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हांगकांग प्रदर्शनः सरकार ने प्रदर्शनकारियों के मुखौटों पर लगाया प्रतिबंध

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Published : Oct 4, 2019, 6:08 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 10:35 PM IST

हांगकांग प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ फिर से एक कड़ा फैसला लिया है. प्रशासन ने मुखौटों (फेस मास्क) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. चीन के राष्ट्रीय दिवस के दौरान हुए आंदोलन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है. विस्तार से जानें पूरी खबर.

सरकार ने प्रदर्शनकारियों के मुखौटों पर लगाया प्रतिबंध

हांगकांगः सरकार ने प्रदर्शनकारियों के मुखौटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. दरअसल चीन के राष्ट्रीय दिवस के दौरान हुए आंदोलन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.

इस बात की जानकारी मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने दी. कैरी लैम ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन नियमों के अध्यादेशों के तहत यह आदेश दिया है.

हांगकांग प्रदर्शन पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट, देखें वीडियो...
आपको बता दें, कैरी लैम को आपातकाल या सार्वजनिक खतरे के समय कोई भी नियम कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है.

52 सालों में पहली बार लागू कानून
गौरतलब है कि यह कानून 52 सालों में पहली बार लागू किया गया है.

लेम ने कहा कि हम मानते हैं कि नया कानून नकाब पहने हुए हिंसक प्रदर्शनकारियों और दंगे करने वालों के खिलाफ एक हानिकारक प्रभाव पैदा करेगा.

लेकिन लैम ने जोर देते हुए कहा कि शक्तियों के उपयोग का मतलब यह नहीं था कि सरकार ने आधिकारिक तौर पर आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी थी.

इससे पहले भी नकाबपोश प्रदर्शनकारी ने किया था हमला
हांगकांग मे एक अधिकारी कार्यकर्ता को लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने निशाना बना लिया. इनमें से एक प्रदर्शनकारी पहले तो अधिकारी पर चिल्लाई, इसके बाद उसने जोरदार मुक्का दे मारा. क्योंकि वह सेंट्रल हॉन्ग कॉन्ग की चार्टर हाउस बिल्डिंग में घुस गया था. प्रदर्शनकारी ने जोरदार मुक्के मारते हुए कहा कि हम सभी चीनी हैं.

लैम ने कहा, हांगकांग में आपातकाल की स्थिति नहीं
उन्होंने आगे कहा कि अध्यादेश का शीर्षक आपातकाल है लेकिन हांगकांग आपातकालीन स्थिति में नहीं है. घोषणा से पहले हजारों नकाब पहने हुए प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को शहर में मार्च किया.

बता दें इन प्रदर्शनकारियों में से कई ऑफिस कार्यकर्ता है.

हांगकांग के लिए डिक्टेटरशिप की दिशा में बड़ा कदम
आपको बता दें एक 34 साल के सर्जिकल मास्क पहने कार्यालय कर्मी मैरी ने बताया कि यंगस्टर्स अपनी जान को जोखिम में डाल कर 10 साल तक जेल जैसी जगह में बंद रहने को भी तैयार हैं. इसलिए मास्क पहनना कोई समस्या नहीं है. सरकार के आलोचकों ने यह चेतावनी भी दी कि यह कदम हांग कांग के लिए डिक्टेटरशिप की दिशा में एक बड़ा कदम है.

पढे़ंः हांगकांग : पुलिस गोलीबारी में किशोर की मौत, प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में रैलियां निकालीं

मास्क पर प्रतिबंध से कम दिखेंगे प्रदर्शनकारी
इस संबंध में हांगकांग विश्वविद्यालय में लॉ के प्रोफेसर साइमन यंग ने कहा कि मॉस्क पर प्रतिबंध लगाने से ऐसा हो सकता है कि कुछ प्रदर्शनकारी सड़कों पर कम ही दिखाई दें.

हांगकांग मे प्रदर्शन एक जंग
बता दें एक लोकतंत्र समर्थक सांसद क्लाउडिया मो ने बताया कि यह एक वाटरशेड है. प्रदर्शन के समर्थन में बोलते हुए उन्होंने प्रदर्शन को जंग बताया है.

उन्होंने कहा कि मुझे चिंता है कि यह सिर्फ एक स्टार्टर हो सकता है. कानून के नाम पर और भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.

चीन के स्वतंत्रता दिवस के दिन हुई हिंसा
गौरतलब है कि जब चीन अपने देश को मिली आजादी के 70 सालों का जश्न मना रहा था तो उस समय हांगकांग में पत्थरबाजी हुई. साथ ही बेहद ही भयावह हिंसा हुई.

बता दें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच घंटो तक सड़क पर लड़ाई भी हुई.

छतरियों और डंडों से पुलिस पर हमला, सीने में मारी गोली
दरअसल एक किशोरी जो कि एक ग्रुप का हिस्सा थी उसने छतरियों और डंडों से पुलिस पर हमला किया. इस किशोरी को सीने पर गोली मार दी गई. यह शूटिंग प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली थी.

कैरी लैम को अधिकार देना, विधायिका को दरकिनार करना
आपको बता दें आलोचकों ने कहा कि लैम को कानून बनाने का अधिकार देने का मतलब विधायिका को दरकिनार करना है. और यह अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र के लिए एक अच्छी बात नहीं होगी.

यह भी स्पष्ट नहीं है कि फेस मास्क प्रतिबंध कैसे लागू किया जाएगा.

2003 में एक घातक सार्स आउटब्रेक के बाद से, हांगकांग में फेस मास्क सर्वव्यापी हो गए हैं.

प्रदर्शनकारियों ने कानून तोड़ने की जताई इच्छा
यहां तक ​​कि उदारवादी प्रदर्शनकारियों ने पहले से ही भारी संख्या में कानून को तोड़ने की इच्छा दिखाई है, जो उनके हजारों रैलियों में दिखाई देते हैं.

नरमपंथियों को होगा नुकसान
हांगकांग विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर साइमन यंग ने कहा कि नकाब प्रतिबंध सड़कों पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नरमपंथियों को नुकसान हो सकता है.

हांगकांगः सरकार ने प्रदर्शनकारियों के मुखौटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. दरअसल चीन के राष्ट्रीय दिवस के दौरान हुए आंदोलन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.

इस बात की जानकारी मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने दी. कैरी लैम ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन नियमों के अध्यादेशों के तहत यह आदेश दिया है.

हांगकांग प्रदर्शन पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट, देखें वीडियो...
आपको बता दें, कैरी लैम को आपातकाल या सार्वजनिक खतरे के समय कोई भी नियम कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है.

52 सालों में पहली बार लागू कानून
गौरतलब है कि यह कानून 52 सालों में पहली बार लागू किया गया है.

लेम ने कहा कि हम मानते हैं कि नया कानून नकाब पहने हुए हिंसक प्रदर्शनकारियों और दंगे करने वालों के खिलाफ एक हानिकारक प्रभाव पैदा करेगा.

लेकिन लैम ने जोर देते हुए कहा कि शक्तियों के उपयोग का मतलब यह नहीं था कि सरकार ने आधिकारिक तौर पर आपातकाल की स्थिति की घोषणा कर दी थी.

इससे पहले भी नकाबपोश प्रदर्शनकारी ने किया था हमला
हांगकांग मे एक अधिकारी कार्यकर्ता को लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने निशाना बना लिया. इनमें से एक प्रदर्शनकारी पहले तो अधिकारी पर चिल्लाई, इसके बाद उसने जोरदार मुक्का दे मारा. क्योंकि वह सेंट्रल हॉन्ग कॉन्ग की चार्टर हाउस बिल्डिंग में घुस गया था. प्रदर्शनकारी ने जोरदार मुक्के मारते हुए कहा कि हम सभी चीनी हैं.

लैम ने कहा, हांगकांग में आपातकाल की स्थिति नहीं
उन्होंने आगे कहा कि अध्यादेश का शीर्षक आपातकाल है लेकिन हांगकांग आपातकालीन स्थिति में नहीं है. घोषणा से पहले हजारों नकाब पहने हुए प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को शहर में मार्च किया.

बता दें इन प्रदर्शनकारियों में से कई ऑफिस कार्यकर्ता है.

हांगकांग के लिए डिक्टेटरशिप की दिशा में बड़ा कदम
आपको बता दें एक 34 साल के सर्जिकल मास्क पहने कार्यालय कर्मी मैरी ने बताया कि यंगस्टर्स अपनी जान को जोखिम में डाल कर 10 साल तक जेल जैसी जगह में बंद रहने को भी तैयार हैं. इसलिए मास्क पहनना कोई समस्या नहीं है. सरकार के आलोचकों ने यह चेतावनी भी दी कि यह कदम हांग कांग के लिए डिक्टेटरशिप की दिशा में एक बड़ा कदम है.

पढे़ंः हांगकांग : पुलिस गोलीबारी में किशोर की मौत, प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में रैलियां निकालीं

मास्क पर प्रतिबंध से कम दिखेंगे प्रदर्शनकारी
इस संबंध में हांगकांग विश्वविद्यालय में लॉ के प्रोफेसर साइमन यंग ने कहा कि मॉस्क पर प्रतिबंध लगाने से ऐसा हो सकता है कि कुछ प्रदर्शनकारी सड़कों पर कम ही दिखाई दें.

हांगकांग मे प्रदर्शन एक जंग
बता दें एक लोकतंत्र समर्थक सांसद क्लाउडिया मो ने बताया कि यह एक वाटरशेड है. प्रदर्शन के समर्थन में बोलते हुए उन्होंने प्रदर्शन को जंग बताया है.

उन्होंने कहा कि मुझे चिंता है कि यह सिर्फ एक स्टार्टर हो सकता है. कानून के नाम पर और भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.

चीन के स्वतंत्रता दिवस के दिन हुई हिंसा
गौरतलब है कि जब चीन अपने देश को मिली आजादी के 70 सालों का जश्न मना रहा था तो उस समय हांगकांग में पत्थरबाजी हुई. साथ ही बेहद ही भयावह हिंसा हुई.

बता दें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच घंटो तक सड़क पर लड़ाई भी हुई.

छतरियों और डंडों से पुलिस पर हमला, सीने में मारी गोली
दरअसल एक किशोरी जो कि एक ग्रुप का हिस्सा थी उसने छतरियों और डंडों से पुलिस पर हमला किया. इस किशोरी को सीने पर गोली मार दी गई. यह शूटिंग प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली थी.

कैरी लैम को अधिकार देना, विधायिका को दरकिनार करना
आपको बता दें आलोचकों ने कहा कि लैम को कानून बनाने का अधिकार देने का मतलब विधायिका को दरकिनार करना है. और यह अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र के लिए एक अच्छी बात नहीं होगी.

यह भी स्पष्ट नहीं है कि फेस मास्क प्रतिबंध कैसे लागू किया जाएगा.

2003 में एक घातक सार्स आउटब्रेक के बाद से, हांगकांग में फेस मास्क सर्वव्यापी हो गए हैं.

प्रदर्शनकारियों ने कानून तोड़ने की जताई इच्छा
यहां तक ​​कि उदारवादी प्रदर्शनकारियों ने पहले से ही भारी संख्या में कानून को तोड़ने की इच्छा दिखाई है, जो उनके हजारों रैलियों में दिखाई देते हैं.

नरमपंथियों को होगा नुकसान
हांगकांग विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर साइमन यंग ने कहा कि नकाब प्रतिबंध सड़कों पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नरमपंथियों को नुकसान हो सकता है.

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PRI GEN INT
.HONGKONG FGN14
HK-MASK-2NDLD BAN
Hong Kong leader announces ban on protester face masks
         Hong Kong, Oct 4 (AFP) Hong Kong's leader announced a ban Friday on protesters wearing face masks, invoking colonial-era emergency powers, in a bid to quell months of violent anti-government unrest.
         Chief executive Carrie Lam said she had made the order under the Emergency Regulations Ordinances, a sweeping law that grants her the ability to make any law during a time of emergency or public danger.
         It is the first time the law has been invoked in 52 years.
         "We believe that the new law will create a deterrent effect against masked violent protesters and rioters, and will assist the police in its law enforcement," Lam said.
         But she stressed her use of the powers did not mean the government had officially declared a state of emergency.
         "Although the ordinance carries the title emergency, Hong Kong is not in a state of emergency," she said.
         Before the announcement, thousands of masked protesters -- many of them office workers -- marched through the city's commercial district on Friday, promising to defy the new law.
         "Youngsters are risking their lives, they don't mind being jailed for 10 years, so wearing masks is not a problem," a 34-year-old office worker wearing a surgical mask, who gave her first name as Mary, told AFP at a protest on Friday afternoon.
         Government critics also warned the move was a major step towards authoritarianism for Hong Kong, which has been governed by China under a "one country, two systems" framework since British colonial rule ended in 1997.
         "This is a watershed. This is a Rubicon," pro-democracy lawmaker Claudia Mo told AFP.
         "And I'm worried this could be just a starter. More draconian bans in the name of law could be lurking around the corner."
         Hong Kong's protests were ignited by a now-scrapped plan to allow extraditions to the mainland, which fuelled fears of an erosion of liberties promised under "one country, two systems".
         After Beijing and local leaders took a hardline against the protesters, they snowballed into a wider movement calling for more democratic freedoms and police accountability.
         Protesters have used face masks to avoid identification -- along with yellow helmets, goggles and respirators to protect themselves from tear gas and police projectiles.
         The ban, which Lam said would take effect immediately, came after Hong Kong was rocked by the worst violence of the year on Tuesday, the same day China celebrated 70 years of Communist Party rule.
         Street battles raged for hours between riot police and hardcore protesters.
         A teenager who was part of a group that attacked police with umbrellas and poles was shot in the chest with a live round -- the first such shooting since the demonstrations began.
         Pro-establishment lawmakers and a prominent police officer association had this week ramped up their calls for the government to invoke the emergency laws, which were last used 52 years ago by the British during deadly leftist riots.
         The law allows the city's leader to make "any regulations whatsoever" in the event of an emergency or public danger without the need to go via the city's parliament.
         During the 1967 riots -- a period where more than 50 people were killed in a year-long leftist bombing and murder spree -- the British used the emergency laws to give police extra powers of arrest and roll out widespread censorship of the press.
         But critics countered that bypassing the legislature and giving Lam the power to make any law would be a slippery slope for an international finance hub that owes its economic success to its reputation for rule of law and judicial independence.
         It is also not clear how a face mask ban would be enforceable.
         Since a deadly SARS outbreak in 2003, face masks have become ubiquitous in Hong Kong.
         Even moderate protesters have already shown a willingness to break the law in huge numbers, appearing at unsanctioned rallies in their tens of thousands.
         Simon Young, a law professor at the University of Hong Kong, said a mask ban might deter some moderates from hitting the streets.
         "But it could well have the effect of bringing more people out simply because they feel the need to protest against the exercise of executive authority," he told AFP. (AFP)
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Last Updated : Oct 4, 2019, 10:35 PM IST
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