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अहिंसा दिवस : यूएन प्रमुख ने बापू के सिद्धांतों की प्रासंगितकता पर दिया जोर - un chief message

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख ने कहा कि गांधी जयंती सभी के लिए गरिमा और समानता को बढ़ावा देने और शांतिपूर्ण तरीके से साथ में रहने वाले समुदायों के लिए उनके मूल्यों को निरंतर कायम रखने के प्रयासों का स्मरण दिलाती है. गांधी की 151वीं जयंती पर सभी नेताओं ने श्रद्धांजलि भी दी.

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गांधी जयंती पर यूएन
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Published : Oct 2, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 12:44 AM IST

न्यूयॉर्क : महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि यह उनके मूल्यों को कायम रखने के प्रयास की याद दिलाती है. अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के इस मौके पर दुनियाभर के राजनयिकों ने सभी के लिए न्याय और समानता के गांधीजी के सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित किया.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के दिन यह अंतरराष्ट्रीय दिवस अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अत्यधिक ताकत को रेखांकित करता है.

गांधीजी के मूल्यों को निरंतर कायम रखने का कराती है स्मरण
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि गांधी जयंती सभी के लिए गरिमा और समानता को बढ़ावा देने और शांतिपूर्ण तरीके से साथ में रहने वाले समुदायों के लिए गांधीजी के मूल्यों को निरंतर कायम रखने के प्रयासों का स्मरण दिलाती है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस तथा गांधीजी की 150वीं जयंती समारोहों के समापन के अवसर पर डिजिटल आयोजन किया गया. इस अवसर पर एक विशेष वीडियो दिखाया गया, जिसमें गांधी की हत्या पर सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों की प्रतिक्रियाएं शामिल थीं.

पढ़ें: गांधी जयंती: जानिए, वर्धा का चरखा घर और बापू का संबंध

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत दुनिया के नेताओं के वीडियो भी दिखाए गए, जिनमें पिछले इतने सालों में गांधीजी के सिद्धांतों एवं विचारों पर उनके भाषणों के अंश शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यदि हम गांधीजी को प्रारंभिक रूप से शांति और अहिंसा के दूत के रूप में देखते हैं तो मुझे लगता है कि हम कुछ कमी छोड़ रहे होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि हम एक निर्वात में अहिंसा की बात नहीं कर रहे.

सत्य का अनुसरण करके ही प्राप्त कर सकते हैं अहिंसा का मार्ग
तिरुमूर्ति ने कहा कि अंतत: गांधीजी का लक्ष्य सत्य के अनुसरण का था और वह मानते थे कि सत्य का अनुसरण करके ही वास्तविक तौर पर अहिंसा का मार्ग प्राप्त किया जा सकता है. समारोह में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत कैली क्राफ्ट, संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश की स्थायी प्रतिनिधि रबाब फातिमा और संयुक्त राष्ट्र में जापान के राजदूत इशिकाने किमिहिरो आदि ने भी संबोधित किया.

न्यूयॉर्क : महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि यह उनके मूल्यों को कायम रखने के प्रयास की याद दिलाती है. अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के इस मौके पर दुनियाभर के राजनयिकों ने सभी के लिए न्याय और समानता के गांधीजी के सिद्धांतों के महत्व को रेखांकित किया.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के दिन यह अंतरराष्ट्रीय दिवस अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की अत्यधिक ताकत को रेखांकित करता है.

गांधीजी के मूल्यों को निरंतर कायम रखने का कराती है स्मरण
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि गांधी जयंती सभी के लिए गरिमा और समानता को बढ़ावा देने और शांतिपूर्ण तरीके से साथ में रहने वाले समुदायों के लिए गांधीजी के मूल्यों को निरंतर कायम रखने के प्रयासों का स्मरण दिलाती है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस तथा गांधीजी की 150वीं जयंती समारोहों के समापन के अवसर पर डिजिटल आयोजन किया गया. इस अवसर पर एक विशेष वीडियो दिखाया गया, जिसमें गांधी की हत्या पर सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों की प्रतिक्रियाएं शामिल थीं.

पढ़ें: गांधी जयंती: जानिए, वर्धा का चरखा घर और बापू का संबंध

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत दुनिया के नेताओं के वीडियो भी दिखाए गए, जिनमें पिछले इतने सालों में गांधीजी के सिद्धांतों एवं विचारों पर उनके भाषणों के अंश शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यदि हम गांधीजी को प्रारंभिक रूप से शांति और अहिंसा के दूत के रूप में देखते हैं तो मुझे लगता है कि हम कुछ कमी छोड़ रहे होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि हम एक निर्वात में अहिंसा की बात नहीं कर रहे.

सत्य का अनुसरण करके ही प्राप्त कर सकते हैं अहिंसा का मार्ग
तिरुमूर्ति ने कहा कि अंतत: गांधीजी का लक्ष्य सत्य के अनुसरण का था और वह मानते थे कि सत्य का अनुसरण करके ही वास्तविक तौर पर अहिंसा का मार्ग प्राप्त किया जा सकता है. समारोह में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत कैली क्राफ्ट, संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश की स्थायी प्रतिनिधि रबाब फातिमा और संयुक्त राष्ट्र में जापान के राजदूत इशिकाने किमिहिरो आदि ने भी संबोधित किया.

Last Updated : Oct 3, 2020, 12:44 AM IST
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