लाहौर: पाकिस्तान की एजेंसियों ने मुंबई हमले के सरगना तथा जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके 12 करीबियों के खिलाफ चैरिटी के जरिये धन इकट्ठा कर धनशोधन एवं आतंकवाद के वित्तपोषण के विभिन्न अपराधों के आरोप में मामला दर्ज किया है. पाकिस्तान ने यह फैसला आतंकवादी समूहों और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिये अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच लिया है.
पाकिस्तान के पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने बुधवार को कहा कि उसने 'आतंकवाद के वित्तपोषण' के सिलसिले में जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ कदम उठाने के नाम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहा है'
उन्होंने कहा, 'हमें पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी समूहों के खिलाफ दिखावटी कदमों के झांसे में नहीं आना चाहिए.'
सीटीडी ने एक बयान में कहा, 'आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ जारी सीटीडी पंजाब की कार्रवाई में जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और अन्य नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं.'
सीटीडी ने कहा कि जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा और एफआईएफ के मामलों की जांच जारी है. यह जांच आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के बारे में है.
सीटीडी ने बताया कि लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में अल-अनफाल ट्रस्ट, दाउद उल इरशाद ट्रस्ट, माज़ बिन सहित ट्रस्ट / गैर-लाभ संगठनों (एनपीओ) के नाम पर बनाई गई संपत्तियों / संपत्तियों के माध्यम से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन एकत्र करने के मामले दर्ज किए गए हैं.
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सईद के नेतृत्व वाली जमात-उल-दावा को लश्कर-ए-तैयबा के लिए सबसे अहम संगठन माना जाता है. जो 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका ने इसे जून 2014 में आतंकी संगठन घोषित किया था.
सीटीडी ने बताया कि सईद, अब्दुल रहमान मक्की (JuD के उप प्रमुख), माली ज़फ़र इक़बाल, आमिर हमज़ा, मुहम्मद याहया अज़ीज़, मुहम्मद नईम श, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, अहमद दाउद, मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार को आतंकवाद के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है.
बता दें कि पाकिस्तान को पिछले साल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF), ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में शामिल किया था, जो रेलू कानूनों को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए कमजोर हैं.
पेरिस स्थित वैश्विक संस्था, आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए काम कर रही है, जिसने पाकिस्तान को देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के संचालन पर भरोसा करने के लिए कहा है.