ETV Bharat / international

ईरान पर हथियार प्रतिबंध की सीमा बढ़ाने का अमेरिकी प्रस्ताव खारिज

author img

By

Published : Aug 15, 2020, 3:20 PM IST

ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के लिए अमेरिका ने प्रस्ताव दिया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने खारिज कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

un security council
संयुक्त राष्ट्र

वॉशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. जिससे खफा ट्रम्प प्रशासन ने धमकी दी है कि वह तेहरान पर सभी संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध दोबारा लगाने के लिए कदम उठा सकता है.

अमेरिका को केवल डोमिनिकन गणराज्य का ही समर्थन मिला.

संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय परिषद में दो देशों ने प्रस्ताव के समर्थन और दो देशों ने उसके खिलाफ मतदान किया, जबकि 11 देश अनुपस्थित रहे. रूस और चीन ने इसका विरोध किया, जबकि जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और आठ अन्य देशों ने मतदान नहीं किया.

प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम से कम नौ देशों के समर्थन की आवश्यकता थी.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि सुरक्षा परिषद के ऊपर अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन वह अपनी मौलिक जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा.

उन्होंने कहा, 'उसने ईरान पर 13 वर्ष पुराने हथियार प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने के उचित प्रस्ताव को खारिज कर दिया और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बिना परंपरागत हथियार खरीदने एवं बेचने के लिए आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले दुनिया के अग्रणी देश का रास्ता साफ कर दिया, जो कि एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार हुआ है.

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध की अवधि बढ़ाए जाने का समर्थन करने वाले इजराइल और छह अरब खाड़ी देश जानते हैं कि यदि प्रतिबंधों की अवधि समाप्त हो जाती है, तो ईरान और अराजकता फैलाएगा तथा और विनाश करेगा, लेकिन सुरक्षा परिषद ने इस बात को नजरअंदाज करने का फैसला किया.

पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, 'अमेरिका क्षेत्र में अपने उन मित्रों को कभी नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने सुरक्षा परिषद से अधिक की उम्मीद की थी.'

उन्होंने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखेंगे कि आतंकी शासन के पास यूरोप, पश्चिम एशिया और अन्य क्षेत्र में खतरा पैदा करने वाले हथियार खरीदने और बेचने की आजादी न हों.'

पढ़ें :- ईरान पर सख्त हथियार प्रतिबंध की तैयारी में अमेरिका, रूस-चीन का विरोध

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि केली क्राफ्ट ने कहा कि प्रस्ताव खारिज करके 'संयुक्त राष्ट्र की सबसे खराब प्रवृत्ति सुरक्षा परिषद में देखने को मिली.'

क्राफ्ट ने कहा कि प्रस्ताव 2,231 के तहत अमेरिका के पास संयुक्त राष्ट्र के पहले के प्रस्तावों के प्रावधानों को पुन: लागू करने के लिए कदम उठाने का पूरा अधिकार है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने कई बार कहा है कि वह ईरान और छह बड़ी शक्तियों के बीच 2015 परमाणु समझौते का अनुमोदन करने वाले सुरक्षा परिषद प्रस्ताव में हथियार प्रतिबंध संबंधी उस प्रावधान को स्वीकार नहीं करेगा, जिसमें प्रतिबंध 18 अक्टूबर 2020 में समाप्त होने की बात की गई है.

ट्रम्प प्रशासन 2018 में इस समझौते से बाहर आ गया था, जबकि अन्य पांच पक्ष रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अब भी इसका समर्थन करते हैं.

वॉशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान पर लगे हथियार प्रतिबंधों की अवधि अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. जिससे खफा ट्रम्प प्रशासन ने धमकी दी है कि वह तेहरान पर सभी संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध दोबारा लगाने के लिए कदम उठा सकता है.

अमेरिका को केवल डोमिनिकन गणराज्य का ही समर्थन मिला.

संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय परिषद में दो देशों ने प्रस्ताव के समर्थन और दो देशों ने उसके खिलाफ मतदान किया, जबकि 11 देश अनुपस्थित रहे. रूस और चीन ने इसका विरोध किया, जबकि जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और आठ अन्य देशों ने मतदान नहीं किया.

प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम से कम नौ देशों के समर्थन की आवश्यकता थी.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि सुरक्षा परिषद के ऊपर अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन वह अपनी मौलिक जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा.

उन्होंने कहा, 'उसने ईरान पर 13 वर्ष पुराने हथियार प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने के उचित प्रस्ताव को खारिज कर दिया और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बिना परंपरागत हथियार खरीदने एवं बेचने के लिए आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले दुनिया के अग्रणी देश का रास्ता साफ कर दिया, जो कि एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार हुआ है.

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध की अवधि बढ़ाए जाने का समर्थन करने वाले इजराइल और छह अरब खाड़ी देश जानते हैं कि यदि प्रतिबंधों की अवधि समाप्त हो जाती है, तो ईरान और अराजकता फैलाएगा तथा और विनाश करेगा, लेकिन सुरक्षा परिषद ने इस बात को नजरअंदाज करने का फैसला किया.

पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, 'अमेरिका क्षेत्र में अपने उन मित्रों को कभी नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने सुरक्षा परिषद से अधिक की उम्मीद की थी.'

उन्होंने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखेंगे कि आतंकी शासन के पास यूरोप, पश्चिम एशिया और अन्य क्षेत्र में खतरा पैदा करने वाले हथियार खरीदने और बेचने की आजादी न हों.'

पढ़ें :- ईरान पर सख्त हथियार प्रतिबंध की तैयारी में अमेरिका, रूस-चीन का विरोध

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि केली क्राफ्ट ने कहा कि प्रस्ताव खारिज करके 'संयुक्त राष्ट्र की सबसे खराब प्रवृत्ति सुरक्षा परिषद में देखने को मिली.'

क्राफ्ट ने कहा कि प्रस्ताव 2,231 के तहत अमेरिका के पास संयुक्त राष्ट्र के पहले के प्रस्तावों के प्रावधानों को पुन: लागू करने के लिए कदम उठाने का पूरा अधिकार है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने कई बार कहा है कि वह ईरान और छह बड़ी शक्तियों के बीच 2015 परमाणु समझौते का अनुमोदन करने वाले सुरक्षा परिषद प्रस्ताव में हथियार प्रतिबंध संबंधी उस प्रावधान को स्वीकार नहीं करेगा, जिसमें प्रतिबंध 18 अक्टूबर 2020 में समाप्त होने की बात की गई है.

ट्रम्प प्रशासन 2018 में इस समझौते से बाहर आ गया था, जबकि अन्य पांच पक्ष रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अब भी इसका समर्थन करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.