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रोहिंग्याओं की हत्या के कारण अमेरिका का म्यांमार सैन्य प्रमुख पर प्रतिबंध

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Published : Jul 17, 2019, 12:38 PM IST

US ने म्यांमार सैन्य बलों के कमांडर-इन-चीफ और तीन अन्य शीर्ष के सैन्य अधिकारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या के सदस्यों की गैर-न्यायिक हत्या करने के कारण प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंध के बारे में बताते हुए पोंपियो ने कहा कि इन सभी और इनके परिवारों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जानें क्या है पूरा मामला ......

रोहिंग्याओं की हत्या के कारण अमेरिका का म्यांमार सैन्य प्रमुख पर प्रतिबंध

वाशिंगटन: अमेरिका ने म्यांमार सैन्य बलों के कमांडर-इन-चीफ तथा तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या के सदस्यों की गैर-न्यायिक हत्या करने के कारण प्रतिबंध लगा दिया है.

स्थानीय खबरों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विशेष आयोग की पिछले साल रिपोर्ट आई थी जिसमें सैनिकों और आतंकवादी संगठनों द्वारा रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई को मानवता के खिलाफ हमला कहा था. उस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में अमेरिका ने पहली बार इतने कठोर प्रतिबंध लगाए हैं.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने मंगलवार को एक बयान में कहा, 'इस घोषणा के साथ, अमेरिका बर्मा की सेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के संदर्भ में सार्वजनिक रूप से कार्रवाई करने वाला पहला देश बन गया है.'

पढ़ें: 'म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं को वापस लेने नहीं जा रही'

उन्होंने कहा, 'हमने इन लोगों को मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन के साथ-साथ उत्तरी रखाइन प्रांत में रोहिंग्याओं की हत्या में इनकी संलिप्तता की विश्वस्त सूचना के आधार पर नामित किया है.'

ये प्रतिबंध जनरल मिन ओंग हेंग (राष्ट्रीय सेना के कमांडर इन चीफ) और उनके बाद सर्वोच्च नेता सू विन के साथ-साथ 33वीं लाइट इनफेंटरी डिवीजन के ब्रिगेडियर जनरल औंग औंग और 99वीं इनफेंटरी डिवीजन में उनके समकक्ष थान ओ पर लगाए गए हैं.

प्रतिबंध के बारे में बताते हुए पोंपियो ने कहा कि इन सभी और इनके परिवारों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रतिबंध का हालांकि इन पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा है.

वाशिंगटन: अमेरिका ने म्यांमार सैन्य बलों के कमांडर-इन-चीफ तथा तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या के सदस्यों की गैर-न्यायिक हत्या करने के कारण प्रतिबंध लगा दिया है.

स्थानीय खबरों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विशेष आयोग की पिछले साल रिपोर्ट आई थी जिसमें सैनिकों और आतंकवादी संगठनों द्वारा रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई को मानवता के खिलाफ हमला कहा था. उस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में अमेरिका ने पहली बार इतने कठोर प्रतिबंध लगाए हैं.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने मंगलवार को एक बयान में कहा, 'इस घोषणा के साथ, अमेरिका बर्मा की सेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के संदर्भ में सार्वजनिक रूप से कार्रवाई करने वाला पहला देश बन गया है.'

पढ़ें: 'म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं को वापस लेने नहीं जा रही'

उन्होंने कहा, 'हमने इन लोगों को मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन के साथ-साथ उत्तरी रखाइन प्रांत में रोहिंग्याओं की हत्या में इनकी संलिप्तता की विश्वस्त सूचना के आधार पर नामित किया है.'

ये प्रतिबंध जनरल मिन ओंग हेंग (राष्ट्रीय सेना के कमांडर इन चीफ) और उनके बाद सर्वोच्च नेता सू विन के साथ-साथ 33वीं लाइट इनफेंटरी डिवीजन के ब्रिगेडियर जनरल औंग औंग और 99वीं इनफेंटरी डिवीजन में उनके समकक्ष थान ओ पर लगाए गए हैं.

प्रतिबंध के बारे में बताते हुए पोंपियो ने कहा कि इन सभी और इनके परिवारों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रतिबंध का हालांकि इन पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा है.

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