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पोम्पिओ बोले, पड़ोसियों को धमकाने में जुटी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीनों से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. इस पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि इस घटना के बाद पूरी दुनिया चीन के खिलाफ एकजुट होना शुरू हो गई है. वहीं अमेरिका भी कई माध्यमों का सहारा लेकर चीन पर लगातार दबाव बढ़ा रहा है. जिससे दोनों देशों के बीच के रिश्ते अब पहले जैसे प्रतीत नहीं हो रहे हैं.

US Secretary of State Mike Pompeo
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ
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Published : Sep 2, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 6:03 AM IST

वाशिंगटन/नई दिल्ली : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन के अनुचित रुख के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है और हर मोर्चे पर चीन को पीछे धकेलने के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहे हैं. इसके साथ ही पोम्पिओ ने यह भी कहा कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद की है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य से लेकर हिमालय और उससे आगे तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपने पड़ोसियों को धमकाने में लगी हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण चीन सागर में भी वह ऐसा ही रवैया अपनाए हुए है. पोम्पिओ ने बताया कि पिछले वर्ष सभी पश्चिमी देशों की तुलना में चीन ने सबसे अधिक मिसाइलों का परीक्षण किया था. हम भारत चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.

अमेरिका वीजा पाबंदियों, प्रतिबंधों और अन्य माध्यमों से चीन दबाव बढ़ा रहा है जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पहले से तल्ख रिश्तों में और कड़वाहट आई है.

इससे पूर्व मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में पोम्पिओ ने कहा, 'मुझे लगता है कि आप देख रहे हैं कि इस मूल समझ को लेकर पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी निष्पक्ष, परस्पर और पारदर्शी तरीके से प्रतिस्पर्धा करने से इनकार करने जा रही है.

भारत द्वारा कथित तौर पर दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत भेजे जाने से जुड़े मेजबान लोउ डॉब्स के एक सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'इसलिए, चाहे वह भारत में हमारे दोस्त हों, ऑस्ट्रेलिया में हमारे दोस्त हों, जापान या दक्षिण कोरिया में हमारे दोस्त हों, वह सभी अपने लोगों, अपने देश को होने वाले खतरे देख रहे हैं और आप उन्हें (चीन को) पीछे धकेलने के लिए अमेरिका के साथ साझेदारी करते हुए देखेंगे, हर उस मोर्चे पर जिसके बारे में हमनें आज शाम बात की.'

पढ़ें - मुखर्जी के 'दूरदर्शी नेतृत्व' से वैश्विक शक्ति के रूप में उभरा भारत : पोम्पिओ

डॉब्स ने कहा कि भारत का यह कदम सीमा पर चीन के साथ झड़प के खिलाफ जवाब था और दक्षिण चीन सागर में मौजूद अमेरिकी नौसेना के साथ नजदीकी था. डॉब्स चीन के खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ अमेरिकी रिश्तों का महत्व जानना चाहते थे.

पोम्पिओ ने कहा, 'यह अहम है कि इस जंग में हमारे पास दोस्त और सहयोगी हैं. हमने इसके लिए दो साल से काम किया है. हमनें वास्तविक प्रगति की है. आपने हुआवेई से बहुत से लोगों को पलटते देखा होगा. आपने उन्हें खतरे को महसूस करते देखा होगा.'

वाशिंगटन/नई दिल्ली : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन के अनुचित रुख के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है और हर मोर्चे पर चीन को पीछे धकेलने के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहे हैं. इसके साथ ही पोम्पिओ ने यह भी कहा कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद की है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य से लेकर हिमालय और उससे आगे तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपने पड़ोसियों को धमकाने में लगी हुई है.

उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण चीन सागर में भी वह ऐसा ही रवैया अपनाए हुए है. पोम्पिओ ने बताया कि पिछले वर्ष सभी पश्चिमी देशों की तुलना में चीन ने सबसे अधिक मिसाइलों का परीक्षण किया था. हम भारत चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.

अमेरिका वीजा पाबंदियों, प्रतिबंधों और अन्य माध्यमों से चीन दबाव बढ़ा रहा है जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पहले से तल्ख रिश्तों में और कड़वाहट आई है.

इससे पूर्व मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में पोम्पिओ ने कहा, 'मुझे लगता है कि आप देख रहे हैं कि इस मूल समझ को लेकर पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी निष्पक्ष, परस्पर और पारदर्शी तरीके से प्रतिस्पर्धा करने से इनकार करने जा रही है.

भारत द्वारा कथित तौर पर दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत भेजे जाने से जुड़े मेजबान लोउ डॉब्स के एक सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'इसलिए, चाहे वह भारत में हमारे दोस्त हों, ऑस्ट्रेलिया में हमारे दोस्त हों, जापान या दक्षिण कोरिया में हमारे दोस्त हों, वह सभी अपने लोगों, अपने देश को होने वाले खतरे देख रहे हैं और आप उन्हें (चीन को) पीछे धकेलने के लिए अमेरिका के साथ साझेदारी करते हुए देखेंगे, हर उस मोर्चे पर जिसके बारे में हमनें आज शाम बात की.'

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डॉब्स ने कहा कि भारत का यह कदम सीमा पर चीन के साथ झड़प के खिलाफ जवाब था और दक्षिण चीन सागर में मौजूद अमेरिकी नौसेना के साथ नजदीकी था. डॉब्स चीन के खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ अमेरिकी रिश्तों का महत्व जानना चाहते थे.

पोम्पिओ ने कहा, 'यह अहम है कि इस जंग में हमारे पास दोस्त और सहयोगी हैं. हमने इसके लिए दो साल से काम किया है. हमनें वास्तविक प्रगति की है. आपने हुआवेई से बहुत से लोगों को पलटते देखा होगा. आपने उन्हें खतरे को महसूस करते देखा होगा.'

Last Updated : Sep 3, 2020, 6:03 AM IST
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