टोक्यो: कुछ कर गुजरने का हौसला और मन में लगन हो तो नामुमकिन भी मुमकिन हो जाता है. इन शब्दों को हकीकत दी है जापान के एक नेत्रहीन नाविक मित्सुहीरो इवामोटो (Mitsuhiro Iwamoto) ने, जिसने नॉन-स्टॉप पैसिफिक यात्रा को पूरा कर एक रिर्काड बनाया है.
खास बात ये है कि मित्सुहीरो विशाल महासागर में जहाज चलाने वाले दुनिया के पहले दृष्टिहीन व्यक्ति बन गए है.
मित्सुहीरो इवामोटो शनिवार सुबह अपने 12-मीटर (40-फुट) सेलबोट में फुकुशिमा बंदरगाह पर पहुंचे. वह करीब दो महीने पहले कैलिफोर्निया के लिए रवाना हुए थे.
52 वर्षीय सैन डिएगो निवासी इवामोटो 24 फरवरी को डौग स्मिथ के साथ रवाना हुए. डौग स्मिथ एक अमेरिकी नाविक है, जिन्होंने मौखिक रूप से पवन दिशाओं और मौसम जैसी जानकारी देकर उनकी मदद की.
पढ़ेंः ट्रंप ने 'GoT' पोस्टर के जरिए मूलर रिपोर्ट पर ली चुटकी, लिखा- 'गेम ओवर'
गौरतलब है कि पैसिफिक यात्रा का इवामोटो का यह दूसरा प्रयास था. उनके पहले प्रयास के दौरान व्हेल से टकराने के कारण उनकी नौका डूब गई और वह प्रयास विफल हो गया था.
लगभग 14 हजार किलोमीटर (8,700 मील) की यात्रा समाप्त करने के बाद जब इवामोटो फुकुशिमा पहुंचे तो उन्होंने कहा कि 'मैं घर आ गया हूं. धन्यवाद.'
इवामोटो ने जापान के एक मीडिया घराने क्योदो के हवाले से कहा, 'मैंने हार नहीं मानी और जो सपना मैंने देखा था उसे सच कर दिखाया.'
गौरतलब है कि, इवामोटो ने 16 साल की उम्र में अपनी दृष्टि खो दी थी. उन्होंने दृष्टिहीन लोगों की मदद करने के लिए और फंड जुटाने के लिए यह यात्रा शुरू की.