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पहले भी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से अमेरिका ने वापस लिया था समर्थन

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Published : May 31, 2020, 4:58 PM IST

कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन के जवाब से असंतुष्ट अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से समर्थन वापस लेने का एलान किया है. इससे पहले भी अमेरिका कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों से हाथ खींच चुका है.

donald trump
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

वॉशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह चीन के कोरोनो वायरस महामारी से निपटने के जवाब में विश्व स्वास्थ्य संगठन में दशकों पुरानी अमेरिकी सदस्यता को तुरंत रोक रहे हैं. 1948 में डब्ल्यूएचओ की स्थापना में यूएस एक प्रमुख शक्ति के रूप में था और यह संगठन की शीर्ष संस्था है, जो प्रति वर्ष लगभग 450 मिलियन डॉलर की सहायता प्रदान करती है.

अमेरिका ने संगठनों से वापस ली है सदस्यता

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) : 1934 में आईएलओ में शामिल संयुक्त राज्य अमेरिका ने 6 नवंबर 1977 को आईएलओ से सदस्यता वापस ली थी. इसके तीन साल पुनः अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में वापस लौटा.

यूनाइटेड नेशन्स एडुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को): अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में यूनेस्को से 195 सदस्यीय संगठन से बाहर चले गए थे. 1984 में वित्तीय कुप्रबंधन और अपनी कुछ नीतियों में अमेरिका ने विरोधी पूर्वाग्रह के दावों के बाद संगठन छोड़ दिया था.

ट्रंप इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय समझौतों से खींच चुके हैं हाथ

पेरिस जलवायु समझौते : डोनाल्ड ट्रंप ने जून 2017 में घोषणा की थी कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका की सदस्यता पेरिस जलवायु समझौते से वापस ले रहे हैं. ट्रम्प ने रूढ़िवादियों के सामने पक्ष रखा, जिन्होंने 2015 के समझौते का तर्क दिया कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बुरा था. आलोचकों ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन को रोकने के वैश्विक प्रयासों को कमजोर कर रहे हैं.

ईरान परमाणु सौदा: डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2018 में घोषणा की कि वह ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका को समझौते से बाहर कर रहे हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम संयुक्त राज्य अमेरिका को उसके सहयोगियों से अलग करेगा, जो इस सौदे में बने रहेंगे, उन्हें चिंता थी कि परमाणु हथियार हासिल करने के लिए ईरान दबाव बनाना फिर से शुरू कर सकता है. अबतक अमेरिकी खुफिया समुदाय के अनुसार ईरान ने ऐसा नहीं किया.

ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी): 2017 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका को ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप से सदस्यता वापस ले ली थी. यह एक व्यापार समझौता था जिसमें 12 पैसिफिक रिम देश शामिल थे. ट्रम्प ने कहा कि वह अमेरिकी श्रमिकों के लिए कर रहे थे. आलोचकों ने कहा कि वह इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए आर्थिक हेवीवेट चीन के लिए एक उद्घाटन कर रहे हैं.

यूनेस्को: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अक्टूबर 2017 में घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को से सदस्यता वापस ले लेगा.

पढ़ें-अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किया डब्ल्यूएचओ से संबंध समाप्त करने का एलान

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी): डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने जून 2018 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से भी सदस्यता वापस ले लिया था.

संयुक्त राष्ट्र राहत और निर्माण एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए): ट्रम्प प्रशासन ने अगस्त 2018 में घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र राहत और निर्माण एजेंसी के लिए अपने दशकों के वित्तपोषण को समाप्त कर रहा है, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करता है.

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) : अक्टूबर 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने घोषणा की वह अमेरिका यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन से हट जाएगा. यह संगठन दुनिया भर में डाक नीति का समन्वय करता है. 144 साल से यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन सबसे पुरानी अंतर सरकारी एजेंसी है.

वॉशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह चीन के कोरोनो वायरस महामारी से निपटने के जवाब में विश्व स्वास्थ्य संगठन में दशकों पुरानी अमेरिकी सदस्यता को तुरंत रोक रहे हैं. 1948 में डब्ल्यूएचओ की स्थापना में यूएस एक प्रमुख शक्ति के रूप में था और यह संगठन की शीर्ष संस्था है, जो प्रति वर्ष लगभग 450 मिलियन डॉलर की सहायता प्रदान करती है.

अमेरिका ने संगठनों से वापस ली है सदस्यता

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) : 1934 में आईएलओ में शामिल संयुक्त राज्य अमेरिका ने 6 नवंबर 1977 को आईएलओ से सदस्यता वापस ली थी. इसके तीन साल पुनः अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में वापस लौटा.

यूनाइटेड नेशन्स एडुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को): अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में यूनेस्को से 195 सदस्यीय संगठन से बाहर चले गए थे. 1984 में वित्तीय कुप्रबंधन और अपनी कुछ नीतियों में अमेरिका ने विरोधी पूर्वाग्रह के दावों के बाद संगठन छोड़ दिया था.

ट्रंप इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय समझौतों से खींच चुके हैं हाथ

पेरिस जलवायु समझौते : डोनाल्ड ट्रंप ने जून 2017 में घोषणा की थी कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका की सदस्यता पेरिस जलवायु समझौते से वापस ले रहे हैं. ट्रम्प ने रूढ़िवादियों के सामने पक्ष रखा, जिन्होंने 2015 के समझौते का तर्क दिया कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बुरा था. आलोचकों ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन को रोकने के वैश्विक प्रयासों को कमजोर कर रहे हैं.

ईरान परमाणु सौदा: डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2018 में घोषणा की कि वह ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका को समझौते से बाहर कर रहे हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम संयुक्त राज्य अमेरिका को उसके सहयोगियों से अलग करेगा, जो इस सौदे में बने रहेंगे, उन्हें चिंता थी कि परमाणु हथियार हासिल करने के लिए ईरान दबाव बनाना फिर से शुरू कर सकता है. अबतक अमेरिकी खुफिया समुदाय के अनुसार ईरान ने ऐसा नहीं किया.

ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी): 2017 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका को ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप से सदस्यता वापस ले ली थी. यह एक व्यापार समझौता था जिसमें 12 पैसिफिक रिम देश शामिल थे. ट्रम्प ने कहा कि वह अमेरिकी श्रमिकों के लिए कर रहे थे. आलोचकों ने कहा कि वह इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए आर्थिक हेवीवेट चीन के लिए एक उद्घाटन कर रहे हैं.

यूनेस्को: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अक्टूबर 2017 में घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को से सदस्यता वापस ले लेगा.

पढ़ें-अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किया डब्ल्यूएचओ से संबंध समाप्त करने का एलान

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी): डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने जून 2018 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से भी सदस्यता वापस ले लिया था.

संयुक्त राष्ट्र राहत और निर्माण एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए): ट्रम्प प्रशासन ने अगस्त 2018 में घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र राहत और निर्माण एजेंसी के लिए अपने दशकों के वित्तपोषण को समाप्त कर रहा है, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करता है.

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) : अक्टूबर 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने घोषणा की वह अमेरिका यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन से हट जाएगा. यह संगठन दुनिया भर में डाक नीति का समन्वय करता है. 144 साल से यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन सबसे पुरानी अंतर सरकारी एजेंसी है.

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