ETV Bharat / international

अमेरिकी खुफिया निदेशक का दावा- चीन है अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा - राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका ने कहा कि चीन अमेरिका के साथ-साथ बाकी अन्य मुक्त देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. चीन आर्थिक, सैन्य और तकनीक के लिहाज से दबदबा बना सकता है.

जॉन रेटक्लिफ
जॉन रेटक्लिफ
author img

By

Published : Dec 4, 2020, 7:29 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जॉन रेटक्लिफ ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से चीन अमेरिका और बाकी अन्य मुक्त देशों के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा है.

रेटक्लिफ का यह बयान गुरुवार को ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन पर बीजिंग के खिलाफ कड़ा रुख बनाने रखने के लिहाज से चीन विरोधी बयान दे रहे हैं.

एक लेख में रेटक्लिफ ने लिखा, खुफिया विभाग स्पष्ट है कि बीजिंग का इरादा अमेरिका और बाकी दुनिया पर आर्थिक, सैन्य और तकनीक के लिहाज से दबदबा बनाने का है.

उन्होंने कहा कि चीन के कई बड़े पहल और कई बड़ी कंपनियां सिर्फ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियों का छद्म रूप है और वह इस तरह के बर्ताव को जासूसी और डकैती करार देते हैं.

उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका की कंपनियों की बौद्धिक संपदाएं चुराई हैं, उनके तकनीक की प्रतिकृतियां तैयार कीं और फिर वैश्विक बाजार में अमेरिकी कंपनियों की जगह ले ली.

पढ़ें :- अमेरिका, भारत के साथ मजबूत संबंधों के पक्ष में : सांसद ग्रेगोरी मीक्स

ट्रंप प्रशासन के अधिकारी चीन विरोधी बातें कई महीनों से कर रहे हैं और खास करके राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के लिए भी चीन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि बाइडेन चीन के मामले में नरमी बरत सकते हैं.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन इस बात से सहमत हैं कि चीन अंतरराष्ट्रीय कारोबार नियमों का पालन नहीं कर रहा है.

वॉशिंगटन : अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जॉन रेटक्लिफ ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से चीन अमेरिका और बाकी अन्य मुक्त देशों के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा है.

रेटक्लिफ का यह बयान गुरुवार को ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन पर बीजिंग के खिलाफ कड़ा रुख बनाने रखने के लिहाज से चीन विरोधी बयान दे रहे हैं.

एक लेख में रेटक्लिफ ने लिखा, खुफिया विभाग स्पष्ट है कि बीजिंग का इरादा अमेरिका और बाकी दुनिया पर आर्थिक, सैन्य और तकनीक के लिहाज से दबदबा बनाने का है.

उन्होंने कहा कि चीन के कई बड़े पहल और कई बड़ी कंपनियां सिर्फ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियों का छद्म रूप है और वह इस तरह के बर्ताव को जासूसी और डकैती करार देते हैं.

उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका की कंपनियों की बौद्धिक संपदाएं चुराई हैं, उनके तकनीक की प्रतिकृतियां तैयार कीं और फिर वैश्विक बाजार में अमेरिकी कंपनियों की जगह ले ली.

पढ़ें :- अमेरिका, भारत के साथ मजबूत संबंधों के पक्ष में : सांसद ग्रेगोरी मीक्स

ट्रंप प्रशासन के अधिकारी चीन विरोधी बातें कई महीनों से कर रहे हैं और खास करके राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के लिए भी चीन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि बाइडेन चीन के मामले में नरमी बरत सकते हैं.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन इस बात से सहमत हैं कि चीन अंतरराष्ट्रीय कारोबार नियमों का पालन नहीं कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.