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हाफिज सईद के खिलाफ PAK में केस दर्ज, भारत ने बताया धोखा

2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के आरोपी हाफिज सईद सहित 12 अन्य लोगों के खिलाफ पाकिस्तान में केस दर्ज किया गया है. हाफिज के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में कार्रवाई की गई है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पाकिस्तान की कारवाई को दिखावटी बताया है. जानें पूरा मामला

हाफिज सईद (फाइल फोटो)
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Published : Jul 4, 2019, 8:14 PM IST

Updated : Jul 4, 2019, 8:56 PM IST

लाहौर: पाकिस्तान की एजेंसियों ने मुंबई हमले के सरगना तथा जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके 12 करीबियों के खिलाफ चैरिटी के जरिये धन इकट्ठा कर धनशोधन एवं आतंकवाद के वित्तपोषण के विभिन्न अपराधों के आरोप में मामला दर्ज किया है. पाकिस्तान ने यह फैसला आतंकवादी समूहों और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिये अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच लिया है.

पाकिस्तान के पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने बुधवार को कहा कि उसने 'आतंकवाद के वित्तपोषण' के सिलसिले में जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की हैं.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ कदम उठाने के नाम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहा है'

रवीश कुमार का बयान

उन्होंने कहा, 'हमें पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी समूहों के खिलाफ दिखावटी कदमों के झांसे में नहीं आना चाहिए.'

सीटीडी ने एक बयान में कहा, 'आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ जारी सीटीडी पंजाब की कार्रवाई में जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और अन्य नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं.'

सीटीडी ने कहा कि जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा और एफआईएफ के मामलों की जांच जारी है. यह जांच आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के बारे में है.

सीटीडी ने बताया कि लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में अल-अनफाल ट्रस्ट, दाउद उल इरशाद ट्रस्ट, माज़ बिन सहित ट्रस्ट / गैर-लाभ संगठनों (एनपीओ) के नाम पर बनाई गई संपत्तियों / संपत्तियों के माध्यम से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन एकत्र करने के मामले दर्ज किए गए हैं.

पढ़ें- PAK में तीन आतंकी ढेर, कराची को उड़ाने की साजिश का आरोप

सईद के नेतृत्व वाली जमात-उल-दावा को लश्कर-ए-तैयबा के लिए सबसे अहम संगठन माना जाता है. जो 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका ने इसे जून 2014 में आतंकी संगठन घोषित किया था.

सीटीडी ने बताया कि सईद, अब्दुल रहमान मक्की (JuD के उप प्रमुख), माली ज़फ़र इक़बाल, आमिर हमज़ा, मुहम्मद याहया अज़ीज़, मुहम्मद नईम श, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, अहमद दाउद, मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार को आतंकवाद के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है.

बता दें कि पाकिस्तान को पिछले साल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF), ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में शामिल किया था, जो रेलू कानूनों को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए कमजोर हैं.

पेरिस स्थित वैश्विक संस्था, आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए काम कर रही है, जिसने पाकिस्तान को देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के संचालन पर भरोसा करने के लिए कहा है.

लाहौर: पाकिस्तान की एजेंसियों ने मुंबई हमले के सरगना तथा जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके 12 करीबियों के खिलाफ चैरिटी के जरिये धन इकट्ठा कर धनशोधन एवं आतंकवाद के वित्तपोषण के विभिन्न अपराधों के आरोप में मामला दर्ज किया है. पाकिस्तान ने यह फैसला आतंकवादी समूहों और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिये अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच लिया है.

पाकिस्तान के पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने बुधवार को कहा कि उसने 'आतंकवाद के वित्तपोषण' के सिलसिले में जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की हैं.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ कदम उठाने के नाम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहा है'

रवीश कुमार का बयान

उन्होंने कहा, 'हमें पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी समूहों के खिलाफ दिखावटी कदमों के झांसे में नहीं आना चाहिए.'

सीटीडी ने एक बयान में कहा, 'आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ जारी सीटीडी पंजाब की कार्रवाई में जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और अन्य नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं.'

सीटीडी ने कहा कि जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा और एफआईएफ के मामलों की जांच जारी है. यह जांच आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के बारे में है.

सीटीडी ने बताया कि लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में अल-अनफाल ट्रस्ट, दाउद उल इरशाद ट्रस्ट, माज़ बिन सहित ट्रस्ट / गैर-लाभ संगठनों (एनपीओ) के नाम पर बनाई गई संपत्तियों / संपत्तियों के माध्यम से आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए धन एकत्र करने के मामले दर्ज किए गए हैं.

पढ़ें- PAK में तीन आतंकी ढेर, कराची को उड़ाने की साजिश का आरोप

सईद के नेतृत्व वाली जमात-उल-दावा को लश्कर-ए-तैयबा के लिए सबसे अहम संगठन माना जाता है. जो 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका ने इसे जून 2014 में आतंकी संगठन घोषित किया था.

सीटीडी ने बताया कि सईद, अब्दुल रहमान मक्की (JuD के उप प्रमुख), माली ज़फ़र इक़बाल, आमिर हमज़ा, मुहम्मद याहया अज़ीज़, मुहम्मद नईम श, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, अहमद दाउद, मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार को आतंकवाद के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है.

बता दें कि पाकिस्तान को पिछले साल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF), ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में शामिल किया था, जो रेलू कानूनों को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए कमजोर हैं.

पेरिस स्थित वैश्विक संस्था, आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए काम कर रही है, जिसने पाकिस्तान को देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के संचालन पर भरोसा करने के लिए कहा है.

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PAK-SAEED
Pak books Hafiz Saeed, 12 others for terror financing through charities
By M Zulqernain
         Lahore, Jul 4 (PTI) Mumbai attacks mastermind and JuD chief Hafiz Saeed and 12 of his close aides have been booked by Pakistani agencies for committing multiple offences of terrorism financing and money laundering through the massive funds collected through charities, as Islamabad faced intense international pressure to disrupt terror groups and curb terror funding.
         The Counter Terrorism Department (CTD) of Punjab Police of Pakistan said on Wednesday that it has registered 23 FIRs under terrorism charges against 13 leaders of Jamaat-ud-Dawa (JuD) in connection with "terror financing" after they detected "irrefutable evidence" against them.
         The move comes as the United States, the United Kingdom, France and some other prominent countries voiced concern over Pakistan's failure to do enough to contain terror funding on its soil.
         The Financial Action Task Force (FATF), which placed Pakistan on the grey list in June last year of countries whose domestic laws are considered weak to tackle the challenges of money laundering and terrorism financing, asked the country to complete its action plan against terror funding by October or face action.
         The Paris-based global body, working to curb terrorism financing and money laundering, has asked Pakistan to reassess the operation of banned terrorist outfits in the country.
         According to a statement of the CTD, "In its ongoing crackdown against terrorism financing by CTD Punjab Hafiz Saeed of JuD and other leaders booked in cases of terrorism financing."
         The cases have been registered in Lahore, Gujranwala and Multan for collection of funds for terrorism financing through assets/properties made and held in the names of Trusts/ Non Profit Organisations (NPO) including Al-Anfaal Trust, Dawat ul Irshad Trust, Muaz Bin Jabal Trust, etc, the CTD said.
         It said a large scale investigation launched into financing matters of proscribed organisations JuD & Lashkar-e-Taiba (LeT) in connection with implementation of UN Sanctions against these Designated Entities & Persons as directed by the NSC (National Security Committee) in its meeting on January 1, 2019 chaired by the Prime Minister Imran Khan for implementing National Action Plan.
         Saeed-led JuD is believed to be the front organisation for the Lashkar-e-Taiba which is responsible for carrying out the 2008 Mumbai attacks. The US declared the LeT as a foreign terrorist organisation in June 2014.
         The US Department of the Treasury has designated Saeed as a Specially Designated Global Terrorist, and the US, since 2012, has offered a USD 10 million reward for information that brings Saeed to justice.
         The CTD said persons booked under terrorism charges are Saeed, Abdul Rehman Makki (deputy chief of the JuD), MaliK Zafar Iqbal, Ameer Hamza, Muhammad Yahya Aziz, Muhammad Naeem Sh, Mohsin Bilal, Abdul Raqeeb, Ahmad Daud, Muhammad Ayub, Abdullah Ubaid, Muhammad Ali and Abdul Ghaffar and others.
         The CTD said investigations have been launched into matters of JuD, LeT and FIF regarding their holding and use of trusts to raise funds for terrorism financing.
         "They made these assets from funds of terrorism financing. They held and used these assets to raise more funds for further terrorism financing. Hence, they committed multiple offences of terrorism financing and money laundering under Anti Terrorism Act 1997. They will be prosecuted in ATCs (Anti Terrorism Courts) for commission of these offences."
         It said their assets/NPOs have already been taken over by the government in compliance with the UN Sanctions.
         "Formal investigations on a large scale have been launched against the top leadership of the JuD for terror financing after the registration of FIRs against them during the last two days," said a spokesperson for the CTD, Punjab.
         According to the official, substantial and irreversible punitive/ legal action has been taken against them by the state, making these organisations "fully dysfunctional".
         Pakistani authorities in March sealed the Lahore headquarters of JuD and FIF and detained over 120 suspected militants as part of an ongoing crackdown on banned groups.
         India has not been engaging with Pakistan since an attack on the Air Force base at Pathankot in January 2016 by a Pakistan-based terror group, maintaining that talks and terror cannot go together. PTI MZ AKJ
NSA
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NNNN
Last Updated : Jul 4, 2019, 8:56 PM IST
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