ढाका : बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार को सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थियों को बंगाल की खाड़ी में स्थित एक द्वीप पर भेजना शुरू किया, जबकि मानवाधिकार संगठनों ने समुद्र में डूबने के खतरे का सामना कर रहे द्वीप पर मौजूद परिस्थितियों को लेकर चिंता प्रकट की है.
रोहिंग्या, मुस्लिम जातीय समुदाय है. पड़ोसी देश म्यामांर में अगस्त 2017 में उत्पीड़न व हिंसा का सामना करने पर लाखों की संख्या में वे पलायन कर गये थे. बांग्लादेश उनमें से करीब 11 लाख को अपने तटों के पास शिविरों में शरण दिये हुए है.
रोहिंग्या को द्वीप पर भेजे जाने के कार्य की निगरानी कर रहे एक वरिष्ठ बांग्लादेशी अधिकारी मोहम्मद शमशाद दौजा ने कहा कि नौसेना का एक जहाज 379 शरणार्थियों को चटगांव शहर से भशान चर द्वीप ले जाएगा, जो देश के दक्षिण पूर्वी तट के पास है.
उन्होंने कहा, 'वे लोग वहां स्वेच्छा से जा रहे हैं. सभी 379 शरणार्थियों ने एक बेहतर और सुरक्षित जीवन के लिए वहां रहने का विकल्प चुना है.'
उन्होंने कहा, 'अधकारी भेजन से लेकर दवाइयों तक, हर चीज का ध्यान रखेंगे.'
पढ़ें :- द्वीप भेजे गए रोहिंग्या शरणार्थियों की सहायता के लिए संरा और बांग्लादेश ने समझौते पर किए हस्ताक्षर
सरकार ने रोहिंग्या शरणार्थियों को 11 महीने पहले द्वीप पर भेजना शुरू किया था और कहा कि वह अब वहां एक लाख लोगों को बसा सकती है.
दौजा ने कहा कि कुल 1500 रोहिंग्या अगले कुछ हफ्तों में चरणबद्ध तरीके से द्वीप पर पहुंचाए जाएंगे. इससे पहले करीब 19,000 शरणार्थी कोक्स बाजार से द्वीप पर भेजे गये हैं.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि शरणार्थियों के अगले समूह को द्वीप पर कब भेजा जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)