वाशिंगटनः मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सांसद व राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल तुलसी गेबार्ड ने कहा है कि अगर वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के नामांकन को लेकर पार्टी के अंतरिम चुनाव जीतने में विफल रहती हैं, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगी.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इराक युद्ध में भाग लेने वाली पूर्व दिग्गज सैन्यकर्मी 38 वर्षीय गेबार्ड ने कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार जारी रखेंगी. अभी वह चुनाव के लिए वह अमेरिकी लोगों को संदेश देने और उनसे समर्थन मांगने का कार्य पर ध्यान केंद्रित करेंगी.
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि गेबार्ड सितंबर में पहली दो बहस के बाद अगली डेमोक्रेटिक बहस के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहीं. वह क्वालीफाई करने के लिए डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (डीएनसी) के न्यूनतम मत हासिल नहीं कर सकी थीं.
उन्होंने दावा किया है कि बहस के बारे में कि कोई स्पष्टीकरण या पारदर्शिता नहीं है कि क्वालीफाई करने के लिए विशेष मतदान क्यों जरूरी है. जबकि अन्य बहुत विश्वसनीय मान्यता प्राप्त मत क्वालीफाई करने के लिए जरूरी नहीं है.
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बता दें कि गेबार्ड ने 2004 से 2005 तक इराक में हवाई सेना के नेशनल गार्ड में काम किया और उन्होंने 2008 और 2009 में कुवैत में सेना में काम किया है. अपने जीवन की शुरुआत में ही वह हिंदू धर्म को अपना ली. इससे गेबार्ड भारतीय-अमेरिकियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.