बीजिंग : चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने इस बात पर जोर दिया है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद देश को एक 'नरम मुस्लिम नीति' का अनुसरण करना चाहिए. तालिबान की वापसी तथा उसके शिनजियांग प्रांत पर संभावित असर को लेकर चीन की बढ़ती चिंता के बीच यह सिफारिश की गई है.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से चीन प्रायोजित चौथी त्रिपक्षीय बैठक में भाग लिया.
वांग ने पिछले महीने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ फोन पर बात की थी.
त्रिपक्षीय वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, तीनों पक्षों ने अफगानिस्तान में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के महत्व पर जोर दिया और अफगानिस्तान में सभी पार्टियों से समग्र संघर्ष-विराम की जल्द घोषणा का आह्वान किया ताकि इस्लामी गणराज्य अफगानिस्तान और तालिबान के बीच बातचीत के लिए आवश्यक हालात पैदा किए जा सकें.
पढ़ें :- बच्चों का कोविड टीकाकरण डब्ल्यूएचओ के नजरिए से प्राथमिकता नहीं : टीका विशेषज्ञ
उन्होंने वहां सुरक्षा परिदृश्य के बिगड़ने से तथा आतंकी ताकतों की वापसी को रोकने के लिए अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की क्रमिक वापसी का आह्वान किया है.
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि तीनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि अफगान मुद्दे के समाधान में 'अफगान के स्वामित्व वाले तथा अफगानिस्तान के नेतृत्व में' का सिद्धांत पूरी तरह झलकना चाहिए. इसमें अफगानिस्तान के स्वतंत्र, संप्रभु और तटस्थ देश बनने का समर्थन होना चाहिए, एक नरम मुस्लिम नीति का अनुसरण होना चाहिए.