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तालिबान का कंधार पर कब्जा, उग्रवादी दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र पर काबिज

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Published : Aug 13, 2021, 11:56 AM IST

अफगानिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि तालिबान ने एक और प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है. कंधार प्रांत की राजधानी कंधार अफगानिस्तान की 34 प्रांतीय राजधानियों में से 12वीं राजधानी है जिस पर उग्रवादियों का कब्जा हो गया है.

तालिबान का कंधार पर कब्जा
तालिबान का कंधार पर कब्जा

काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान का तांडव बदस्तूर जारी है. ताजा घटनाक्रम में अफगानिस्तान की 12वीं प्रांतीय राजधानी- कंधार पर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है. कंधार देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. अधिकारियों ने बताया कि कंधार पर तालिबान ने गुरुवार रात को कब्जा कर लिया और सरकारी अधिकारी तथा उनके परिजन हवाई मार्ग से भागने के लिए किसी तरह हवाई अड्डे पहुंच गए.

इससे पहले, गुरुवार को ही तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था.

तालिबान के लड़ाके ऐतिहासिक शहर में ग्रेट मस्जिद से आगे बढ़ गए और सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक सरकारी इमारत से रूक-रूक कर गोलीबारी की आवाज आ रही थी जबकि बाकी के शहर में शांति थी और वहां पर तालिबान का कब्जा हो चुका था.

गजनी पर तालिबान के कब्जे से अफगानिस्तान की राजधानी को देश के दक्षिण प्रांतों से जोड़ने वाला अहम राजमार्ग कट गया. काबुल अभी सीधे खतरे में नहीं है लेकिन तालिबान की देश में पकड़ मजबूत होती जा रही है और दो तिहाई से अधिक क्षेत्र पर वह काबिज हो गया है. उग्रवादी संगठन अन्य प्रांतीय राजधानियों में सरकारी बलों पर दबाव बना रहा है.

बदतर होते सुरक्षा हालात को देखते हुए अमेरिका काबुल में अमेरिकी दूतावास से कर्मियों को निकालने के लिए 3,000 सैनिकों को भेज रहा है. वहीं, ब्रिटेन भी देश से अपने नागरिकों को निकलने में मदद देने के लिए कुछ समय के लिए करीब 600 सैनिकों की वहां पर तैनाती करेगा.

अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के बीच तालिबान ने गुरुवार को काबुल के निकट एक और प्रांतीय राजधानी गजनी पर कब्जा कर लिया था. काबुल के दक्षिणपश्चिम में 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गजनी में उग्रवादियों ने श्वेत झंडे फहराए थे.

गजनी के तालिबान के हाथों में जाने से यहां अब सरकारी बलों की आवाजाही में मुश्किलें आएंगी क्योंकि यह काबुल-कंधार राजमार्ग पर है. इस बीच अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है.

हेलमंद से सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि बुधवार को आत्मघाती कार बम हमले में राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया था. गुरुवार को तालिबान ने मुख्यालय पर कब्जा कर लिया और कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है.

कंधार में बुधवार रात को तालिबान लड़ाकों ने कारागार पर हमला किया और कैदियों को छुड़वा लिया.

यह भी पढ़ें- तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा किया

नियाजी ने इलाके में हवाई हमलों की निंदा की और आशंका जताई कि इसमें आम नागरिक मारे जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'तालिबान के लड़ाके स्वयं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों के घरों का इस्तेमाल करते हैं और सरकार नागरिकों की परवाह किए बगैर हवाई हमले कर रही है.'

माना जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना हवाई हमलों में अफगान बलों की मदद कर रही है. अमेरिकी बम हमलों में कितने लोग मारे गए हैं इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है.

(पीटीआई-भाषा)

काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान का तांडव बदस्तूर जारी है. ताजा घटनाक्रम में अफगानिस्तान की 12वीं प्रांतीय राजधानी- कंधार पर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है. कंधार देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. अधिकारियों ने बताया कि कंधार पर तालिबान ने गुरुवार रात को कब्जा कर लिया और सरकारी अधिकारी तथा उनके परिजन हवाई मार्ग से भागने के लिए किसी तरह हवाई अड्डे पहुंच गए.

इससे पहले, गुरुवार को ही तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था.

तालिबान के लड़ाके ऐतिहासिक शहर में ग्रेट मस्जिद से आगे बढ़ गए और सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक सरकारी इमारत से रूक-रूक कर गोलीबारी की आवाज आ रही थी जबकि बाकी के शहर में शांति थी और वहां पर तालिबान का कब्जा हो चुका था.

गजनी पर तालिबान के कब्जे से अफगानिस्तान की राजधानी को देश के दक्षिण प्रांतों से जोड़ने वाला अहम राजमार्ग कट गया. काबुल अभी सीधे खतरे में नहीं है लेकिन तालिबान की देश में पकड़ मजबूत होती जा रही है और दो तिहाई से अधिक क्षेत्र पर वह काबिज हो गया है. उग्रवादी संगठन अन्य प्रांतीय राजधानियों में सरकारी बलों पर दबाव बना रहा है.

बदतर होते सुरक्षा हालात को देखते हुए अमेरिका काबुल में अमेरिकी दूतावास से कर्मियों को निकालने के लिए 3,000 सैनिकों को भेज रहा है. वहीं, ब्रिटेन भी देश से अपने नागरिकों को निकलने में मदद देने के लिए कुछ समय के लिए करीब 600 सैनिकों की वहां पर तैनाती करेगा.

अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के बीच तालिबान ने गुरुवार को काबुल के निकट एक और प्रांतीय राजधानी गजनी पर कब्जा कर लिया था. काबुल के दक्षिणपश्चिम में 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गजनी में उग्रवादियों ने श्वेत झंडे फहराए थे.

गजनी के तालिबान के हाथों में जाने से यहां अब सरकारी बलों की आवाजाही में मुश्किलें आएंगी क्योंकि यह काबुल-कंधार राजमार्ग पर है. इस बीच अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है.

हेलमंद से सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि बुधवार को आत्मघाती कार बम हमले में राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया था. गुरुवार को तालिबान ने मुख्यालय पर कब्जा कर लिया और कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है.

कंधार में बुधवार रात को तालिबान लड़ाकों ने कारागार पर हमला किया और कैदियों को छुड़वा लिया.

यह भी पढ़ें- तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा किया

नियाजी ने इलाके में हवाई हमलों की निंदा की और आशंका जताई कि इसमें आम नागरिक मारे जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'तालिबान के लड़ाके स्वयं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों के घरों का इस्तेमाल करते हैं और सरकार नागरिकों की परवाह किए बगैर हवाई हमले कर रही है.'

माना जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना हवाई हमलों में अफगान बलों की मदद कर रही है. अमेरिकी बम हमलों में कितने लोग मारे गए हैं इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है.

(पीटीआई-भाषा)

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