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शिप ब्रेकिंग यार्ड पर खतरनाक रसायन लदा जहाज पहुंचने की जांच करेगी बलूचिस्तान सरकार

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Published : May 27, 2021, 10:59 PM IST

बलूचिस्तान के पर्यावरण विभाग के उपनिदेशक इमरान सईद काकर ने बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि इंटरपोल की चेतावनी के बावजूद, जहाज पर खतरनाक रसायन और सामग्री लदी हुई है, उसे गदानी यार्ड में लंगर डालने की अनुमति कैसे दी गई.

बलूचिस्तान
बलूचिस्तान

कराची : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की सरकार ने इंटरपोल की चेतावनी के बावजूद संदिग्ध रूप से खतरनाक रसायन से लदे जहाज को शिप ब्रेकिंग यार्ड में लंगर डालने की अनुमति देने की जांच शुरू कर दी है.

बलूचिस्तान सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के एक नागरिक द्वारा जहाज को काटने के लिए गदानी शिप ब्रेकिंग यार्ड लाया गया था. व्यक्ति ने मुंबई के अपने एजेंट के माध्यम से यह जहाज खरीदा था.

ये भी पढे़ं : नेपाल: शीर्ष अदालत ने संसद भंग करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं संविधान पीठ को भेजीं

बलूचिस्तान के पर्यावरण विभाग के उपनिदेशक इमरान सईद काकर ने बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि इंटरपोल की चेतावनी के बावजूद जहाज पर खतरनाक रसायन और सामग्री लदी हुई है, उसे गदानी यार्ड में लंगर डालने की अनुमति कैसे दी गई.

काकर ने कहा कि जहाज को पहले बांग्लादेश और फिर भारत लाया गया था, लेकिन दोनों ही देशों के प्राधिकार ने उस पर लदे पारा मिश्रित रसायन के कारण उसे शिप ब्रेकिंग यार्ड में काटने की अनुमति नहीं दी.

उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने जहां जहाज ने लंगर डाला था, यार्ड के उस हिस्से को सील कर दिया है और उस पर लदे रसायन में जानलेवा तत्वों की मौजूदगी की जांच के लिए उसके नमूनों को कराची के तीन निजी लैब को भेजा है.

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काकर ने कहा कि अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि इंटरपोल द्वारा पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ सूचना साझा किए जाने के बावजूद जहाज यार्ड तक कैसे पहुंचा.

कराची : पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की सरकार ने इंटरपोल की चेतावनी के बावजूद संदिग्ध रूप से खतरनाक रसायन से लदे जहाज को शिप ब्रेकिंग यार्ड में लंगर डालने की अनुमति देने की जांच शुरू कर दी है.

बलूचिस्तान सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के एक नागरिक द्वारा जहाज को काटने के लिए गदानी शिप ब्रेकिंग यार्ड लाया गया था. व्यक्ति ने मुंबई के अपने एजेंट के माध्यम से यह जहाज खरीदा था.

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बलूचिस्तान के पर्यावरण विभाग के उपनिदेशक इमरान सईद काकर ने बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि इंटरपोल की चेतावनी के बावजूद जहाज पर खतरनाक रसायन और सामग्री लदी हुई है, उसे गदानी यार्ड में लंगर डालने की अनुमति कैसे दी गई.

काकर ने कहा कि जहाज को पहले बांग्लादेश और फिर भारत लाया गया था, लेकिन दोनों ही देशों के प्राधिकार ने उस पर लदे पारा मिश्रित रसायन के कारण उसे शिप ब्रेकिंग यार्ड में काटने की अनुमति नहीं दी.

उन्होंने बताया कि बलूचिस्तान की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने जहां जहाज ने लंगर डाला था, यार्ड के उस हिस्से को सील कर दिया है और उस पर लदे रसायन में जानलेवा तत्वों की मौजूदगी की जांच के लिए उसके नमूनों को कराची के तीन निजी लैब को भेजा है.

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काकर ने कहा कि अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि इंटरपोल द्वारा पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ सूचना साझा किए जाने के बावजूद जहाज यार्ड तक कैसे पहुंचा.

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