इस्लामाबाद : पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के मुताबिक देश के छावनी बोर्डों के लिए रविवार को मतदान हुआ था. मतदान सुबह आठ से शाम पांच बजे तक हुआ था. छावनी बोर्ड अर्ध-निर्वाचित निकाय हैं, जिनकी जिम्मेदारी छावनियों में नागरिक कार्यों को करना होता है. इन चुनावों में पीटीआई व पीएमएल-एन बड़े दलों के रूप में उभरे हैं.
आधिकारिक तौर पर नतीजे घोषित नहीं किए गए है. हालांकि, मीडिया की खबरों में बताया गया है कि इन परिणामों में सत्तारूढ़ पीटीआई शीर्ष पर है जबकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन दूसरे पायदान पर है. जियो न्यूज ने खबर दी है कि शुरुआती, अनौपचारिक नतीजों के मुताबिक पीटीआई को 63 सीटें मिलीं, उसके बाद पीएमएल-एन ने 59 सीटें जीतीं हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को 52 सीटें मिलीं हैं.
हालांकि दुनिया न्यूज ने खबर दी है कि पीटीआई को 60 सीटें मिली हैं जबकि निर्दलीय ने 55 सीटों पर जीत हासिल की है. दोनों चैनलों ने खबर दी है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 17, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) को 10, जमात-ए-इस्लामी (जेआई) को सात और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) को दो- दो सीटें मिली हैं.
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक पीटीआई ने खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में सबसे अधिक 18 सीटें जीती हैं, इसके बाद पंजाब में 28, सिंध में 14 और बलूचिस्तान में तीन सीटें पर कब्जा किया है. पीएमएल-एन को पंजाब में बड़ी जीत हासिल हुई, जहां उसने 51 सीटें हासिल की हैं. वहीं उसे केपी में सिर्फ पांच सिंध में तीन सीटें मिली हैं. प्रमुख विपक्षी पार्टी बलूचिस्तान में एक भी सीट नहीं जीत पाई.
पीपीपी सिंध में पीटीआई को शिकस्त देने में नाकाम रही और सिर्फ 14 सीटों पर फतह हासिल कर सकी. उसने बाकी सीटें केपी में जीती हैं. इसका मतलब है कि पीपीपी को पंजाब और बलूचिस्तान में कोई सीट नहीं मिली है.
पंजाब में निर्दलीय उम्मीदवारों ने 32 सीटें जीती हैं. उन्होंने केपी में नौ, सिंध में सात और बलूचिस्तान में चार सीटें हासिल की हैं. एमक्यूएम ने सिंध में अपनी सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि जेआई ने सिंध में पांच और पंजाब में दो सीटें जीतीं. एएनपी ने केपी में दो सीटें जीतीं, जबकि बलूचिस्तान में बीएपी ने दो सीटें पर विजय प्राप्त की.
देश में 42 छावनी बोर्डों में 219 वार्ड हैं लेकिन कामरा, चेरात और मरी गैलीज छावनी बोर्डों में चुनाव नहीं कराए गए थे. इनमें उम्मीदवार या तो निर्विरोध जीत गए या मतदान टाल दिया गया था. बहरहाल, देश में 2023 में होने वाले आम चुनाव से पहले यह अहम चुनाव था, जिससे पार्टियों को जनता का मूड भांपने में मदद मिलेगी.
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इस बीच पीटीआई के नेता और सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि पीटीआई ने साबित किया है कि वह एकमात्र पार्टी है, जिसे देश भर में और हर निर्वाचन क्षेत्र में समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा कि असली मुकाबला निर्दलीय उम्मीदवारों से है. (पाकिस्तान) पीपुल्स पार्टी और नून लीग (पीएमएल-एन) की स्थिति बेनकाब हो गई है.
(पीटीआई-भाषा)