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थाईलैंड : लोकतंत्र की मांग को लेकर होने जा रही एक बड़ी रैली - PM Prayut Chan O cha

थाईलैंड में लोकतंत्र की मांग को लेकर बड़ी रैली आयोजित की जा रही है जिसके लिए दूर-दूर से समर्थक आ रहे हैं.

थाईलैंड में लोकतंत्र की मांग
थाईलैंड में लोकतंत्र की मांग
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Published : Sep 19, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 4:19 PM IST

बैंकॉकः लोकतंत्र समर्थक अभियान के तहत अब तक की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी रैली के लिए प्रदर्शनकारी बैंकॉक में एकत्रित हो रहे हैं. इस अभियान ने सरकार और थाईलैंड की रूढ़ीवादी सत्ता को हिलाकर रख दिया है.

आयोजकों का अनुमान है कि रैली के लिए 50,000 लोग जुट सकते हैं, जो राजनीतिक प्रदर्शनों से ऐतिहासिक रूप से जुड़े राजधानी के इलाके में दो दिन तक चलने वाले मार्च में शामिल होंगे.

इससे पहले, 16 अगस्त को एक बड़ी रैली हुई थी जिसमें अनुमानित 10,000 लोग शामिल हुए थे.

इस बार विपक्षी दलों द्वारा रैली का समर्थन करने की उम्मीद है. वे अन्य प्रांतों से भी समर्थकों को जुटा सकते हैं.

प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने बृहस्पतिवार रात प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया था कि वे यह कार्यक्रम रद्द कर दें क्योंकि इससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ेगा और संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में सुधार के लिहाज से यह नुकसानदेह होगा.

जुलाई में प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें बताई थीं जिनमें संसद भंग करना, नए चुनाव कराना, नया संविधान बनाना और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को परेशान नहीं करना शामिल है.

बैंकॉकः लोकतंत्र समर्थक अभियान के तहत अब तक की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी रैली के लिए प्रदर्शनकारी बैंकॉक में एकत्रित हो रहे हैं. इस अभियान ने सरकार और थाईलैंड की रूढ़ीवादी सत्ता को हिलाकर रख दिया है.

आयोजकों का अनुमान है कि रैली के लिए 50,000 लोग जुट सकते हैं, जो राजनीतिक प्रदर्शनों से ऐतिहासिक रूप से जुड़े राजधानी के इलाके में दो दिन तक चलने वाले मार्च में शामिल होंगे.

इससे पहले, 16 अगस्त को एक बड़ी रैली हुई थी जिसमें अनुमानित 10,000 लोग शामिल हुए थे.

इस बार विपक्षी दलों द्वारा रैली का समर्थन करने की उम्मीद है. वे अन्य प्रांतों से भी समर्थकों को जुटा सकते हैं.

प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने बृहस्पतिवार रात प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया था कि वे यह कार्यक्रम रद्द कर दें क्योंकि इससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ेगा और संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में सुधार के लिहाज से यह नुकसानदेह होगा.

जुलाई में प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें बताई थीं जिनमें संसद भंग करना, नए चुनाव कराना, नया संविधान बनाना और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को परेशान नहीं करना शामिल है.

Last Updated : Sep 19, 2020, 4:19 PM IST
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