वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रमजान के मौके पर देश और दुनिया भर के मुस्लिमों को बधाई दी और विविधतापूर्ण एवं जीवंत अमेरिका बनाने में अल्पसंख्यक समुदाय के योगदान की प्रशंसा की.
रमजान के पवित्र माह के दौरान मुस्लिम सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं, धर्मार्थ के काम करते हैं, नमाज अदा करते हैं और कुरान पढ़ते हैं. बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'कल से हमारे कई देशवासी रोजा रखने वाले हैं, ऐसे में हमें याद आ रहा है कि यह साल कितना मुश्किल रहा है. इस वैश्विक महामारी में, मित्र एवं प्रियजन जश्न एवं सभाओं में साथ नहीं आ पाए और कई परिवार इफ्तार के लिए अपने प्रियजनों की गैरमौजूदगी में बैठेंगे.'
पढ़ें - सऊदी अरब में रमजान शुरू, मक्का के काबा में जुटे तीर्थयात्री
उन्होंने कहा, 'इसके बावजूद, हमारा मुस्लिम समुदाय नयी उम्मीदों के साथ इस पाक महीने की शुरुआत करेगा. कई लोग अपनी जिंदगियों में ईश्वर की मौजूदगी का एहसास करेंगे, दूसरों की सेवा की बात सिखाने वाले लोग अपने धर्म के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करेंगे और स्वास्थ्य, आरोग्य एवं जीवन के रूप में मिले ईश्वर के आशीर्वाद के प्रति आभार व्यक्त करेंगे.'
यह रेखांकित करते हुए कि मुस्लिम अमेरिकियों ने अमेरिका की स्थापना के बाद से देश को समृद्ध किया है, बाइडेन ने कहा कि वे उतने ही विविधतापूर्ण एवं जीवंत हैं जितना उनकी मदद से बना अमेरिका है.
पढ़ें - पूर्वी कैरिबियाई द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट : लाेगाें की सुरक्षा काे लेकर सरकार चिंतित
राष्ट्रपति ने कहा, 'आज, मुस्लिम कोविड-19 से लड़ने के हमारे प्रयासों के अगुवा हैं जो टीका विकसित करने में अग्रणी भूमिका में हैं और अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मी के तौर पर सेवा भी दे रहे हैं. वे उद्यमियों और कारोबारों के मालिकों के रूप में रोजगार दे रहे हैं, प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं के तौर पर अपने जीवन को जोखिम में डाल रहे हैं, हमारे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, देशभर में समर्पित सरकारी कर्मचारी के तौर पर सेवा दे रहे हैं और नस्ली समानता एवं सामाजिक न्याय के लिए जारी संघर्ष में अग्रणी भूमिका में हैं.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन फिर भी मुस्लिम अमेरिकियों को कट्टरता, डराने-धमकाने और नस्ली घृणा से प्रेरित अपराधों का शिकार होना पड़ रहा है. यह पूर्वाग्रह और ये हमले गलत हैं.' बाइडेन ने कहा, 'यह अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोकना होगा. अमेरिका में किसी को भी अपने धर्म के कारण डर के साये में रहने की जरूरत नहीं है और मेरा प्रशासन सभी लोगों के अधिकारों के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए अथक प्रयास कर रहा है.'