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चीन के जाल में न फंसे पाक, CPEC से बढ़ेगा कर्ज का बोझ : अमेरिका - सीपीईसी में पारदर्शिता नहीं

अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना की है. पाकिस्तान की चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचीं वेल्स ने पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा कि इस परियोजना में पारदर्शिता नहीं है और इसमें शामिल होने से उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी. पढ़ें पूरी खबर...

america warns pak about china
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Published : Jan 22, 2020, 10:15 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 1:28 AM IST

इस्लामाबाद : वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने एक बार फिर 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना करते हुए कहा कि इस परियोजना में पारदर्शिता नहीं है तथा इससे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा.

अपनी चार दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान एलिस ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व बैंक द्वारा प्रतिबंधित कम्पनियों को सीपीईसी के ठेके दिए गए हैं. वेल्स दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की उप विदेश मंत्री हैं.

सीपीईसी सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का एक नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र को अरब सागर पर पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.

वेल्स ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान से कहा था कि वह सीपीईसी पर चीन से 'कड़े सवाल' करे क्योंकि इससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.

पढ़ें-विशेष लेख : अमेरिका चीन के बीच सुधरते व्यापारिक रिश्ते

स्थानीय समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स ने कहा कि सीपीईसी में पारदर्शिता नहीं है और चीन के वित्तपोषण से पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है.

उन्होंने पाकिस्तान से इस परियोजना पर फिर विचार करने के लिए कहा.

इस्लामाबाद : वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने एक बार फिर 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना करते हुए कहा कि इस परियोजना में पारदर्शिता नहीं है तथा इससे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा.

अपनी चार दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान एलिस ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व बैंक द्वारा प्रतिबंधित कम्पनियों को सीपीईसी के ठेके दिए गए हैं. वेल्स दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की उप विदेश मंत्री हैं.

सीपीईसी सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का एक नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र को अरब सागर पर पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.

वेल्स ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान से कहा था कि वह सीपीईसी पर चीन से 'कड़े सवाल' करे क्योंकि इससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.

पढ़ें-विशेष लेख : अमेरिका चीन के बीच सुधरते व्यापारिक रिश्ते

स्थानीय समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स ने कहा कि सीपीईसी में पारदर्शिता नहीं है और चीन के वित्तपोषण से पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है.

उन्होंने पाकिस्तान से इस परियोजना पर फिर विचार करने के लिए कहा.

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अमेरिका ने सीपीईसी की आलोचना की, पाकिस्तान को दी चीन के जाल में फंसने की चेतावनी



इस्लामाबाद, 22 जनवरी (भाषा) वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ऐलिस वेल्स ने एक बार फिर 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना की और कहा कि इस परियोजना में पारदर्शिता नहीं है तथा इससे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा.



उन्होंने अपनी चार दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान यहां एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व बैंक द्वारा प्रतिबंधित कंपनियों को सीपीईसी के ठेके दिए गए हैं. वेल्स दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की उप विदेश मंत्री हैं.



सीपीईसी सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का एक नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र को अरब सागर पर पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.



वेल्स ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान से कहा था कि वह सीपीईसी पर चीन से 'कड़े सवाल' करे क्योंकि इससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.



समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स ने कहा कि सीपीईसी में पारदर्शिता नहीं है और चीन के वित्तपोषण से पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है.



उन्होंने पाकिस्तान से इस परियोजना पर फिर विचार करने के लिए कहा.


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Last Updated : Feb 18, 2020, 1:28 AM IST
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