ETV Bharat / international

पाकिस्तान की 629 लड़कियों को दुल्हन के तौर पर चीनी नागरिकों को बेचा - 2018 से मानव तस्करी

मानव तस्करों के खिलाफ सबसे बड़ा मामला बंद हो गया. अक्टूबर में, फैसलाबाद की अदालत ने तस्करी के संबंध में चीन के 31 नागरिकों को बरी कर दिया था.

Breaking News
author img

By

Published : Dec 4, 2019, 11:09 PM IST

लाहौर : पाकिस्तान की करीब 629 लड़कियों एवं महिलाओं को दुल्हन के रूप में चीन के पुरुषों को बेचा गया जो उन्हें चीन ले गए. देश के गरीब एवं कमजोर लोगों का शोषण करने वाले मानव तस्करों के नेटवर्कों का भंडाफोड़ करने का संकल्प लेने वाले पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने यह सूची तैयार की है.

यह सूची 2018 से मानव तस्करी के जाल में फंसी महिलाओं की सबसे सटीक संख्या उपलब्ध कराती है.

लेकिन जून में यह सूची सामने आने के बाद से नेटवर्कों के खिलाफ जांचकर्ताओं के आक्रामक अभियान की रफ्तार अचानक थम सी गई. जांच की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि ऐसा सरकारी अधिकारियों के दबाव की वजह से हुआ है जो चीन से पाकिस्तान के लाभप्रद संबंधों को नुकसान पहुंचने से डरते हैं.

अदालत के एक अधिकारी और मामले की जानकारी रखने वाले पुलिस जांचकर्ता के मुताबिक पुलिस की ओर से की गई शुरुआती जांच में कई महिलाओं ने गवाही देने से इनकार कर दिया था क्योंकि या तो वह डरी हुईं थी या उन्हें चुप रहने के लिए पैसा दिया गया था. इन दोनों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर यह जानकारी दी.

एक इसाई कार्यकर्ता सलीम इकबाल ने कहा कि इसी वक्त, सरकार ने जांच बंद कराने का प्रयास किया, नेटवर्कों की जांच कर रहे संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों पर “अत्यधिक दबाव” डालने की कोशिश की.

इकबाल ने चीन से युवतियों को छुड़ाने और अन्य को चीन भेजे जाने से बचाने के लिए कई परिजनों की मदद की है.

पढ़ें: तिहाड़ जेल से रिहा हुए चिदंबरम, सोनिया से की मुलाकात


इस संबंध में घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मानव तस्करी की जांच धीमी हो गई, जांचकर्ता निराश हैं और पाकिस्तानी मीडिया पर इस मामले में रिपोर्टिंग बंद करने का दबाव डाला गया.

लाहौर : पाकिस्तान की करीब 629 लड़कियों एवं महिलाओं को दुल्हन के रूप में चीन के पुरुषों को बेचा गया जो उन्हें चीन ले गए. देश के गरीब एवं कमजोर लोगों का शोषण करने वाले मानव तस्करों के नेटवर्कों का भंडाफोड़ करने का संकल्प लेने वाले पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने यह सूची तैयार की है.

यह सूची 2018 से मानव तस्करी के जाल में फंसी महिलाओं की सबसे सटीक संख्या उपलब्ध कराती है.

लेकिन जून में यह सूची सामने आने के बाद से नेटवर्कों के खिलाफ जांचकर्ताओं के आक्रामक अभियान की रफ्तार अचानक थम सी गई. जांच की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि ऐसा सरकारी अधिकारियों के दबाव की वजह से हुआ है जो चीन से पाकिस्तान के लाभप्रद संबंधों को नुकसान पहुंचने से डरते हैं.

अदालत के एक अधिकारी और मामले की जानकारी रखने वाले पुलिस जांचकर्ता के मुताबिक पुलिस की ओर से की गई शुरुआती जांच में कई महिलाओं ने गवाही देने से इनकार कर दिया था क्योंकि या तो वह डरी हुईं थी या उन्हें चुप रहने के लिए पैसा दिया गया था. इन दोनों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर यह जानकारी दी.

एक इसाई कार्यकर्ता सलीम इकबाल ने कहा कि इसी वक्त, सरकार ने जांच बंद कराने का प्रयास किया, नेटवर्कों की जांच कर रहे संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों पर “अत्यधिक दबाव” डालने की कोशिश की.

इकबाल ने चीन से युवतियों को छुड़ाने और अन्य को चीन भेजे जाने से बचाने के लिए कई परिजनों की मदद की है.

पढ़ें: तिहाड़ जेल से रिहा हुए चिदंबरम, सोनिया से की मुलाकात


इस संबंध में घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मानव तस्करी की जांच धीमी हो गई, जांचकर्ता निराश हैं और पाकिस्तानी मीडिया पर इस मामले में रिपोर्टिंग बंद करने का दबाव डाला गया.

Intro:Body:

Impeachment


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.