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संयुक्त राष्ट्र ने गिनी और कांगो में इबोला से जंग के लिए 1.5 करोड़ डॉलर जारी किए - 1.5 करोड़ डॉलर

संयुक्त राष्ट्र ने गिनी और कांगो में इबोला के खिलाफ जंग में मदद के लिए मंगलवार को अपने राहत कोष से 1.5 करोड़ डॉलर जारी करने की घोषणा की.लियोन और लाइबेरिया ने अपने नागरिकों को सर्तक रहने को कहा है. ये तीनों देश वर्ष 2014 से 2016 तक इबोला महामारी से जूझ चुके हैं, जिसकी शुरुआत गिनी में हुई थी

इबोला से जंग
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Published : Feb 17, 2021, 9:18 AM IST

वॉशिगंटन : संयुक्त राष्ट्र ने गिनी और कांगो में इबोला के खिलाफ जंग में मदद के लिए मंगलवार को अपने राहत कोष से 1.5 करोड़ डॉलर जारी करने की घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी मामलों के प्रमुख मार्क लॉकॉक ने यह घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि इस वित्तीय मदद से दोनों देशों को महामारी से निपटने और पड़ोसी देशों को इसके खिलाफ तैयारी में मदद मिलेगी.

वर्ष 2016 में महामारी के खात्मे के बाद यह पहली बार है जब गिनी में इबोला का मामला दर्ज किया गया है. इबोला महामारी से तीन लोगों की मौत होने और चार अन्य लोगों के संक्रमित होने के बाद पश्चिमी अफ्रीकी देश ने अपने यहां इबोला महामारी के पांव पसारने की आधिकारिक घोषणा की है. गिनी में हालात को देखते हुए पड़ोसी सिएरा लियोन और लाइबेरिया ने अपने नागरिकों को सर्तक रहने को कहा है. ये तीनों देश वर्ष 2014 से 2016 तक इबोला महामारी से जूझ चुके हैं, जिसकी शुरुआत गिनी में हुई थी.

पढ़ें : पोस्ट कोविड कुछ महीनों तक लोगों को करना पड़ सकता है दिक्कतों का सामना

दुजारिक ने कहा कि कांगो में महामारी की शुरुआत उसी जगह हुई है जहां अगस्त 2018 से जून 2020 के बीच इस महामारी से 2,200 लोगों की जानें गई थीं.

वॉशिगंटन : संयुक्त राष्ट्र ने गिनी और कांगो में इबोला के खिलाफ जंग में मदद के लिए मंगलवार को अपने राहत कोष से 1.5 करोड़ डॉलर जारी करने की घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी मामलों के प्रमुख मार्क लॉकॉक ने यह घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि इस वित्तीय मदद से दोनों देशों को महामारी से निपटने और पड़ोसी देशों को इसके खिलाफ तैयारी में मदद मिलेगी.

वर्ष 2016 में महामारी के खात्मे के बाद यह पहली बार है जब गिनी में इबोला का मामला दर्ज किया गया है. इबोला महामारी से तीन लोगों की मौत होने और चार अन्य लोगों के संक्रमित होने के बाद पश्चिमी अफ्रीकी देश ने अपने यहां इबोला महामारी के पांव पसारने की आधिकारिक घोषणा की है. गिनी में हालात को देखते हुए पड़ोसी सिएरा लियोन और लाइबेरिया ने अपने नागरिकों को सर्तक रहने को कहा है. ये तीनों देश वर्ष 2014 से 2016 तक इबोला महामारी से जूझ चुके हैं, जिसकी शुरुआत गिनी में हुई थी.

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दुजारिक ने कहा कि कांगो में महामारी की शुरुआत उसी जगह हुई है जहां अगस्त 2018 से जून 2020 के बीच इस महामारी से 2,200 लोगों की जानें गई थीं.

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