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अमेरिका की नेपाल को दो टूक: समझौता नहीं हुआ तो जिम्मेदार चीन होगा

अमेरिका का कहना है कि यदि नेपाल 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता स्वीकार नहीं करता है तो वह उसके साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगा और यह मानेगा कि यह समझौता चीन की वजह से विफल हो गया.

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Published : Feb 12, 2022, 7:36 AM IST

Updated : Feb 12, 2022, 7:46 AM IST

काठमांडू: अमेरिका ने नेपाल से 28 फरवरी तक मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन के तहत प्रस्तावित अनुदान सहायता समझौते की पुष्टि करने का अनुरोध किया है. अमेरिका का कहना है कि यदि नेपाल 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता स्वीकार नहीं करता है तो वह उसके साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगा और यह मानेगा कि यह समझौता चीन की वजह से विफल हो गया.

मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (MCC) समझौते के तहत अमेरिकी अनुदान सहायता स्वीकार करने के मुद्दे पर नेपाल के राजनीतिक दलों के बीच काफी मतभेद हैं, जिन पर प्रतिनिधि सभा में विचार किया जा रहा है. गौरतलब है कि नेपाल और अमेरिका ने 2017 में एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अमेरिकी विदेश मंत्री के सहायक डोनाल्ड लू ने बृहस्पतिवार को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' और मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली के साथ फोन पर अलग-अलग बातचीत की थी.

सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, डोनाल्ड लू ने चेतावनी दी कि 'यदि नेपाली राजनीतिक नेतृत्व 28 फरवरी की निर्धारित समय सीमा के भीतर एमसीसी कॉम्पैक्ट अनुदान का समर्थन करने में विफल रहता है, तो अमेरिका को नेपाल के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.' बता दें कि नेपाल और अमेरिका ने 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत नेपाल में बिजली की लाइनों और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण समेत अन्य बुनियादी ढांचा संबंधी विकास परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा.

काठमांडू: अमेरिका ने नेपाल से 28 फरवरी तक मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन के तहत प्रस्तावित अनुदान सहायता समझौते की पुष्टि करने का अनुरोध किया है. अमेरिका का कहना है कि यदि नेपाल 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता स्वीकार नहीं करता है तो वह उसके साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगा और यह मानेगा कि यह समझौता चीन की वजह से विफल हो गया.

मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (MCC) समझौते के तहत अमेरिकी अनुदान सहायता स्वीकार करने के मुद्दे पर नेपाल के राजनीतिक दलों के बीच काफी मतभेद हैं, जिन पर प्रतिनिधि सभा में विचार किया जा रहा है. गौरतलब है कि नेपाल और अमेरिका ने 2017 में एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अमेरिकी विदेश मंत्री के सहायक डोनाल्ड लू ने बृहस्पतिवार को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' और मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली के साथ फोन पर अलग-अलग बातचीत की थी.

सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, डोनाल्ड लू ने चेतावनी दी कि 'यदि नेपाली राजनीतिक नेतृत्व 28 फरवरी की निर्धारित समय सीमा के भीतर एमसीसी कॉम्पैक्ट अनुदान का समर्थन करने में विफल रहता है, तो अमेरिका को नेपाल के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.' बता दें कि नेपाल और अमेरिका ने 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत नेपाल में बिजली की लाइनों और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण समेत अन्य बुनियादी ढांचा संबंधी विकास परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

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Last Updated : Feb 12, 2022, 7:46 AM IST
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