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उच्चतम न्यायालय ने ट्रंप के टैक्स रिकॉर्ड मामले की जांच पर रोक लगाने से किया इनकार - ट्रंप के टैक्स रिकॉर्ड मामले की जांच

उच्चतम न्यायालय ने ट्रंप के टैक्स रिकॉर्ड मामले की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. न्यायालय का आदेश ट्रंप के लिए झटका है. वह अपने टैक्स रिकॉर्ड को गोपनीय रखने के लिए लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे.

Trump bid to block tax records
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Published : Feb 23, 2021, 12:43 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में उच्चतम न्यायालय से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ टैक्स रिकॉर्ड मामले की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

अदालत के सोमवार के आदेश से लंबी कानूनी लड़ाई का समापन हो गया. इससे पहले अदालत में मामले पर लंबे समय तक सुनवाई हुई थी. अभियोजन द्वारा की जा रही आपराधिक जांच के कारण ट्रंप के कर संबंधी रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

हालांकि न्यायालय का आदेश ट्रंप के लिए झटका है क्योंकि वह अपने टैक्स रिकॉर्ड को गोपनीय रखने के लिए लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे.

एक बयान में ट्रंप ने अभियोजकों की निंदा की और कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस संदिग्ध मुहिम में शामिल नहीं होना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा किया.

उन्होंने दावा किया कि डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शुरू करायी गयी जांच पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन वाले राज्य न्यूयॉर्क सिटी में इसकी सुनवाई हो रही है.

पढ़ें- भारत के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहता है अमेरिका

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में आदेश देने से पहले कई महीने तक इंतजार किया. मामले में अंतिम शपथ पत्र 19 अक्टूबर को दाखिल हुआ था.

अदालत का यह आदेश मैनहट्टन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वांस जूनियर के लिए जीत की तरह है, जिन्होंने एक जांच के तहत ट्रंप के 2019 से कर संबंधी रिकॉर्ड की मांग की थी.

वॉशिंगटन : अमेरिका में उच्चतम न्यायालय से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ टैक्स रिकॉर्ड मामले की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

अदालत के सोमवार के आदेश से लंबी कानूनी लड़ाई का समापन हो गया. इससे पहले अदालत में मामले पर लंबे समय तक सुनवाई हुई थी. अभियोजन द्वारा की जा रही आपराधिक जांच के कारण ट्रंप के कर संबंधी रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

हालांकि न्यायालय का आदेश ट्रंप के लिए झटका है क्योंकि वह अपने टैक्स रिकॉर्ड को गोपनीय रखने के लिए लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे.

एक बयान में ट्रंप ने अभियोजकों की निंदा की और कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस संदिग्ध मुहिम में शामिल नहीं होना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा किया.

उन्होंने दावा किया कि डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शुरू करायी गयी जांच पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन वाले राज्य न्यूयॉर्क सिटी में इसकी सुनवाई हो रही है.

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उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में आदेश देने से पहले कई महीने तक इंतजार किया. मामले में अंतिम शपथ पत्र 19 अक्टूबर को दाखिल हुआ था.

अदालत का यह आदेश मैनहट्टन के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी साइरस वांस जूनियर के लिए जीत की तरह है, जिन्होंने एक जांच के तहत ट्रंप के 2019 से कर संबंधी रिकॉर्ड की मांग की थी.

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