वॉशिंगटन: अमेरिका ने कहा कि ईरान के साथ बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए उसने पश्चिम एशिया में एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अनुमति दे दी है.
ईरान की हाल ही में दी उस धमकी के बाद अमेरिका का यह बयान आया है, जिसमें उसने कहा था कि परमाणु समझौते के तहत अगर विश्व ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की तो वह 10 दिन के भीतर अपनी यूरेनियम भंडार सीमा बढ़ा देगा.
इस संबंध में कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शनाहान ने एक बयान में कहा कि सैनिकों को 'पश्चिम एशिया में हवाई, नौसैनिक और जमीनी खतरों से निपटने के लिए भेजा जा रहा है.'
शनाहान ने कहा, 'हालिया ईरानी हमलों ने ईरानी बलों और उसके इशारों पर काम कर रहे समूहों के शत्रुतापूर्ण व्यवहार पर प्राप्त खुफिया जानकारी की पुष्टि की है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों और उनके हितों के लिये खतरा हैं.'
उन्होंने कहा, 'अमेरिका ईरान के साथ कोई टकराव नहीं चाहताा.' उन्होंने कहा, 'तैनाती का लक्ष्य पूरे क्षेत्र में काम करने वाले हमारे सैन्य कर्मियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करना और हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है.'
गौरतलब है, अमेरिका ने पिछले सप्ताह ईरान को ओमान की खाड़ी में दो टैंकर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, तेहरान ने इसे निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया था. अमेरिका के ईरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.
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पश्चिम एशिया में एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अमेरिका की घोषणा पर चीन ने चेताया है कि इसके गंभीर परिणाम होंगे.
इस बारे में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'हम सभी पक्षों से तर्कसंगत और संयमित रहने का आह्वान करते हैं, इस क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई ना करें और ना ही मुसीबत को बुलावा दें.'
वांग ने कहा, 'विशेष तौर पर अमेरिका अधिकतम दबाव की अपनी नीति में बदलाव करे.' सीरियाई विदेश मंत्री वलीद मुअलिम भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ईरान से अपील की कि वह इस तरह परमाणु समझौते से नहीं हटे.
गौरतलब है कि ईरान ने कहा है कि परमाणु समझौते के तहत अगर विश्व ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की तो वह 10 दिन के भीतर अपनी यूरेनियम भंडार सीमा बढ़ा देगा.