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रूस में 21 से 26 सितंबर तक संयुक्त सैन्य अभ्यास, चीन-पाक होंगे शामिल

दक्षिणी रूस में 21 सितंबर से संयुक्त सैन्य अभ्यास 'कॉकस 2020' शुरू होगा, जिसमें चीन और रूस की सेना के साथ आर्मेनिया, बेलारूस, ईरान, म्यांमार, पाकिस्तान और अन्य देशों के सैनिक भाग लेंगे. अभ्यास के दौरान रक्षात्मक रणनीति, घेराबंदी, युद्धक्षेत्र नियंत्रण और कमान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

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Published : Sep 10, 2020, 2:15 PM IST

joint military exercise in Russia
संयुक्त सैन्य अभ्यास

बीजिंग : आर्मेनिया, बेलारूस, ईरान, म्यांमार, पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ चीन और रूस के सुरक्षाबल 21 सितंबर से दक्षिणी रूस में शुरू होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे.

चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि 'कॉकस 2020' अभ्यास में सैन्य वाहन और हल्के हथियार तैनात किए जाएंगे, जिन्हें चीन के नए संस्करण के परिवहन विमान अभ्यास स्थल लेकर जाएंगे.

मंत्रालय के मुताबिक, 21 से 26 सितंबर तक चलने वाले अभ्यास के दौरान रक्षात्मक रणनीति, घेराबंदी, युद्धक्षेत्र नियंत्रण और कमान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि यह अभ्यास चीन और रूस के संबंधों के लिए ऐसे समय में विशेष महत्व रखते हैं, जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है.

चीन में पिछले कुछ सप्ताह से घरेलू स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, जबकि रूस में नए मामले सामने आ रहे हैं और वहां 10 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं.

यह भी पढ़ें- चीन से संबंध मजबूत करने में जुटा यूरोपीय संघ, अगले सप्ताह वार्ता

चीन और रूस के बीच दो दशक पहले 'वृहद सामरिक साझेदारी' के बाद से सैन्य मामलों और कूटनीतिक मामलों पर सहयोग बढ़ा है. इसका मुख्य मकसद अमेरिकी प्रभाव का सामना करना है. दोनों देशों की सेनाएं नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास करती हैं और दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में सीरिया व उत्तर कोरिया समेत कई मामलों पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं.

बीजिंग : आर्मेनिया, बेलारूस, ईरान, म्यांमार, पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ चीन और रूस के सुरक्षाबल 21 सितंबर से दक्षिणी रूस में शुरू होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे.

चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि 'कॉकस 2020' अभ्यास में सैन्य वाहन और हल्के हथियार तैनात किए जाएंगे, जिन्हें चीन के नए संस्करण के परिवहन विमान अभ्यास स्थल लेकर जाएंगे.

मंत्रालय के मुताबिक, 21 से 26 सितंबर तक चलने वाले अभ्यास के दौरान रक्षात्मक रणनीति, घेराबंदी, युद्धक्षेत्र नियंत्रण और कमान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बयान में कहा गया है कि यह अभ्यास चीन और रूस के संबंधों के लिए ऐसे समय में विशेष महत्व रखते हैं, जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है.

चीन में पिछले कुछ सप्ताह से घरेलू स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, जबकि रूस में नए मामले सामने आ रहे हैं और वहां 10 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं.

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चीन और रूस के बीच दो दशक पहले 'वृहद सामरिक साझेदारी' के बाद से सैन्य मामलों और कूटनीतिक मामलों पर सहयोग बढ़ा है. इसका मुख्य मकसद अमेरिकी प्रभाव का सामना करना है. दोनों देशों की सेनाएं नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास करती हैं और दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में सीरिया व उत्तर कोरिया समेत कई मामलों पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं.

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