दोहा : वाशिंगटन ने तालिबान के साथ शनिवार को कतर में फिर बातचीत शुरू कर दी है. एक अमेरिकी सूत्र ने यह जानकारी दी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध की समाप्ति के लिए किए जा रहे राजनयिक प्रयासों को तीन माह पूर्व अचानक रोक दिया था.
गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान गत सितंबर में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के करीब प्रतीत हुए थे. उसी कड़ी में वाशिंगटन ने सुरक्षा गारंटी के बदले में अपने हजारों सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया था.
उस वक्त यह उम्मीद बंधी थी कि तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच सीधी बातचीत का रास्ता खुलेगा और 18 साल से अधिक समय से जारी युद्ध के बाद एक संभावित शांति समझौता होगा.
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लेकिन तभी एक अमेरिकी सैनिक के मारे जाने के बाद ट्रंप ने सालभर से जारी अपना प्रयास अचानक रोक दिया और विद्रोहियों को कैंप डेविड में गुप्त वार्ता में शामिल होने का निमंत्रण वापस ले लिया.
फिलहाल अमेरिका आज दोहा में फिर तालिबान के साथ बातचीत में शरीक हुआ. चर्चा का केंद्र हिंसा को कम करने पर होगा, जो अंतर-अफगान वार्ता और युद्धविराम का मार्ग प्रशस्त करेगा. अफगानिस्तान में लगभग दो दशक से जारी युद्ध के खात्मे के प्रयासों के बारे में अमेरिकी सूत्र ने जानकारी दी.
ज्ञातव्य है कि पिछले सप्ताह अफगानिस्तान में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे की औचक यात्रा के दौरान ट्रंप ने कहा था कि तालिबान एक सौदा करना चाहता है. यहां तक कि अमेरिकी वार्ताकार जलील खलीलजाद ने हालिया हफ्तों में पाकिस्तान सहित अफगान शांति में हिस्सेदारी के साथ इन देशों के दौरे किए.
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जहां तक तालिबान का सवाल है तो वे अब तक अफगान सरकार के साथ बातचीत से इनकार करते रहे हैं, जिसे वे एक नाजायज शासन मानते हैं.
इस बीच अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा उठाई गई चिंताओं के बीच, विदेश विभाग ने युद्धविराम के लिए समर्थन की आवाज उठाई थी.
खैर, अब तालिबान के साथ एक समझौते में दो मुख्य स्तंभ होने की उम्मीद है. पहला अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और दूसरा आतंकवादियों द्वारा जिहादियों को अभयारण्य की पेशकश नहीं करने की प्रतिबद्धता.
लगभग 18 साल पहले अमेरिका की इस मामले में दखलंदाजी का मुख्य कारण अल-कायदा के साथ तालिबान का संबंध था. लेकिन तालिबान के साथ सत्ता के बंटवारे के मुद्दे, पाकिस्तान और भारत सहित क्षेत्रीय शक्तियों की भूमिका और गनी के प्रशासन के भाग्य अब तक अनसुलझे हैं.