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अमेरिका: तुलसी गेबार्ड का राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से इनकार

अमेरिका में पहली हिंदू सांसद तुलसी गेबार्ड ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. अपने जीवन के शुरुआत में हिंदू धर्म अपनाने के कारण गेबार्ड भारतीय अमेरिकियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

तुलसी गेबार्ड
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Published : Aug 31, 2019, 12:08 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:33 PM IST

वाशिंगटनः मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सांसद व राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल तुलसी गेबार्ड ने कहा है कि अगर वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के नामांकन को लेकर पार्टी के अंतरिम चुनाव जीतने में विफल रहती हैं, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगी.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इराक युद्ध में भाग लेने वाली पूर्व दिग्गज सैन्यकर्मी 38 वर्षीय गेबार्ड ने कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार जारी रखेंगी. अभी वह चुनाव के लिए वह अमेरिकी लोगों को संदेश देने और उनसे समर्थन मांगने का कार्य पर ध्यान केंद्रित करेंगी.

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि गेबार्ड सितंबर में पहली दो बहस के बाद अगली डेमोक्रेटिक बहस के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहीं. वह क्वालीफाई करने के लिए डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (डीएनसी) के न्यूनतम मत हासिल नहीं कर सकी थीं.

उन्होंने दावा किया है कि बहस के बारे में कि कोई स्पष्टीकरण या पारदर्शिता नहीं है कि क्वालीफाई करने के लिए विशेष मतदान क्यों जरूरी है. जबकि अन्य बहुत विश्वसनीय मान्यता प्राप्त मत क्वालीफाई करने के लिए जरूरी नहीं है.

पढ़ेंः ट्रंप ने 2016 के चुनाव को प्रभावित करने को लेकर फिर गूगल की निंदा की

बता दें कि गेबार्ड ने 2004 से 2005 तक इराक में हवाई सेना के नेशनल गार्ड में काम किया और उन्होंने 2008 और 2009 में कुवैत में सेना में काम किया है. अपने जीवन की शुरुआत में ही वह हिंदू धर्म को अपना ली. इससे गेबार्ड भारतीय-अमेरिकियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

वाशिंगटनः मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सांसद व राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल तुलसी गेबार्ड ने कहा है कि अगर वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के नामांकन को लेकर पार्टी के अंतरिम चुनाव जीतने में विफल रहती हैं, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगी.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इराक युद्ध में भाग लेने वाली पूर्व दिग्गज सैन्यकर्मी 38 वर्षीय गेबार्ड ने कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार जारी रखेंगी. अभी वह चुनाव के लिए वह अमेरिकी लोगों को संदेश देने और उनसे समर्थन मांगने का कार्य पर ध्यान केंद्रित करेंगी.

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि गेबार्ड सितंबर में पहली दो बहस के बाद अगली डेमोक्रेटिक बहस के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहीं. वह क्वालीफाई करने के लिए डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (डीएनसी) के न्यूनतम मत हासिल नहीं कर सकी थीं.

उन्होंने दावा किया है कि बहस के बारे में कि कोई स्पष्टीकरण या पारदर्शिता नहीं है कि क्वालीफाई करने के लिए विशेष मतदान क्यों जरूरी है. जबकि अन्य बहुत विश्वसनीय मान्यता प्राप्त मत क्वालीफाई करने के लिए जरूरी नहीं है.

पढ़ेंः ट्रंप ने 2016 के चुनाव को प्रभावित करने को लेकर फिर गूगल की निंदा की

बता दें कि गेबार्ड ने 2004 से 2005 तक इराक में हवाई सेना के नेशनल गार्ड में काम किया और उन्होंने 2008 और 2009 में कुवैत में सेना में काम किया है. अपने जीवन की शुरुआत में ही वह हिंदू धर्म को अपना ली. इससे गेबार्ड भारतीय-अमेरिकियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

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.WASHINGTON FES43
US-GABBARD
Tulsi Gabbard rules out running as an independent presidential candidate
         Washington, Aug 30 (PTI) Tulsi Gabbard, the first Hindu lawmaker in the US Congress who is running for the presidency, has said that she will not contest as an independent candidate if she fails to win the Democratic presidential nomination, according to a media report.
         Gabbard, 38, an Iraq war veteran who has been serving as the US Representative for Hawaii's 2nd congressional district since 2013, said that she will be going to focus on moving campaign forward, continuing this grassroots campaign, continuing to deliver the message to the American people and ask for their support, CNN reported.
         "I will not," she told the network. "No, I have ruled that out."
         Gabbard, however, was failed to qualify for the next Democratic debate in September after making it to the first two debates. She reached the fundraising threshold, but did not meet the Democratic National Committee's (DNC) polling minimum to qualify, the report said.
         She claimed on Thursday that there is "no explanation or transparency around why certain polls are qualifying while other very credible recognized polls are somehow not qualifying."
         "Frankly, the DNC has not provided any transparency to voters about how they're making these decisions," she said.
          Gabbard, who converted to Hinduism early in her life, is highly popular among Indian-Americans.
         Earlier this month, Gabbard took a two-week break to report for active duty with the Hawaiian Army National Guard in Indonesia for training exercises that includes counterterrorism and disaster response.
         Gabbard served in the Hawaii Army National Guard in Iraq from 2004 to 2005. She served a second deployment in Kuwait in 2008 and 2009, working with the Kuwaiti Army. PTI AKJ
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Last Updated : Sep 28, 2019, 10:33 PM IST
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