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ट्रंप को झटका, चुनाव परिणाम पलटने संबंधी वाद खारिज - donald trump

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के पलटने की कोशिश में लगे डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने चार अहम राज्यों के चुनाव परिणामों को पलटने के टेक्सास के एटॉर्नी जनरल के वाद को खारिज कर दिया है. ट्रंप ने इस वाद का समर्थन किया था.

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
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Published : Dec 12, 2020, 2:36 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने उस वाद को खारिज कर दिया है जिसमें उन अहम राज्यों के चुनाव परिणामों को पलटने का अनुरोध किया गया था, जहां से डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदार जो बाइडेन ने जीत दर्ज की है. इसी के साथ नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को चुनौती देने की मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश पर विराम लगता दिख रहा है.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने टेक्सास के एटॉर्नी जनरल के वाद को खारिज कर दिया, जिसमें जॉर्जिया, मिशिगन, पेन्सिल्वेनिया और विसकॉन्सिन राज्यों के लाखों मतदाताओं के मतपत्रों पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था. ट्रंप ने इस वाद का समर्थन किया था.

उच्चतम न्यायालय के जस्टिस सैमुएल एलीटो और जस्टिस क्लैरंस थॉमस ने कहा कि उनका मानना है कि अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए लेकिन उन्होंने टेक्सास के दावे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की. कम से कम 126 रिपब्लिकन सांसदों ने इस वाद का समर्थन किया था.

गुरुवार को अपने संक्षिप्त और बिना हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा कि जिस प्रकार से अन्य राज्य चुनाव आयोजित करते हैं, टेक्सास ने न्यायिक रूप से वह संज्ञेय दिलचस्पी नहीं दिखाई. सभी लंबित प्रस्ताव विवादित करार देते हुए खारिज किए जाते हैं.

उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय को ट्रंप के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है, जो बाइडेन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए नतीजों को पलटने की कोशिश कर रहे थे.

राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले हैं, वहीं ट्रंप को 232 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले.

अदालत के आदेश के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, 'उच्चतम न्यायालय ने हमें वाकई निराश किया है. कोई विवेक नहीं, कोई साहस नहीं.' उन्होंने कहा कि फैसला कानूनी अपमान है और अमेरिका के लिए शर्मिंदगी है.

ट्रंप ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के लगाए थे आरोप

गौरतलब है कि ट्रंप और उनके प्रचार अभियान दल ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे और कई राज्यों में बाइडेन की जीत को अदालत में चुनौती दी थी. वहीं, राज्य चुनाव अधिकारियों और मुख्यधारा के मीडिया का कहना है कि उन्हें धोखाधड़ी के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.

टेक्सास के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने अपने वाद में आरोप लगाया कि चार अहम राज्यों- जॉर्जिया, मिशिगन, पेन्सिल्वेनिया और विसकॉन्सिन ने अपने ही राज्यों के कानून का उल्लंघन किया है और इस प्रकार से अमेरिकी संविधान का उल्लंघन किया है.

पढ़ें- अमेरिका में फाइजर द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को मिली मंजूरी

अदालत का आदेश आने पर प्रतिनिधि सभा में स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि अदालत ने लाखों अमेरिकी मतदाताओं की इच्छा को पलटने के जीओपी के गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक वाद को खारिज करने का सही कदम उठाया है.

प्रतिनिधि सभा में बहुमत के नेता स्टेनी होयेर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की ट्रंप की कोशिशों पर विराम लगाता है, जो चुनाव हार चुके हैं.

वॉशिंगटन: अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने उस वाद को खारिज कर दिया है जिसमें उन अहम राज्यों के चुनाव परिणामों को पलटने का अनुरोध किया गया था, जहां से डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदार जो बाइडेन ने जीत दर्ज की है. इसी के साथ नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को चुनौती देने की मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश पर विराम लगता दिख रहा है.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने टेक्सास के एटॉर्नी जनरल के वाद को खारिज कर दिया, जिसमें जॉर्जिया, मिशिगन, पेन्सिल्वेनिया और विसकॉन्सिन राज्यों के लाखों मतदाताओं के मतपत्रों पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था. ट्रंप ने इस वाद का समर्थन किया था.

उच्चतम न्यायालय के जस्टिस सैमुएल एलीटो और जस्टिस क्लैरंस थॉमस ने कहा कि उनका मानना है कि अदालत को मामले की सुनवाई करनी चाहिए लेकिन उन्होंने टेक्सास के दावे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की. कम से कम 126 रिपब्लिकन सांसदों ने इस वाद का समर्थन किया था.

गुरुवार को अपने संक्षिप्त और बिना हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा कि जिस प्रकार से अन्य राज्य चुनाव आयोजित करते हैं, टेक्सास ने न्यायिक रूप से वह संज्ञेय दिलचस्पी नहीं दिखाई. सभी लंबित प्रस्ताव विवादित करार देते हुए खारिज किए जाते हैं.

उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय को ट्रंप के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है, जो बाइडेन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए नतीजों को पलटने की कोशिश कर रहे थे.

राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले हैं, वहीं ट्रंप को 232 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले.

अदालत के आदेश के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, 'उच्चतम न्यायालय ने हमें वाकई निराश किया है. कोई विवेक नहीं, कोई साहस नहीं.' उन्होंने कहा कि फैसला कानूनी अपमान है और अमेरिका के लिए शर्मिंदगी है.

ट्रंप ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के लगाए थे आरोप

गौरतलब है कि ट्रंप और उनके प्रचार अभियान दल ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे और कई राज्यों में बाइडेन की जीत को अदालत में चुनौती दी थी. वहीं, राज्य चुनाव अधिकारियों और मुख्यधारा के मीडिया का कहना है कि उन्हें धोखाधड़ी के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.

टेक्सास के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने अपने वाद में आरोप लगाया कि चार अहम राज्यों- जॉर्जिया, मिशिगन, पेन्सिल्वेनिया और विसकॉन्सिन ने अपने ही राज्यों के कानून का उल्लंघन किया है और इस प्रकार से अमेरिकी संविधान का उल्लंघन किया है.

पढ़ें- अमेरिका में फाइजर द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को मिली मंजूरी

अदालत का आदेश आने पर प्रतिनिधि सभा में स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि अदालत ने लाखों अमेरिकी मतदाताओं की इच्छा को पलटने के जीओपी के गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक वाद को खारिज करने का सही कदम उठाया है.

प्रतिनिधि सभा में बहुमत के नेता स्टेनी होयेर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की ट्रंप की कोशिशों पर विराम लगाता है, जो चुनाव हार चुके हैं.

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