बीजिंग : चीन की सेना ने विवादास्पद दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में उसके (देश के) दावे को चुनौती देते हुए घुस आए अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक जहाज को 'खदेड़ने' का मंगलवार को दावा किया.
अमेरिकी नौसेना के जहाज विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में नौवहन की आजादी को दर्शाने की कोशिश के तहत नियमित रूप से चक्कर लगाते रहते हैं.
चीन 13 लाख वर्ग मील में फैले करीब करीब समूचे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है. वह इस क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर अपने सैन्य अड्डों का निर्माण कर रहा है. इस क्षेत्र में ब्रूनई, मलेशिया, फिलीपिन, ताईवान और वियतनाम भी अपना दावा करता है.
मंगलवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की दक्षिणी थियेटर कमान ने कहा कि अमेरिकी विध्वसंक जहाज यूएसएस जॉन एस मैक्कन चीन सरकार की इजाजत के बगैर नान्शा द्वीप के समीप समुद्री क्षेत्र में अनधिकृत रूप से पहुंच गया था.
दक्षिणी कमान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'पीएलए की दक्षिणी थियेटर कमान ने नौसेना और वायु सेना को जुटाया और चेतावनी देते हुए उसे खदेड़ दिया.'
चीन की सेना की आधिकारिक वेबसाइट चााइना मिलिट्री ऑनलाइन ने बताया कि इस घटना के एक दिन पहले ही चीन का द्वितीय विमानवाहक शानडोंग अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर में पहुंचा था.
चीन के पास फिलहाल दो सक्रिय विमानवाहक लियाओनिंग और शानडोंग हैं.
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वेबसाईट पर विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि पीएलए ने एक बार फिर इस क्षेत्र पर अपने नियंत्रण तथा राष्ट्रीय संप्रभुता एवं सुरक्षा की रक्षा करने का सामर्थ्य को दर्शाया है .
बीजिंग स्थित थिंक टैंक साउथ चाइना सी स्ट्रेटेजिक सिचुएशन प्रोबिंग इनिशिएटिव के अनुसार अमेरिका ने 2020 में नौ बार ऐसे अभियान चलाये हैं और हाल के वर्षों में यह ज्यादा हुआ है.