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मालाबार युद्धाभ्यास : भारत का आस्ट्रेलिया को बुलावा, अमेरिका ने किया समर्थन

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Published : Oct 21, 2020, 11:39 AM IST

ऑस्ट्रेलिया ने भारत के अनुरोध को ऐसे समय स्वीकार किया है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया की रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स और विदेश मंत्री मैरिसे पेने ने एक सुयंक्त बयान जारी करते हुए कहा कि यह घोषणा भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के संबंध और गहरे करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Malabar Exercise
मालाबार युद्धाभ्यास

वॉशिंगटन : प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने मंगलवार को मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को बुलाने के भारत के फैसले का स्वागत किया.

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारत ने सोमवार को आगामी मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान के साथ ऑस्ट्रेलिया के भी हिस्सा लेने की घोषणा की थी.

अमेरिकी सीनेटरों ने भारत के राजदूत को लिखा पत्र
यह 'क्वॉड' समूह के चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की सैन्य स्तर पर पहली भागीदारी होगी. अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को लिखे पत्र में सीनेटरों ने कहा कि संचालन के दृष्टिकोण से ऑस्ट्रेलिया जैसे विशिष्ट रूप से सक्षम और योग्य निष्ठावान साझेदार का नौसेना अभ्यास में शामिल होना अमूल्य है. यह परस्पर साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाएगा, खतरे की मूल्यांकन क्षमताओं को मजबूत करेगा और चारों नौसेना शक्तियों की समुद्री भूमिकाओं के साथ-साथ मिशनों का भी विस्तार करेगा.

Malabar Exercise
भारत के राजदूत को लिखा पत्र

पढ़ें:एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा पाक, आतंकी वित्तपोषण रोकने में नाकाम

समिति के इन सदस्यों ने किए पत्र पर हस्ताक्षर
सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर डेविड पेर्ड्यू के नेतृत्व में सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न, क्रिस कून्स, जॉन कॉर्निन, केविन क्रैमर, टेड क्रूज, जोश हॉले, जेम्स लैंकफोर्ड, केली लोफ्लर, मार्था मैकस्ली, मार्को रुबियो, डैन सुलिवन, थॉम टिलिस और मार्क वार्नर ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए.

Malabar Exercise
समिति के सदस्यों ने पत्र पर किए हस्ताक्षर

पत्र में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता, टीका निर्माण और बुनियादी ढांचे के निवेश जैसे गैर-सुरक्षा मुद्दों पर 'क्वाड' सदस्यों के बीच बढ़ते समन्वय की भी सराहना की गई.

विदेश मंत्री पेने ने कहा कि मालाबार युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत के चार प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के बीच गहरे भरोसे और साझा सुरक्षा हितों पर एक साथ काम करने की उनकी इच्छा को भी दर्शाता है.

वॉशिंगटन : प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह ने मंगलवार को मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को बुलाने के भारत के फैसले का स्वागत किया.

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारत ने सोमवार को आगामी मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में अमेरिका और जापान के साथ ऑस्ट्रेलिया के भी हिस्सा लेने की घोषणा की थी.

अमेरिकी सीनेटरों ने भारत के राजदूत को लिखा पत्र
यह 'क्वॉड' समूह के चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की सैन्य स्तर पर पहली भागीदारी होगी. अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को लिखे पत्र में सीनेटरों ने कहा कि संचालन के दृष्टिकोण से ऑस्ट्रेलिया जैसे विशिष्ट रूप से सक्षम और योग्य निष्ठावान साझेदार का नौसेना अभ्यास में शामिल होना अमूल्य है. यह परस्पर साथ काम करने की क्षमता को बढ़ाएगा, खतरे की मूल्यांकन क्षमताओं को मजबूत करेगा और चारों नौसेना शक्तियों की समुद्री भूमिकाओं के साथ-साथ मिशनों का भी विस्तार करेगा.

Malabar Exercise
भारत के राजदूत को लिखा पत्र

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समिति के इन सदस्यों ने किए पत्र पर हस्ताक्षर
सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर डेविड पेर्ड्यू के नेतृत्व में सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न, क्रिस कून्स, जॉन कॉर्निन, केविन क्रैमर, टेड क्रूज, जोश हॉले, जेम्स लैंकफोर्ड, केली लोफ्लर, मार्था मैकस्ली, मार्को रुबियो, डैन सुलिवन, थॉम टिलिस और मार्क वार्नर ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए.

Malabar Exercise
समिति के सदस्यों ने पत्र पर किए हस्ताक्षर

पत्र में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मानवीय सहायता, टीका निर्माण और बुनियादी ढांचे के निवेश जैसे गैर-सुरक्षा मुद्दों पर 'क्वाड' सदस्यों के बीच बढ़ते समन्वय की भी सराहना की गई.

विदेश मंत्री पेने ने कहा कि मालाबार युद्धाभ्यास हिंद-प्रशांत के चार प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के बीच गहरे भरोसे और साझा सुरक्षा हितों पर एक साथ काम करने की उनकी इच्छा को भी दर्शाता है.

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