बीजिंग : चीन ने बृहस्पतिवार को दूसरी बार इलाके में अमेरिकी नौसेना की गतिविधि का विरोध किया है. इस पर अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने भी असामान्य तरीके से जवाब देते हुए चीन पर गैर कानूनी तरीके से पड़ोसी देशों की कीमत पर समुद्री अधिकार प्राप्त करने की कोशिश का आरोप लगाया है.
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की दक्षिणी कमान ने एक बयान में कहा कि निर्देशित मिसाइलों से लैस अमेरिकी विध्वंसक यूएसएस कर्टिस विल्बर ने बृहस्पतिवार को दक्षिण चीन सागर के पारासेल द्वीपसमूह इलाके में गैर कानूनी तरीके से उसकी जलीय सीमा में प्रवेश किया.
बयान के मुताबिक, चीनी बल ने अपनी पीछा करने वाली और निगरानी प्रणाली को सक्रिय किया और पोत को चेतावनी देकर बाहर किया.
बता दें कि पारासेल द्वीपों पर वियतनाम भी अपना दावा करता है.
चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह क्षेत्रीय सुरक्षा, गलतफहमी, गलत आकलन और समुद्र में दुर्घटना के खतरे को बढ़ा रहा है.
पीएलए ने अमेरिकी पोत के आने को गैर पेशेवर और गैर जिम्मेदाराना' करार दिया.
चीन ने कहा कि वह देश के संप्रभुता दावे की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है, साथ ही दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता भी कायम रखना चाहता है.
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गौरतलब है कि अमेरिका चीन के पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावे को अस्वीकार करता है और नियमित रूप से इलाके में उसके पोत अंतरराष्ट्रीय सीमा में कथित स्वतंत्र नौवहन अधिकार को स्थापित करने के लिए जाते हैं.
चीन के आरोपों पर लंबे चौड़े जवाब में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने कहा, यह अभियान सामान्य आवाजाही पर गैर कानूनी रोक को चुनौती देने, अतंरराष्ट्रीय कानून के तहत समुद्र के कानूनी इस्तेमाल,अधिकार और स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए था.
अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के बयान में कहा गया है, मिशन के बारे में पीएलए का बयान गलत है. यूएसएस कर्टिस विल्बर को किसी देश के क्षेत्र से निष्कासित नहीं किया गया.
अमेरिका ने कहा, यूएसएस कर्टिस विल्बर ने इस स्वतंत्र नौवहन अभियान को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अंजाम दिया है और वह अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में ऐसे सामान्य अभियान को जारी रखेगा.