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ईरान के मिसाइल कार्यक्रम का समर्थन करने वाली कंपनियों पर अमेरिका ने लगाई पाबंदी

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीनी और रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. वह ईरान के मिसाइल कार्यक्रम का समर्थन कर रही थीं. पोम्पियो ने कहा कि यह मिसाइल कार्यक्रम 'परमाणु प्रसार संबंधी चिंताओं' का विषय है.

missile program of iran
फाइल फोटो
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Published : Nov 28, 2020, 3:29 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम का समर्थन करने वाली चीन और रूस की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यह जानकारी दी है. पोम्पियो ने कहा कि ईरान का मिसाइल कार्यक्रम 'परमाणु प्रसार संबंधी चिंताओं' का विषय बना हुआ है.

इस बावत घोषणा शुक्रवार को की गई. परमाणु हथियारों से जुड़ी गतिविधियों के कारण अमेरिका द्वारा ईरान के खिलाफ सख्त कदम उठाना जारी है. पोम्पियो ने कहा, 'परमाणु प्रसार को लेकर चिंता का बड़ा कारण बने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम का समर्थन करने पर अमेरिका ने चीन और रूस की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. ईरान को उसकी मिसाइल क्षमताओं में इजाफा करने से रोकने के लिए हम प्रतिबंध संबंधी अपने सभी उपायों का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे.'

जिन कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई हैं उनके नाम हैं चीन की चेंगदू बेस्ट न्यू मटैरियल्स कंपनी लिमिटेड और जिबो एलिम ट्रेड कंपनी लिमिटेड तथा रूस की नील्को ग्रुप या नील फाम खजार कंपनी और सांटर्स होल्डिंग एवं ज्वॉइंट स्टॉक कंपनी ऐलेकॉन. अमेरिका के मुताबिक इन कंपनियों ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम के लिए संवेदनशील प्रौद्योगिकी तथा वस्तुएं मुहैया करवाईं.

पोम्पियो ने कहा कि ईरान के मिसाइल विकास संबंधी प्रयासों को रोकने के लिए हम काम करते रहेंगे तथा चीन और रूस की कंपनियों जैसे ऐसे विदेशी आपूर्तिकर्ताओं की पहचान के लिए प्रतिबंध प्राधिकारों का उपयोग करेंगे, जो ईरान को मिसाइल संबंधी सामग्री और प्रौद्योगिकी उपलब्ध करवाते हैं. इन प्रतिबंधों के तहत अमेरिकी सरकार द्वारा खरीद, अमेरिकी सरकार की ओर से सहायता, निर्यात पर पाबंदी लगेगी तथा यह पाबंदी दो साल तक के लिए प्रभावी रहेगी.

वॉशिंगटन : अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम का समर्थन करने वाली चीन और रूस की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यह जानकारी दी है. पोम्पियो ने कहा कि ईरान का मिसाइल कार्यक्रम 'परमाणु प्रसार संबंधी चिंताओं' का विषय बना हुआ है.

इस बावत घोषणा शुक्रवार को की गई. परमाणु हथियारों से जुड़ी गतिविधियों के कारण अमेरिका द्वारा ईरान के खिलाफ सख्त कदम उठाना जारी है. पोम्पियो ने कहा, 'परमाणु प्रसार को लेकर चिंता का बड़ा कारण बने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम का समर्थन करने पर अमेरिका ने चीन और रूस की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. ईरान को उसकी मिसाइल क्षमताओं में इजाफा करने से रोकने के लिए हम प्रतिबंध संबंधी अपने सभी उपायों का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे.'

जिन कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई हैं उनके नाम हैं चीन की चेंगदू बेस्ट न्यू मटैरियल्स कंपनी लिमिटेड और जिबो एलिम ट्रेड कंपनी लिमिटेड तथा रूस की नील्को ग्रुप या नील फाम खजार कंपनी और सांटर्स होल्डिंग एवं ज्वॉइंट स्टॉक कंपनी ऐलेकॉन. अमेरिका के मुताबिक इन कंपनियों ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम के लिए संवेदनशील प्रौद्योगिकी तथा वस्तुएं मुहैया करवाईं.

पोम्पियो ने कहा कि ईरान के मिसाइल विकास संबंधी प्रयासों को रोकने के लिए हम काम करते रहेंगे तथा चीन और रूस की कंपनियों जैसे ऐसे विदेशी आपूर्तिकर्ताओं की पहचान के लिए प्रतिबंध प्राधिकारों का उपयोग करेंगे, जो ईरान को मिसाइल संबंधी सामग्री और प्रौद्योगिकी उपलब्ध करवाते हैं. इन प्रतिबंधों के तहत अमेरिकी सरकार द्वारा खरीद, अमेरिकी सरकार की ओर से सहायता, निर्यात पर पाबंदी लगेगी तथा यह पाबंदी दो साल तक के लिए प्रभावी रहेगी.

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