बीजिंग : लद्दाख की गलवानी घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई और चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री ने बीजिंग में मुलाकात की.
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत और चीन के बीच बातचीत का सिलसिला नए सिरे से शुरू होता नजर आ रहा है.
यह बैठक भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक हिंसक झड़प के बाद हुई है. हिंसा में दोनों पक्षों से सैनिक लद्दाख की घाटी में हताहत हुए थे.
गौर हो कि भारत ने इससे पहले कहा था गलवान घाटी में 15 जून की देर शाम और रात को एक हिंसक झड़प हुई. जो चीनी सेना द्वारा यथास्थिति को एकतरफा बदलने के प्रयास का परिणाम था. यदि चीनी पक्ष की ओर से उच्च स्तर पर समझौते की जांच की जाती है, तो इसे टाला जा सकता था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस हिंसक झड़प से दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है. चीनी सैनिक गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करते हुए आम सहमति से वापस चले गए.
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श्रीवास्तव ने कहा कि भारत बहुत स्पष्ट है कि उसकी सभी गतिविधियां हमेशा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पक्ष में हैं. हम चीन से भी समान उम्मीद करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान के बारे में दृढ़ता से आश्वस्त है.
उन्होंने आगे कहा कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं.