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चीन में उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न के खिलाफ अमेरिकी संसद में बिल पास - america china conflict

अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव के दौरान अमेरिकी संसद ने चीन में उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न के खिलाफ एक बिल पास किया है. अब इसे कानून में बदलने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर की आवश्यकता है.

अमेरिकी संसद
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Published : May 28, 2020, 11:30 AM IST

Updated : May 28, 2020, 11:36 AM IST

वाशिंगटन : कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निबटने को लेकर अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही चल रहे तनाव के दौरान अमेरिकी संसद ने जातीय अल्पसंख्यकों पर नृशंस चीनी कार्रवाई को लेकर अपना रुख कड़ा करने के समर्थन में मतदान किया है.

अमेरिकी संसद में बुधवार को द्विदलीय विधेयक पारित किया गया, जिसके तहत पश्चिमी शिंजियांग क्षेत्र में उइगर एवं अन्य जातीय समूहों की व्यापक निगरानी और उन्हें नजरबंद रखने में शामिल चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही गई है.

इस विधेयक को सीनेट में पहले की पारित किया जा चुका है और अब इसे कानून में बदलने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर की आवश्यकता है. ट्रंप ने इस सप्ताह कहा था कि वह इस विधेयक पर पूरी गंभीरता से विचार करेंगे.

संसद में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों पाटियों के सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान करते हुए इसे एक के मुकाबले 413 मतों से पारित कर दिया.

पढ़ें - जी7 सम्मेलन में देशों की व्यक्तिगत उपस्थिति चाहते हैं ट्रंप : ह्वाइट हाउस

अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस संक्रमण से निबटने और हांगकांग में नागरिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की चीनी योजनाओं के खिलाफ पहले से ही तनाव चल रहा है.

प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने विधेयक के समर्थन में संसद में कहा, 'उइगर लोगों के खिलाफ बीजिंग की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई दुनिया की अंतरात्मा तक को हिला देने वाली है.'

वाशिंगटन : कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निबटने को लेकर अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही चल रहे तनाव के दौरान अमेरिकी संसद ने जातीय अल्पसंख्यकों पर नृशंस चीनी कार्रवाई को लेकर अपना रुख कड़ा करने के समर्थन में मतदान किया है.

अमेरिकी संसद में बुधवार को द्विदलीय विधेयक पारित किया गया, जिसके तहत पश्चिमी शिंजियांग क्षेत्र में उइगर एवं अन्य जातीय समूहों की व्यापक निगरानी और उन्हें नजरबंद रखने में शामिल चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही गई है.

इस विधेयक को सीनेट में पहले की पारित किया जा चुका है और अब इसे कानून में बदलने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर की आवश्यकता है. ट्रंप ने इस सप्ताह कहा था कि वह इस विधेयक पर पूरी गंभीरता से विचार करेंगे.

संसद में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों पाटियों के सदस्यों ने विधेयक के समर्थन में मतदान करते हुए इसे एक के मुकाबले 413 मतों से पारित कर दिया.

पढ़ें - जी7 सम्मेलन में देशों की व्यक्तिगत उपस्थिति चाहते हैं ट्रंप : ह्वाइट हाउस

अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस संक्रमण से निबटने और हांगकांग में नागरिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की चीनी योजनाओं के खिलाफ पहले से ही तनाव चल रहा है.

प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने विधेयक के समर्थन में संसद में कहा, 'उइगर लोगों के खिलाफ बीजिंग की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई दुनिया की अंतरात्मा तक को हिला देने वाली है.'

Last Updated : May 28, 2020, 11:36 AM IST
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