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भारत स्वच्छ ऊर्जा तकनीक को अपनाने के कारण निवेश के लिए बड़े अवसर पैदा करता है : जॉन केरी - climate change

केरी ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 में कहा, 'भारत ने स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है, जो वास्तव में वहां निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है.'

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Published : Feb 13, 2021, 9:14 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष अधिकारी जॉन केरी ने जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हो रही चुनौतियों के निपटने की प्रतिबद्धता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक का इस्तेमाल करना आरंभ किया है, जो वास्तव में निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है.

जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत भारतीय नेतृत्व के साथ मिलकर 'अत्यंत निकटता' से काम करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि भारत इस पूरी (जलवायु परिवर्तन से निपटने की) कोशिश में स्वच्छ ऊर्जा को अपना रहे सबसे अहम देशों में शामिल है. मुझे भरोसा है कि जिस तरह हमने पिछले कुछ साल में कई मामलों पर निकटता से काम किया है, उसी तरह दोनों देशों- दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों को इस समय जलवायु संकट से निपटने और हमारे वैश्विक नेतृत्व के लिए हाथ मिलाने से लाभ होगा.'

केरी ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 में कहा, 'भारत ने स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है, जो वास्तव में वहां निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है.'

केरी ने कहा कि वह जल्द ही भारत की यात्रा करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस वार्ता में अहम भूमिका निभाई है. केरी ने कहा कि भारत इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह कई वर्षों से प्रतिबद्ध रहा है.

उन्होंने कहा, 'आप नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में अपने नेतृत्व के कारण निर्विवाद रूप से वैश्विक नेता हैं. जैसा कि मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह गठबंधन केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए अहम है.'

केरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 450 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा के जिस लक्ष्य की घोषणा की है, वह इस बात का शानदार उदाहरण है कि स्वच्छ ऊर्जा के साथ एक विकासशील अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत किया जा सकता है और यह सबसे महत्वपूर्ण योगदान में से एक होगा, क्योंकि अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है.

उन्होंने 'अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी' की ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि स्वच्छ ऊर्जा तकनीक अपनाने के लिए भारत का अग्रिम भुगतान उसे 2040 तक सौर और भंडारण के मामले में वैश्विक बाजार में अग्रणी बनाने को गति देता है.

पढ़ेंः अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का मुकदमा शुरू किया

केरी ने कहा, 'आपके तेजी से विस्तार के कारण दुनिया की किसी भी अन्य जगह की अपेक्षा भारत में सौर ऊर्जा बनाना सस्ता है.

उन्होंने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि बाइडेन प्रशासन में भारत अमेरिका का अहम सहयोगी है. केरी ने कहा कि वह जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय कारोबार जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

वॉशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष अधिकारी जॉन केरी ने जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हो रही चुनौतियों के निपटने की प्रतिबद्धता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि भारत ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक का इस्तेमाल करना आरंभ किया है, जो वास्तव में निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है.

जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत भारतीय नेतृत्व के साथ मिलकर 'अत्यंत निकटता' से काम करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि भारत इस पूरी (जलवायु परिवर्तन से निपटने की) कोशिश में स्वच्छ ऊर्जा को अपना रहे सबसे अहम देशों में शामिल है. मुझे भरोसा है कि जिस तरह हमने पिछले कुछ साल में कई मामलों पर निकटता से काम किया है, उसी तरह दोनों देशों- दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों को इस समय जलवायु संकट से निपटने और हमारे वैश्विक नेतृत्व के लिए हाथ मिलाने से लाभ होगा.'

केरी ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 में कहा, 'भारत ने स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल करना आरंभ कर दिया है, जो वास्तव में वहां निवेश के बड़े अवसर पैदा करता है.'

केरी ने कहा कि वह जल्द ही भारत की यात्रा करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस वार्ता में अहम भूमिका निभाई है. केरी ने कहा कि भारत इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह कई वर्षों से प्रतिबद्ध रहा है.

उन्होंने कहा, 'आप नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में अपने नेतृत्व के कारण निर्विवाद रूप से वैश्विक नेता हैं. जैसा कि मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह गठबंधन केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए अहम है.'

केरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 450 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा के जिस लक्ष्य की घोषणा की है, वह इस बात का शानदार उदाहरण है कि स्वच्छ ऊर्जा के साथ एक विकासशील अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत किया जा सकता है और यह सबसे महत्वपूर्ण योगदान में से एक होगा, क्योंकि अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है.

उन्होंने 'अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी' की ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि स्वच्छ ऊर्जा तकनीक अपनाने के लिए भारत का अग्रिम भुगतान उसे 2040 तक सौर और भंडारण के मामले में वैश्विक बाजार में अग्रणी बनाने को गति देता है.

पढ़ेंः अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का मुकदमा शुरू किया

केरी ने कहा, 'आपके तेजी से विस्तार के कारण दुनिया की किसी भी अन्य जगह की अपेक्षा भारत में सौर ऊर्जा बनाना सस्ता है.

उन्होंने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि बाइडेन प्रशासन में भारत अमेरिका का अहम सहयोगी है. केरी ने कहा कि वह जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय कारोबार जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

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