वाशिंगटन : अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने बच्चियों का खतना करने की आरोपी भारतीय मूल की एक चिकित्सक के खिलाफ नए आरोप खारिज कर दिये हैं. मीडिया में आई खबरों में यह बताया गया है. माना जा रहा है कि अमेरिका में अपनी तरह का यह पहला मामला है.
'द डेट्रॉयट न्यूज' की खबर के मुताबिक डॉ. जुमना नागरवाला ने मिनेसोटा की सात वर्षीय दो बच्चियों का अवैध रूप से खतना करने के इरादे से यात्रा करने की साजिश रचने का आरोप खारिज करने का अनुरोध किया था. दोनों बच्चियों को मेट्रो डेट्रॉयट लाया गया था और अभियोजन ने इसे (खतना को) अवैध रूप से किया गया कार्य बताया था.
इसे अमेरिका में खतना का पहला मामला माना जा रहा है और यह मामला अप्रैल 2017 को सामने आया था, जब नागरवाला को गिरफ्तार किया गया और उस पर एक ऐसी साजिश करने का आरोप लगाया गया, जो 12 वर्षों तक चली.
न्यायाधीश बर्नार्ड फ्रेडमैन ने मामले में दायर चौथे अभियोग को खारिज करते हुए कहा कि यह एक प्रतिशोधी अभियोजन जैसा है. नागरवाला पर डेट्रायट के उपनगरीय क्लिनिक में नौ बच्चियों का खतना करने का आरोप है. हालांकि, उन्होंने ऐसा कोई अपराध करने से इनकार किया है.
उन्होंने कहा है कि वह सिर्फ धार्मिक रिवाज निभा रही थीं. जिन लड़कियों का खतना किया गया वे इलिनॉय, मिशिगन और मिनेसोटा की थीं. उनपर और तीन अन्य पर अप्रैल 2017 में संसद द्वारा पारित फीमेल जेनिटल म्यूटलैशन (एफजीएम- खतना) कानून के तहत आरोप लगाए गए थे.
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न्यायाधीश फ्रेडमैन ने कानून को असंवैधानिक बताते हुए 2018 में उन आरोपों को खारिज कर दिया था. फ्रेडमैन ने फैसले में कहा था कि संसद के पास ऐसा संघीय कानून बनाने की शक्ति नहीं थी जो अमेरिका में बच्चियों के खतने को प्रतिबंधित कर सके.
अभियोजन ने मार्च 2021 में संघीय अधिकारियों के सामने गलत बयान देने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोप जोड़े थे.
न्यायाधीश फ्रेडमैन ने लंबित मामले में हालिया बदलावों को “स्पष्ट रूप से अनुचित और प्रतिशोध का संकेत” करार देते हुए मंगलवार को जारी एक फैसले में आरोप खारिज करने का आदेश दिया.
(भाषा)