हैदराबाद: भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से साल 2020 मील का पत्थर साबित हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस साल भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 'व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी' को बढ़ावा दिया. इसी साल दोनों देशों ने कोविड -19 महामारी और यहां हुए राष्ट्रपति चुनाव के चलते पैदा घरेलू राजनीतिक गतिरोध के बावजूद अपने संबंधों को अभूतपूर्व ऊंचाई और गति प्रदान की.
अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव से पहले दोनों के देशों के बीच दिल्ली में '2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता हुई, जिसमें अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर जबकि भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया, जिससे दोनों देशों के संबंधों की परिपवक्ता प्रदर्शित हुई. भारत दूसरा देश है जिसके साथ 2+2 वार्ता हुई. यह वार्ता संबंधों की गहराई और व्यापकता के मुद्दों पर चर्चा करने का प्रमुख तंत्र बन गई है.
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप की ऐतिहासिक भारत यात्रा (फरवरी में) ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया और राष्ट्रपति ट्रंप तथा प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी द्वारा व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी संबंधों को बढ़ावा देने के फैसले से रिश्तों को और अधिक बल मिला.'
अधिकारी ने कहा, 'हमारी लोकतांत्रिक नींव और आपसी हितों ने कोविड-19 के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला बनाए रखने में मदद की है , जिससे अमेरिका-भारत साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता कायम रहेगी.'
भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण 'बेका' समझौता हुआ जिससे दोनों देशों ने रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की तरफ कदम बढ़ाए.
अमेरिका में भारत के राजूदत तरनजीत सिंह संधू ने कहा, 'वैश्विक महामारी के बीच भारत-अमेरिका संबंध शक्ति का एक स्रोत रहा है. टीका तैयार करने से लेकर हिंद-प्रशांत की सुरक्षा तक दोनों देशों ने 2020 में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत और प्रगाढ़ बनाने के लिए मिलकर काम किया है.'
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इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद और अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम के जरिए अमेरिका के व्यापार जगत को संबोधित किया. दोनों देशों ने सामरिक ऊर्जा साझेदारी तथा भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठकें भी हुईं, जिनका मकसद द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना था.