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नहीं बाज आ रहा चीन, कश्मीर पर फिर से छेड़ा 'यूएन' राग - undefined

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कश्मीर पर चीन का रूख
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Published : Jan 17, 2020, 6:59 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 9:15 PM IST

18:57 January 17

कश्मीर पर चीन

नई दिल्ली : कश्मीर के मुद्दे पर चीन ने कहा कि उसकी स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है. चीन ने कहा, यह इतिहास से बचा हुआ विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांति से हल किया जाना चाहिए.

यह पूछने पर कि सिर्फ चीन इस तरह के दावे क्यों कर रहा है, जबकि परिषद के किसी अन्य सदस्य ने इस बारे में नहीं बोला है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'दरअसल, यूएनएससी ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की और कोई बयान नहीं दिया. लेकिन, चीन ने समीक्षा बैठक में एक स्थाई सदस्य के रूप में भाग लिया और जो मैंने कहा वह समीक्षा के अनुरूप है. फिर भी अगर आपको लगता है कि यह सच नहीं है तो आप अन्य सू्त्रों को देख सकते हैं.'

भारत के बयान के बारे में उन्होंने कहा, 'हम भारत के रुख और राय को समझते हैं. लेकिन मैंने जो कहा वह चीन की राय और रुख है. मेरा मानना है कि भारत इससे अवगत है और इस पर हम संपर्क में हैं.'

जब उनसे पूछा गया कि चीन यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा क्यों उठा रहा है, जबकि भारत और चीन के नेता अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के जरिए संबंधों को सुधार रहे हैं, गेंग ने कहा, 'क्योंकि हम तनाव को कम करना चाहते हैं और क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता चाहते हैं. ये हमारी शुभेच्छा है. हालांकि अगर भारतीय पक्ष इसकी दूसरी तरह व्याख्या करता है तो ये एक गलत व्याख्या होगी.'

बता दें कि इससे पहले चीन ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) की बंद कमरे में हुई बैठक में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की.

बुधवार को फ्रांसीसी कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि फ्रांस ने इस शक्तिशाली संस्था में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए यूएनएससी के एक सदस्य देश के अनुरोध पर गौर किया है और वह इसका विरोध करने जा रहा है, जैसा कि उसने पहले के एक मौके पर किया था.

अफ्रीकी देशों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद् की बंद कमरे में बैठक बुलाई गई . चीन ने 'कोई अन्य कामकाज बिंदु' के तहत कश्मीर मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया.

गौरतलब है कि पिछले महीने फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने यूएनएससी की बंद कमरे में हुई एक बैठक में कश्मीर मुद्दा पर चर्चा कराने की चीन की कोशिश नाकाम कर दी थी.

जम्मू कश्मीर का भारत द्वारा पुनर्गठन किया जाना चीन को नागवार गुजरा है और इसीलिए सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर चीन ने अड़ंगा लगा दिया.

पढ़ें-सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर चीन का अड़ंगा

इसपर भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यूएनएससी के मंच का दुरुपयोग करने के लिए यूएनएससी सदस्य के माध्यम से पाक द्वारा प्रयास किया गया था. विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा, बंद दरवाजे के पीछे हुई अनौपचारिक बैठक बिना किसी नतीजे के संपन्न हुई. 

उन्होंने यह भी कहा, UNSC के सदस्यों का बहुमत था कि UNSC ऐसे मुद्दों के लिए सही मंच नहीं है, और इस पर द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जानी चाहिए. इस सब में चीन की भूमिका पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन को इससे सबक लेना चाहिए और उसे ऐसा दोहराना नहीं चाहिए.

18:57 January 17

कश्मीर पर चीन

नई दिल्ली : कश्मीर के मुद्दे पर चीन ने कहा कि उसकी स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है. चीन ने कहा, यह इतिहास से बचा हुआ विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांति से हल किया जाना चाहिए.

यह पूछने पर कि सिर्फ चीन इस तरह के दावे क्यों कर रहा है, जबकि परिषद के किसी अन्य सदस्य ने इस बारे में नहीं बोला है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'दरअसल, यूएनएससी ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की और कोई बयान नहीं दिया. लेकिन, चीन ने समीक्षा बैठक में एक स्थाई सदस्य के रूप में भाग लिया और जो मैंने कहा वह समीक्षा के अनुरूप है. फिर भी अगर आपको लगता है कि यह सच नहीं है तो आप अन्य सू्त्रों को देख सकते हैं.'

भारत के बयान के बारे में उन्होंने कहा, 'हम भारत के रुख और राय को समझते हैं. लेकिन मैंने जो कहा वह चीन की राय और रुख है. मेरा मानना है कि भारत इससे अवगत है और इस पर हम संपर्क में हैं.'

जब उनसे पूछा गया कि चीन यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा क्यों उठा रहा है, जबकि भारत और चीन के नेता अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के जरिए संबंधों को सुधार रहे हैं, गेंग ने कहा, 'क्योंकि हम तनाव को कम करना चाहते हैं और क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता चाहते हैं. ये हमारी शुभेच्छा है. हालांकि अगर भारतीय पक्ष इसकी दूसरी तरह व्याख्या करता है तो ये एक गलत व्याख्या होगी.'

बता दें कि इससे पहले चीन ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) की बंद कमरे में हुई बैठक में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की.

बुधवार को फ्रांसीसी कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि फ्रांस ने इस शक्तिशाली संस्था में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए यूएनएससी के एक सदस्य देश के अनुरोध पर गौर किया है और वह इसका विरोध करने जा रहा है, जैसा कि उसने पहले के एक मौके पर किया था.

अफ्रीकी देशों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद् की बंद कमरे में बैठक बुलाई गई . चीन ने 'कोई अन्य कामकाज बिंदु' के तहत कश्मीर मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया.

गौरतलब है कि पिछले महीने फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने यूएनएससी की बंद कमरे में हुई एक बैठक में कश्मीर मुद्दा पर चर्चा कराने की चीन की कोशिश नाकाम कर दी थी.

जम्मू कश्मीर का भारत द्वारा पुनर्गठन किया जाना चीन को नागवार गुजरा है और इसीलिए सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर चीन ने अड़ंगा लगा दिया.

पढ़ें-सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर चीन का अड़ंगा

इसपर भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यूएनएससी के मंच का दुरुपयोग करने के लिए यूएनएससी सदस्य के माध्यम से पाक द्वारा प्रयास किया गया था. विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा, बंद दरवाजे के पीछे हुई अनौपचारिक बैठक बिना किसी नतीजे के संपन्न हुई. 

उन्होंने यह भी कहा, UNSC के सदस्यों का बहुमत था कि UNSC ऐसे मुद्दों के लिए सही मंच नहीं है, और इस पर द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जानी चाहिए. इस सब में चीन की भूमिका पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन को इससे सबक लेना चाहिए और उसे ऐसा दोहराना नहीं चाहिए.

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नई दिल्ली : कश्मीर के मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है. यह इतिहास से बचा हुआ विवाद है और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांति से हल किया जाना चाहिए.



पाकिस्तान के अनुरोध पर, UNSC ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की. सुरक्षा परिषद के सदस्य कश्मीर में मौजूदा स्थिति के बारे में चिंतित हैं, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के लिए राजनीतिक बातचीत के माध्यम से विवादों का शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है.


Conclusion:
Last Updated : Jan 17, 2020, 9:15 PM IST

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