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कैदियों की अदला-बदली में देरी के ईरान के आरोप पर भड़का अमेरिका

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Published : Jul 18, 2021, 11:35 AM IST

अमेरिका ने कैदियों की प्रस्तावित अदला-बदली में देरी का आरोप लगाने के लिए शनिवार को ईरान पर निशाना साधा.

अमेरिका
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वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने उस पर तत्काल अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता शुरू करने के लिए मजबूर करने के वास्ते कैदियों की प्रस्तावित अदला-बदली में देरी का आरोप लगाने के लिए शनिवार को ईरान पर निशाना साधा. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ईरान के उप विदेश मंत्री की टिप्पणियों को अपमानजनक बताया.

ईरान के उप विदेश मंत्री ने आरोप लगाया था कि अमेरिका और ब्रिटेन 2015 के ईरान परमाणु समझौते को बचाने के लिए कैदियों को बंधक बनाने का हथकंडा अपना रहे हैं.

सैयद अब्बास अरागची ने अपने पुष्ट अकाउंट से किए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि विएना में परमाणु वार्ता तब तक बहाल नहीं हो सकती, जब तक ईरान के कट्टरपंथी नव निर्वाचित राष्ट्रपति अगस्त की शुरुआत में कामकाज न संभाल लें. उन्होंने कहा कि हम सत्ता हस्तांतरण के दौर में हैं. परमाणु वार्ता को हमारे नए प्रशासन का इंतजार करना होगा. हर लोकतंत्र की यही मांग होती है.

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के 10 कैदियों को कल रिहा किया जा सकता है अगर अमेरिका और ब्रिटेन अपने हिस्से के समझौते को पूरा करें.

इब्राहिम रईसी के ईरान का राष्ट्रपति चुनाव जीतने से पहले पिछले महीने छह दौर की परमाणु वार्ता बेनतीजा रही. अमेरिका लगातार कह रहा है कि वह सातवें दौर की बातचीत के लिए तैयार है और ईरान में बंदी बनाए अमेरिकी नागरिकों को फौरन रिहा करने की भी मांग कर रहा है.

इसे भी पढ़ें : 38 घंटे में गोलीबारी की 11 घटनाएं, जानें क्याें दहला अमेरिका का यह शहर

अरागची की टिप्पणियों के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इस दावे को खारिज किया कि कैदियों की अदला-बदली पर पहले ही एक समझौता हो चुका था और उन्होंने कहा कि अमेरिका परमाणु वार्ता बहाल होने का इंतजार करते हुए कैदियों की अदला-बदली के संबंध में वार्ता जारी रखने के लिए तैयार है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने उस पर तत्काल अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता शुरू करने के लिए मजबूर करने के वास्ते कैदियों की प्रस्तावित अदला-बदली में देरी का आरोप लगाने के लिए शनिवार को ईरान पर निशाना साधा. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ईरान के उप विदेश मंत्री की टिप्पणियों को अपमानजनक बताया.

ईरान के उप विदेश मंत्री ने आरोप लगाया था कि अमेरिका और ब्रिटेन 2015 के ईरान परमाणु समझौते को बचाने के लिए कैदियों को बंधक बनाने का हथकंडा अपना रहे हैं.

सैयद अब्बास अरागची ने अपने पुष्ट अकाउंट से किए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि विएना में परमाणु वार्ता तब तक बहाल नहीं हो सकती, जब तक ईरान के कट्टरपंथी नव निर्वाचित राष्ट्रपति अगस्त की शुरुआत में कामकाज न संभाल लें. उन्होंने कहा कि हम सत्ता हस्तांतरण के दौर में हैं. परमाणु वार्ता को हमारे नए प्रशासन का इंतजार करना होगा. हर लोकतंत्र की यही मांग होती है.

उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के 10 कैदियों को कल रिहा किया जा सकता है अगर अमेरिका और ब्रिटेन अपने हिस्से के समझौते को पूरा करें.

इब्राहिम रईसी के ईरान का राष्ट्रपति चुनाव जीतने से पहले पिछले महीने छह दौर की परमाणु वार्ता बेनतीजा रही. अमेरिका लगातार कह रहा है कि वह सातवें दौर की बातचीत के लिए तैयार है और ईरान में बंदी बनाए अमेरिकी नागरिकों को फौरन रिहा करने की भी मांग कर रहा है.

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अरागची की टिप्पणियों के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इस दावे को खारिज किया कि कैदियों की अदला-बदली पर पहले ही एक समझौता हो चुका था और उन्होंने कहा कि अमेरिका परमाणु वार्ता बहाल होने का इंतजार करते हुए कैदियों की अदला-बदली के संबंध में वार्ता जारी रखने के लिए तैयार है.

(पीटीआई-भाषा)

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