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अमेरिकी सीनेट ने पास किया ईरान की युद्ध शक्तियों से जुड़ा प्रस्ताव

अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैन्य शक्तियों के अधिकार को सीमित करने के प्रस्ताव को पास कर दिया है.

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अमेरिकी सीनेट ने पास किया ईरान युद्ध शक्तियां प्रस्ताव
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Published : Feb 14, 2020, 7:22 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 7:00 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिकी सीनेट ने ईरान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैन्य शक्तियों के अधिकार को सीमित करने के प्रस्ताव को पास कर दिया है.

गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट ने अपने ही प्रस्ताव के उस संस्करण को पारित किया है, जो इससे पहले सदन द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एकतरफा रूप से 1973 के युद्ध शक्तियों अधिनियम के माध्यम से ईरान के खिलाफ युद्ध करने की क्षमता को सीमित करने की मांग करते हुए पारित किया गया था.

बता दें, इस संस्करण को नॉनबाइंडिंग रिजॉल्यूशन में द्विदलीय समर्थन मिलने के साथ 47 डेमोक्रेट्स के साथ-साथ आठ रिपब्लिकन के वोट भी मिले. ये सभी लोग इस बात से सहमत थे कि तीन जनवरी को ईरानी मेजर जनरल की हत्या के आदेश से पहले ट्रंप को संघीय सांसदों की मंजूरी लेनी चाहिए थी.

पढ़ें : OIC बैठक में ट्रंप की शांति योजना पर चर्चा, सऊदी अरब ने ईरान पर लगाई रोक

संकल्प पेश करने वाले सेन टिम काइन ने बताया कि सबसे अहम बात है कि कोई भी व्यक्ति जो हमारा राष्ट्रपति है, इतना सक्षम नहीं कि बिना विचार विमर्श के अपने दम पर कोई निर्णय ले.

पिछले महीने पास हुए हाउस बिल की तरह, सीनेट प्रस्ताव गैर-बाध्यकारी है, जिसका मतलब है कि ट्रंप इसे वीटो नहीं कर सकते हैं, लेकिन न ही वह कानूनी रूप से इसे मानने के लिए मजबूर है.

यह ट्रंप की शक्तियों पर लगाम लगाने की दूसरी कोशिश है, जिसके लिए दोनों विधायी सदनों ने एकजुट होकर प्रयास किया है.

वॉशिंगटन : अमेरिकी सीनेट ने ईरान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैन्य शक्तियों के अधिकार को सीमित करने के प्रस्ताव को पास कर दिया है.

गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट ने अपने ही प्रस्ताव के उस संस्करण को पारित किया है, जो इससे पहले सदन द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एकतरफा रूप से 1973 के युद्ध शक्तियों अधिनियम के माध्यम से ईरान के खिलाफ युद्ध करने की क्षमता को सीमित करने की मांग करते हुए पारित किया गया था.

बता दें, इस संस्करण को नॉनबाइंडिंग रिजॉल्यूशन में द्विदलीय समर्थन मिलने के साथ 47 डेमोक्रेट्स के साथ-साथ आठ रिपब्लिकन के वोट भी मिले. ये सभी लोग इस बात से सहमत थे कि तीन जनवरी को ईरानी मेजर जनरल की हत्या के आदेश से पहले ट्रंप को संघीय सांसदों की मंजूरी लेनी चाहिए थी.

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संकल्प पेश करने वाले सेन टिम काइन ने बताया कि सबसे अहम बात है कि कोई भी व्यक्ति जो हमारा राष्ट्रपति है, इतना सक्षम नहीं कि बिना विचार विमर्श के अपने दम पर कोई निर्णय ले.

पिछले महीने पास हुए हाउस बिल की तरह, सीनेट प्रस्ताव गैर-बाध्यकारी है, जिसका मतलब है कि ट्रंप इसे वीटो नहीं कर सकते हैं, लेकिन न ही वह कानूनी रूप से इसे मानने के लिए मजबूर है.

यह ट्रंप की शक्तियों पर लगाम लगाने की दूसरी कोशिश है, जिसके लिए दोनों विधायी सदनों ने एकजुट होकर प्रयास किया है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 7:00 AM IST
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