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पश्चिम एशिया में 1000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती, चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी

ईरान द्वारा अमेरिका को मिली धमकी के बाद देश ने एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती को मंजूरी दी है. सैनिकों की तैनाती पश्चिम एशिया में की जाएगी. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Jun 19, 2019, 12:08 AM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका ने कहा कि ईरान के साथ बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए उसने पश्चिम एशिया में एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अनुमति दे दी है.

ईरान की हाल ही में दी उस धमकी के बाद अमेरिका का यह बयान आया है, जिसमें उसने कहा था कि परमाणु समझौते के तहत अगर विश्व ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की तो वह 10 दिन के भीतर अपनी यूरेनियम भंडार सीमा बढ़ा देगा.

इस संबंध में कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शनाहान ने एक बयान में कहा कि सैनिकों को 'पश्चिम एशिया में हवाई, नौसैनिक और जमीनी खतरों से निपटने के लिए भेजा जा रहा है.'

शनाहान ने कहा, 'हालिया ईरानी हमलों ने ईरानी बलों और उसके इशारों पर काम कर रहे समूहों के शत्रुतापूर्ण व्यवहार पर प्राप्त खुफिया जानकारी की पुष्टि की है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों और उनके हितों के लिये खतरा हैं.'

उन्होंने कहा, 'अमेरिका ईरान के साथ कोई टकराव नहीं चाहताा.' उन्होंने कहा, 'तैनाती का लक्ष्य पूरे क्षेत्र में काम करने वाले हमारे सैन्य कर्मियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करना और हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है.'

गौरतलब है, अमेरिका ने पिछले सप्ताह ईरान को ओमान की खाड़ी में दो टैंकर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, तेहरान ने इसे निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया था. अमेरिका के ईरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.

पढ़ें: ट्रंप ने नए 'एयर फोर्स वन' विमानों के लिए रंगों की घोषणा की

पश्चिम एशिया में एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अमेरिका की घोषणा पर चीन ने चेताया है कि इसके गंभीर परिणाम होंगे.
इस बारे में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'हम सभी पक्षों से तर्कसंगत और संयमित रहने का आह्वान करते हैं, इस क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई ना करें और ना ही मुसीबत को बुलावा दें.'

वांग ने कहा, 'विशेष तौर पर अमेरिका अधिकतम दबाव की अपनी नीति में बदलाव करे.' सीरियाई विदेश मंत्री वलीद मुअलिम भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ईरान से अपील की कि वह इस तरह परमाणु समझौते से नहीं हटे.

गौरतलब है कि ईरान ने कहा है कि परमाणु समझौते के तहत अगर विश्व ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की तो वह 10 दिन के भीतर अपनी यूरेनियम भंडार सीमा बढ़ा देगा.

वॉशिंगटन: अमेरिका ने कहा कि ईरान के साथ बढ़ते तनाव को ध्यान में रखते हुए उसने पश्चिम एशिया में एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अनुमति दे दी है.

ईरान की हाल ही में दी उस धमकी के बाद अमेरिका का यह बयान आया है, जिसमें उसने कहा था कि परमाणु समझौते के तहत अगर विश्व ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की तो वह 10 दिन के भीतर अपनी यूरेनियम भंडार सीमा बढ़ा देगा.

इस संबंध में कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शनाहान ने एक बयान में कहा कि सैनिकों को 'पश्चिम एशिया में हवाई, नौसैनिक और जमीनी खतरों से निपटने के लिए भेजा जा रहा है.'

शनाहान ने कहा, 'हालिया ईरानी हमलों ने ईरानी बलों और उसके इशारों पर काम कर रहे समूहों के शत्रुतापूर्ण व्यवहार पर प्राप्त खुफिया जानकारी की पुष्टि की है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों और उनके हितों के लिये खतरा हैं.'

उन्होंने कहा, 'अमेरिका ईरान के साथ कोई टकराव नहीं चाहताा.' उन्होंने कहा, 'तैनाती का लक्ष्य पूरे क्षेत्र में काम करने वाले हमारे सैन्य कर्मियों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करना और हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है.'

गौरतलब है, अमेरिका ने पिछले सप्ताह ईरान को ओमान की खाड़ी में दो टैंकर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, तेहरान ने इसे निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया था. अमेरिका के ईरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से बाहर होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.

पढ़ें: ट्रंप ने नए 'एयर फोर्स वन' विमानों के लिए रंगों की घोषणा की

पश्चिम एशिया में एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अमेरिका की घोषणा पर चीन ने चेताया है कि इसके गंभीर परिणाम होंगे.
इस बारे में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'हम सभी पक्षों से तर्कसंगत और संयमित रहने का आह्वान करते हैं, इस क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई ना करें और ना ही मुसीबत को बुलावा दें.'

वांग ने कहा, 'विशेष तौर पर अमेरिका अधिकतम दबाव की अपनी नीति में बदलाव करे.' सीरियाई विदेश मंत्री वलीद मुअलिम भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ईरान से अपील की कि वह इस तरह परमाणु समझौते से नहीं हटे.

गौरतलब है कि ईरान ने कहा है कि परमाणु समझौते के तहत अगर विश्व ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं की तो वह 10 दिन के भीतर अपनी यूरेनियम भंडार सीमा बढ़ा देगा.

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US-TROOPS-LD DEPLOYMENT
US deploys 1000 more troops to Middle East amid tensions with Iran
By Lalit K Jha
         Washington, Jun 18 (PTI) Amidst an escalation of tensions with Iran, the US has approved the deployment of 1,000 additional troops in the Middle East for "defensive purposes" to address air, naval and ground-based threats.
         The announcement by Acting US Defence Secretary Patrick Shanahan came hours after Iran said it would surpass the uranium-stockpile limit set by its nuclear deal in the next 10 days against the backdrop of soaring tensions between Tehran and Washington.
         The action of deploying 1,000 more troops is being taken to ensure the safety and welfare of US military personnel working throughout the region and to protect its national interests, Shanahan said on Monday.
         The United States does not seek conflict with Iran, he said.
         "I have authorised approximately 1,000 additional troops for defensive purposes to address air, naval and ground-based threats in the Middle East," Shanahan said.
         "The recent Iranian attacks validate the reliable, credible intelligence we have received on hostile behaviour by Iranian forces and their proxy groups that threaten United States personnel and interests across the region," he said.
         The US will continue to monitor the situation "diligently and make adjustments" to force levels as necessary given intelligence reporting and credible threats, Shanahan said.
         Last month, National Security Adviser John Bolton said that the US was deploying the USS Abraham Lincoln Carrier Strike Group and a bomber task force to the Middle East in response to a "number of troubling and escalatory indications and warnings" from Iran.
         America has blamed Iran for last week's attacks on two oil tankers in the Gulf of Oman, an accusation Tehran has denied as "baseless."
         Following the Shanahan's announcement, House Speaker Nancy Pelosi demanded an immediate briefing from the Trump administration.
         "Congress must be immediately briefed on the administration's decisions and plans.
         "This deeply concerning decision may escalate the situation with Iran and risk serious miscalculations on either side. Diplomacy is needed to defuse tensions, therefore America must continue to consult with our allies so that we do not make the region less safe," Pelosi said.
         Earlier in the day, the State Department urged Iran not to obtain a nuclear weapon, to abide by their commitments to the international community.
         Earlier Iran announced that it will increase its nuclear fuel supply beyond limits set in the 2015 nuclear agreement.
         "I think it's unfortunate that they've made this announcement today. It doesn't surprise anybody," State Department Spokesperson Morgan Ortagus told reporters at her news conference.
         Reiterating that the Iranian nuclear deal needs to be replaced, she said Iran, as evident by its announcement and pattern of behaviour over the past few years, is keen on expanding or seems to be keen on expanding its nuclear programme, and it now wants to exceed these nuclear limits in advance of these so-called sunset clauses.
         "We have made it very clear since this President came into office and since the Secretary came here that we will not tolerate Iran obtaining a nuclear weapon. Full stop.
         "So any actions that they take to get a nuclear weapon will be countered by a maximum pressure campaign by the United States Government that continues to this day. There should be no relieving of sanctions for their malign and unacceptable behaviour," Ortagus said.
         Senator Dianne Feinstein urged all parties to work towards a diplomatic solution to avoid further escalation.
         "The Trump administration inflamed tensions by withdrawing the United States from the agreement and reimposing sanctions on Iran. Iran now says it will violate the agreement unless our European partners can make up for the economic loss caused by US sanctions," the Democratic Senator said. PTI LKJ AKJ
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