और जब वे झांसे में आ जाते हैं तो उनकी लड़कियों की शादी के नाम पर तस्करी की जाती है.
चीन पहुंचने के बाद ज्यादातर लड़कियों की शादी उनकी मर्जी के खिलाफ की जाती है और वे खुद को दूर-दराज के ग्रामीण इलाको में पाती हैं. उनके उत्पीड़न का खतरा रहता है.
वे स्थानीय लोगों से बातचीत करने में असमर्थ होती हैं तथा उन्हें एक गिलास पानी के लिए भी अनुवाद ऐप्प का सहारा लेना पड़ता है.
पाकिस्तान में स्थित चीनी दूतावास में चेतावनी जारी की है कि कुछ गिरोह ईसाई लड़कियों को शोषण के लिए, परिजनों को बरगला रहे. वे लड़कियों के परिवार वालों के बहला फुसला के चीन ले जा रहे है. वहां वे इन लड़कियों की शादी चीनी पुरुषों से करा देते हैं. इस तरह की किसी भी गतिविधि से लोग सावधान रहें.
चीन, पाकिस्तान का इस गैरकानूनी काम को रोकने के लिए सहयोग कर रहा है. इसके साथ ही चीन और पाकिस्तान की ओर से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग सजग रहें और इस तरह की किसी भी गतिविधि से उनका नुकसान न हो.
जानकारी के लिए बता दें, चीन में लिंगानुपात 2015 तक दुनिया में सबसे अच्छा रहा है. 113.5 पुरुषों पर 100 महिलाएं थी. माना जा रहा है कि साल 2020 तक अनुपात में पुरुषों का आंकड़ा 112 हो जाएगा और साल 2030 में 107 हो सकता है.